एक ऊंट मरणासन्न, बदहाल हुई गोशाला
पशु चारा व उचित इलाज के अभाव में गोशाला में रखा गया एक ऊंट मरणासन्न हो गया है। प्रबंधन व प्रशासन दोनों के उदासीन रवैये के चलते यहां की स्थिति बदतर हो गई है।
मुजफ्फरपुर। पशु चारा व उचित इलाज के अभाव में गोशाला में रखा गया एक ऊंट मरणासन्न हो गया है। प्रबंधन व प्रशासन दोनों के उदासीन रवैये के चलते यहां की स्थिति बदतर हो गई है। गोशाला में दूध की बिक्री भी बंद हो गई है।
तस्करों से जब्त किए गए 17 ऊंटों को प्रशासन द्वारा गोशाला को सौंपने के बाद इनके इलाज आदि की व्यवस्था से मुंह मोड़ लिया गया। इन पशुओं के लिए बबूल बरगद व नीम की पत्तियां चारा के रूप में चाहिए। लेकिन, इनकी पर्याप्त व्यवस्था नहीं हो पाई। इन 17 में एक ऊंट की हालत बेहद गंभीर व अन्य दो की हालत भी अच्छी नहीं थी। किसी तरह इलाज से एक ऊंट की स्थिति कुछ ठीक हुई लेकिन फिर अभी उचित देखभाल के अभाव में वह गंभीर हाल में है। चिंताजनक यह है कि इन दिनों गोशाला कर्मियों की हड़ताल चल रही है।
गोशाला कर्मचारी यूनियन के अध्यक्ष लाल बाबू पासवान ने डीएम को पत्र लिखकर वर्तमान गोशाला प्रबंधन कमेटी को भंग करने का आग्रह किया है । उन्होंने आरोप लगाया है कि प्रबंधन पशुओं के प्रति अमानवीय रुख अपनाए हुए है। पशुपालन विभाग द्वारा भी इन ऊंटों के चारा व देखभाल की समुचित व्यवस्था नहीं की गई है।
उधर, सचिव कृष्ण मुरारी भरतिया ने गोशाला की मौजूदा स्थिति पर अनभिज्ञता जताई। उन्होंने कहा कि वे लंबे अवकाश पर हैं। समुचित चारा की व्यवस्था नहीं होने से गोशाला परिसर के पेड़ों के सारे पत्ते ऊंटों को खिला दिए गए। लिहाजा अब यहां के पेड़ भी ठूंठ हो गए हैं। उधर, सेवादार मंच के अविनाश भाई की अगुवाई में प्रतिनिधिमंडल गोशाला गया था। उन्होंने वहां पशुओं की हालत दयनीय पाई। इनकी मांग है कि अविलंब इन ऊंटों को राजस्थान भेजने की व्यवस्था की जाए।
जिला पशुपालन पदाधिकारी डॉ. मनोज कुमार ने बताया कि बीमार ऊंट का इलाज चल रहा है। उसकी हालत गंभीर है। हमारी पूरी कोशिश है कि इन ऊंटों को राजस्थान भेज दिया जाए।