गोल्डेन कार्ड रहते मरीज से वसूली इलाज में नकद राशि, लौटाई
जिलाधिकारी से की शिकायत जांच शुरू होते ही लौटा दी राशि। अस्पताल प्रबंधन को चेतावनी- सूची में नाम रहने पर नहीं लें राशि।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। आयुष्मान भारत योजना के तहत लाभार्थी के पास गोल्डेन कार्ड रहते हुए भी इलाज की राशि वसूलने का मामला सामने आया है। जांच के बाद सख्त एक्शन होने पर निजी अस्पताल संचालकों में बेचैनी बढ़ गई है।
इस तरह सामने आया मामला
स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार आयुष्मान भारत योजना से जुड़े जूरन छपरा के एक निजी अस्पताल में मिठनपुरा के विंदेश्वर साह डायलिसिस करवा रहे थे। इसकेएवज में उन्हें भुगतान करना पड़ा। इसकेबाद उन्होंने अस्पताल प्रबंधन से शिकायत की। आयुष्मान भारत में उनका नाम है। गोल्डेन कार्ड और राशन कार्ड भी है। इसकेबाद भी राशि मांगी जा रही है। अस्पताल प्रबंधन ने उनकी नहीं सुनी। इस पर उन्होंने जिलाधिकारी सहित स्वास्थ्य विभाग से इसकी शिकायत की।
जिलाधिकारी आलोक कुमार घोष ने इसे गंभीरता से लिया तथा जांच का आदेश दिया। जिला कार्यक्रम प्रबंधक बीपी वर्मा की देखरेख में जांच हुई तो मरीज की शिकायत सही पाई गई। जांच शुरू होने के साथ ही अस्पताल प्रबंधन ने आननफानन में मरीज को राशि लौटा दी। इसकी जानकारी जांच टीम को दी। इस संबंध में सिविल सर्जन डॉ. शिवचंद्र भगत ने बताया कि टीम के जाने केबाद मरीज का भुगतान कर दिया गया है।
उन्होंने हिदायत दिया कि मरीज के पास यदि गोल्डेन कार्ड है तो किसी भी कीमत पर नकद राशि लिए बिना निश्शुल्क इलाज करना है। जांच टीम ने अपनी रिपोर्ट मे ंलिखा है कि अस्पताल की नियमित मॉनीटरिंग करनी जरूरी है।
अस्पताल प्रबंधन ने जांच टीम को बताया कि मरीज ने शिकायत की थी। उनसे जब गोल्डेन कार्ड मांगा गया तो नहीं दिया। इस पर पैसा लिया गया। बाद में जब राशन कार्ड दिया और जांच हुई तो जो पैसा इलाज के दौरान लिया गया था उसे लौटा दिया गया। 15 जनवरी से अस्पताल में भारत सरकार की योजना लागू है। टीम को यह भी जानकारी दी गई कि अब तक कुल 99 मरीजों का गोल्डेन कार्ड से इलाज हुआ है।