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सावधान! 24 घंटे में ही खतरनाक स्तर पर पहुंचा वायु प्रदूषण

शहर में वायु प्रदूषण का स्तर एक दिन पूर्व के मुकाबले बुधवार को और अधिक खराब स्थिति में पहुंच गया। एयर क्वालिटी इंडेक्स के हिसाब से मंगलवार को जहां खराब स्थिति दर्ज की गई थी वहीं अगले 24 घंटे में ही यह बढ़कर और बदतर हो गई।

By JagranEdited By: Published: Thu, 14 Nov 2019 02:07 AM (IST)Updated: Thu, 14 Nov 2019 06:16 AM (IST)
सावधान! 24 घंटे में ही खतरनाक स्तर पर पहुंचा वायु प्रदूषण
सावधान! 24 घंटे में ही खतरनाक स्तर पर पहुंचा वायु प्रदूषण

मुजफ्फरपुर। शहर में वायु प्रदूषण का स्तर एक दिन पूर्व के मुकाबले बुधवार को और अधिक खराब स्थिति में पहुंच गया। एयर क्वालिटी इंडेक्स के हिसाब से मंगलवार को जहां खराब स्थिति दर्ज की गई थी वहीं अगले 24 घंटे में ही यह बढ़कर और बदतर हो गई। यह स्तर अत्यंत खतरनाक जोन से सिर्फ एक पायदान पीछे रह गया है। ऐसे में लोगों को घर के बाहर नहीं निकलने की सलाह दी जाती है। स्वस्थ लोग भी सांस की बीमारियों की चपेट में आ सकते हैं। फेफड़े/हृदय रोगियों के लिए आबोहवा जानलेवा साबित हो सकती है। फिलहाल, शहर की जो स्थिति है वे बेहद चिंताजनक है। लंबे समय तक ऐसी स्थिति रहने पर सांस की बीमारी के मरीज बढ़ सकते हैं। इंडेक्स वैल्यू दिल्ली और पटना की अपेक्षा एक दिन पूर्व जहां 277 थी। वहीं, अगले ही दिन बढ़कर 326 पर जा पहुंची।

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एयर क्वालिटी इंडेक्स स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभावों से कराती अवगत

वायु गुणवत्ता प्रबंधन केंद्र, मुजफ्फरपुर के अनुसार एयर क्वालिटी 326 का स्तर काफी खराब स्थिति है। ये रेड जोन के करीब पहुंच गई है। शाम आठ बजे कलेक्ट्रेट कैंपस में अवस्थित प्रदूषण केंद्र से ये आंकड़ा सामने आया। दिल्ली में एयर क्वालिटी इंडेक्स वैल्यू 456 पर पहुंच गई, जो अत्यंत गंभीर स्थिति दर्शाती है। वहीं, पटना में ये 373 जा पहुंची है। जैसे-जैसे हवा की गुणवत्ता खराब होती जा रही है, वैसे ही रैंकिंग अच्छी से खराब और फिर गंभीर की श्रेणी में आती जाती है। लिहाजा, सबकी निगाह एयर क्वालिटी इंडेक्स पर टिकी है। ये हमें स्वास्थ्य पर इससे पड़ने वाले प्रभावों से अवगत कराती है। एयर क्वालिटी इंडेक्स स्वास्थ्य पर प्रभाव

अच्छा (0-50) : कुछ नहीं

संतोषजनक (51-100) : संवेदनशील लोगों को सास लेने में तकलीफ हो सकती है। थोड़ा प्रदूषित (101-200) : फेफड़े की बीमारी जैसे अस्थमा और हृदय रोगी, बच्चे और वयस्कों को सास लेने में तकलीफ हो सकती है। खराब (201-300) : लंबे समय तक ऐसा रहने पर लोगों को सास लेने में तकलीफ और हृदय रोग से पीड़ित लोगों को काफी असुविधा हो सकती है। बहुत खराब (301-400) : लंबे समय तक ऐसी स्थिति रहने पर लोगों को सास की बीमारी हो सकती है। फेफड़े और दिल की बीमारियों वाले लोगों पर प्रभाव अधिक खतरनाक हो सकता है। गंभीर (401-500) : यह आपातकाल कहा जाएगा। स्वस्थ लोगों में भी सांस की बीमारी हो सकती है। फेफड़े/हृदय रोग वाले इसके प्रभाव से गंभीर रूप से प्रभावित हो सकते हैं। ऐसी स्थिति में घर के अंदर रहने की सलाह दी जाती है।


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