Move to Jagran APP

CBSE जल्द ही जारी करेगा कंपार्टमेंटल का शिड्यूल, परीक्षार्थियों को इस वजह से है इसका इंतजार

सीबीएसई के क्षेत्रीय अधिकारी के अनुसार जल्द ही इस पर फैसला लेकर कम्पार्टमेंट परीक्षा और वैकल्पिक परीक्षा के लिए शिड्यूल जारी होगा।

By Ajit KumarEdited By: Published: Sat, 18 Jul 2020 01:13 PM (IST)Updated: Sat, 18 Jul 2020 01:13 PM (IST)
CBSE जल्द ही जारी करेगा कंपार्टमेंटल का शिड्यूल, परीक्षार्थियों को इस वजह से है इसका इंतजार
CBSE जल्द ही जारी करेगा कंपार्टमेंटल का शिड्यूल, परीक्षार्थियों को इस वजह से है इसका इंतजार

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। CBSE 12वीं व 10वीं के रिजल्ट में जो बच्चे एक विषय में पिछड़ गए हैं, उन्हेें जल्द ही कंपार्टमेंटल या वैकल्पिक परीक्षा देने का मौका मिलेगा। सीबीएसई में इसको लेकर एक बार बैठक भी हो चुकी है। सीबीएसई के क्षेत्रीय अधिकारी के अनुसार जल्द ही इस पर फैसला लेकर कम्पार्टमेंट परीक्षा और वैकल्पिक परीक्षा के लिए शिड्यूल जारी होगा। तारीख का फैसला भारत सरकार के परामर्श से किया जाएगा। कुछ छात्रों ने आधिकारिक वेबसाइट को अनरिस्पांसिव होने की बात कही है।

loksabha election banner

सर्वर सही से नहीं चलने से परेशानी

12वीं की एक छात्रा ने बताया कि सर्वर सही से नहीं चलने से परेशानी होती है। इधर, तिरहुत एसोसिएशन ऑफ अनएडेड स्कूल्स संगठन की ओर से सीबीएसई के चेयरमैन से ई-मेल और पत्र के माध्यम से कंपार्टमेंटल परीक्षा नहीं लेकर आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर पिछड़े बच्चों को पास कराने का आग्रह किया गया है। उनका कहना है कि जिस तरह से कुछ विषयों का आंतरिक मूल्यांकन जोर कर रिजल्ट दिया गया है, उसी प्रक्रिया को अपनाया जाए। इससे कोविड-19 में छात्रों को सहायता मिलेगा। आगे पढ़ाई की बात करेगा और बच्चे डिप्रेशन में आने से बच सकेंगे।

पुनर्मूल्यांकन में नंबर बढऩे पर सीबीएसई करे पैसा वापस

सीबीएसई 10वीं व 12वीं में कम अंक पाने वाले छात्र-छात्राओं के स्वजन पुनर्मूल्यांकन में लगने वाले पैसे का विरोध कर रहे हैं। उनलोगों का कहना है कि अगर ऐसी ही बात है तो अंक बढऩे पर सीबीएसई को फिर से उक्त छात्र का पैसा वापस कर देना चाहिए। बैरिया निवासी 12वीं की छात्रा के पिता जयप्रकाश, बालूघाट मोहल्ला निवासी सुनील कुमार सिंह, अहियापुर निवासी संजय कुमार आदि का कहना है कि कोविड-19 के कारण बीच-बीच में लॉकडाउन हो रहा है। इससे आम आदमी की आमदनी बंद होने से उनकी कमर टूट रही है। कुछ पैसे से किसी तरह घर चल रहा। अब कॉपियों के मूल्यांकन में पैसे खर्च करना संभव नहीं है। वे लोग सीबीएसई पर पैसे कमाने का आरोप भी लगा रहे हैं।

कॉपियों की रिचेकिंग में पैसा नहीं लेना चाहिए

तिरहुत एसोसिएशन ऑफ अनएडेड स्कूल के सचिव सुमन कुमार छात्रों के स्वजन से साथ दिखे। उनका कहना है कि कोविड-19 में छात्रों के कॉपियों की रिचेकिंग में पैसा नहीं लेना चाहिए। एक विषय की जांच कराने पर प्रति छात्र को 1200 रुपये खर्च पड़ते हैं। 500 रुपये अप्लाई करने और 700 रुपये आंसर बुक का। इसके अलावा पर प्रत्येक प्रश्न के एवज में 100 रुपये देना है। डीएवी पब्लिक स्कूल खबड़ा के प्राचार्य मनोज कुमार झा ने सीबीएसई द्वारा पुनर्मूल्यांकन के लिए जा रहे पैसे को सही ठहराया है। उनका कहना है कि अगर निशुल्क कर देगा तो फिर सभी बच्चे पुनर्मूल्यांकन के लिए अप्लाई करने लगेंगे। इससे संस्थान को अतिरिक्त बोझ झेलना पड़ेगा।

ऑनलाइन चैलेंज के बाद16 नंबर बढ़े

बता दें कि 2018 में एक उच्च संस्थान में पढऩे वाली छात्रा ने अंग्रेजी की कॉपी का पुनर्मूल्यांकन स्थानीय शिक्षक से कराया और बाद में सीबीएसई द्वारा उसका 16 अंक बढ़ाया गया। पिछले साल भी एक छात्रा ने अंग्रेजी में ही सीबीएसई को ऑनलाइन चैलेंज की थी। उसके भी 12 नंबर बढ़े थे। लेकिन, इनलोगों का पैसा वापस नहीं किया गया है। स्वजनों का कहना है कि यह शिक्षा के अधिकार कानून का उल्लंघन है। इस मामले को लेकर सीबीएसई के रीजनल ऑफिसर जगदीश बर्मन से बात हुई तो उन्होंने सीबीएसई की पॉलिसी को सही ठहराया। उन्होंने कहा कि सीबीएसई के गाइड लाइन के अनुसार ही पैसे लिए जा रहे हंै।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.