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एनजीटी की रोक से पटाखा मंडी में मायूसी

दीपावली में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के आदेश पर बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद की ओर से पटाखों की बिक्री व प्रयोग पर रोक लगाने से पटाखा मंडी के थोक व खुदरा व्यापारी मायूस हैं।

By JagranEdited By: Published: Sun, 24 Oct 2021 01:39 AM (IST)Updated: Sun, 24 Oct 2021 01:39 AM (IST)
एनजीटी की रोक से पटाखा मंडी में मायूसी
एनजीटी की रोक से पटाखा मंडी में मायूसी

मुजफ्फरपुर : दीपावली में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के आदेश पर बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद की ओर से पटाखों की बिक्री व प्रयोग पर रोक लगाने से पटाखा मंडी के थोक व खुदरा व्यापारी मायूस हैं। मुजफ्फरपुर, पटना, गया व हाजीपुर शहर में रोक लगाई गई है। कारोबारियों की मानें तो पहले कोरोना ने कारोबार चौपट किया और अब रोक से करोड़ों का कारोबार प्रभावित होगा। मंडी में ग्रीन पटाखे ही उपलब्ध हैं।

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शहर के छाता बाजार, सरैयागंज सहित अन्य पटाखा मंडियों में दीपावली को लेकर ग्राहक पहुंच रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्र के व्यवसायी पटाखों की खरीदारी करनी शुरू कर दी है। हालांकि अभी तक जिला प्रशासन या पुलिस की ओर से पटाखों की बिक्री पर रोक से संबंधित कोई आदेश नहीं निकाला गया है।

फंसी एक करोड़ की पूंजी :

शहर की पटाखा मंडी में कारोबारियों की एक करोड़ से अधिक की पूंजी फंसी है। जिले में 23 लाइसेंसी दुकानें हैं। इस बार दोकरोड़ से अधिक की बिक्री का अनुमान कारोबारियों को है। व्यापारियों का कहना है कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा ग्रीन तथा इको फ्रेंडली पटाखों से दीपावली मनाने के निर्देश के बाद इस वर्ष ग्रीन पटाखे ही मंगवाए हैं। जहां रोक नहीं है वहां के खुदरा कारोबारी पटाखे ले जा रहे हैं।

कारोबारियों की स्थिति हो जाएगी दयनीय

फायर व‌र्क्स एसोसिएशन के अध्यक्ष इम्तेयाज अहमद ने बताया कि कोरोना से पिछले साल पटाखा कारोबारियों की कमर टूट गई। इस बार ग्रीन पटाखा ही मंगवाए हैं। धुआं और तेज आवाज होने वाले मसाले, बैरियम नाइट्रेट को हटा दिया गया है। इससे 88 प्रतिशत प्रदूषण कम हो जाता है। इस बार दीपावली में अगर पटाखे का कारोबार बंद हुआ तो कारोबारी रोड पर आ जाएंगे। कई कारोबारी घर-संपत्ति को बैंक में गिरवी रख व्यवसाय में पैसा लगाए हैं। कारोबार अगर बंद हुआ तो उनकी स्थिति काफी दयनीय हो जाएगी। चाइनीज पटाखों की खत्म हुई बिक्री

विगत पांच साल से चीन निर्मित पटाखे नहीं आ रहे। बाजार से अब चीन निर्मित पटाखों की बिक्री खत्म हो गई है। एक पटाखा कारोबारी ने बताया कि जिस स्टेट में बंदरगाह है वहां थोड़े-बहुत चाइनीज पटाखे उनके बाजारों में पहुंच जा रहे, लेकिन यहां तक पहुंचना नामुमकिन हैं। क्या होते हैं ग्रीन पटाखे :

ग्रीन पटाखे दिखने, जलाने और आवाज में सामान्य पटाखों की तरह ही होते हैं, लेकिन इनसे प्रदूषण कम होता है। सामान्य पटाखों की तुलना में इन्हें जलाने पर 50 प्रतिशत तक कम हानिकारक गैस निकलती है। सामान्य पटाखों को जलाने से भारी मात्रा में नाइट्रोजन व सल्फर गैस निकलती है। ग्रीन पटाखों में इस्तेमाल होने वाले मसाले सामान्य पटाखों से अलग होते हैं।


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