चेक बाउंस मामले में अपील ग्रहण के बिंदु पर खारिज
धोखाधड़ी व चेक बाउंस के मामले में निचली अदालत से कारावास व जुर्माना की सजा के विरुद्ध की गई अपील को जिला जज के कोर्ट ने ग्रहण के बिंदु पर खारिज कर दिया है।
मुजफ्फरपुर। धोखाधड़ी व चेक बाउंस के मामले में निचली अदालत से कारावास व जुर्माना की सजा के विरुद्ध की गई अपील को जिला जज के कोर्ट ने ग्रहण के बिंदु पर खारिज कर दिया है। निचली अदालत ने इस मामले में काजीमोहम्मदपुर थाना क्षेत्र के कलमबाग चौक पंजाबी कॉलोनी निवासी चंद्रभूषण सिंह को दोषी करार देते हुए दो साल साधारण कारावास व चार लाख रुपये जुर्माना की सजा सुनाई थी। इस फैसले के विरुद्ध उन्हें एक माह के अंदर जिला जज की अदालत में अपील करने की मोहलत देते हुए औपबंधिक जमानत दी गई थी। लेकिन, उन्होंने यह अवधि बीत जाने के बाद जिला जज के कोर्ट में अपील दायर की गई। इसे कोर्ट ग्रहण के बिंदु पर सुनवाई के लिए योग्य नहीं माना।
यह है मामला : काजीमोहम्मदपुर थाना क्षेत्र के दामुचक निवासी कुमारी सारिका ने 21 नवंबर 2011 को सीजेएम कोर्ट में परिवाद दाखिल किया था। इसमें पंजाबी कॉलोनी निवासी चंद्रभूषण सिंह को आरोपित बनाया था। उसने परिवाद में कहा था कि 15 दिसंबर 2009 को चंद्रभूषण सिंह ने उससे दो लाख रुपये उधार लिए थे। 31 दिसंबर 2010 तक रुपये वापस करने का वादा किया था, लेकिन वापस नहीं किया। परिवाद की जांच के बाद कोर्ट ने मामले का संज्ञान लिया। बाद में मामले का विचारण एसीजेएम-7 रजनी कुमारी के कोर्ट में चला। उन्होंने 21 सितंबर 2017 को इस पर फैसला सुनाते हुए चंद्रभूषण सिंह को दो साल साधारण कारावास व चार लाख रुपये जुर्माना की सजा सुनाई। उन्हें इस फैसले के विरुद्ध एक माह के अंदर जिला जज के कोर्ट में अपील करने की मोहलत मिली थी, लेकिन उन्होंने एक सितंबर 2017 को अपील अर्जी दाखिल की। कुमारी सारिका के अधिवक्ता प्रियरंजन अनु ने बताया कि कोर्ट के समक्ष यह बात रखी गई कि अपील के समय चंद्रभूषण सिंह न तो जमानत पर हैं और न ही जेल में है। ऐसे में उनकी अपील सुनवाई के लिए ग्रहण करने योग्य नहीं है। कोर्ट ने उनकी दलील को स्वीकार कर आदेश जारी किया है।