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दरभंगा में करोड़ों के सोना लूट की घटना के बाद दहशत में सीतामढ़ी के व्यवसायी

Sitamarhi News पुलिस की सुरक्षा बंदोबस्त से इत्मीनान नहीं है व्यवसायी वर्ग हाल की घटनाओं ने पुलिस की साख पर उठाया सवाल। पुलिस बल की कमी के साथ चौक-चौराहों व भीड़भाड़ वाले इलाकों में उस लिहाज से चौकसी का रहता अभाव।

By Murari KumarEdited By: Published: Thu, 10 Dec 2020 04:53 PM (IST)Updated: Thu, 10 Dec 2020 04:53 PM (IST)
दरभंगा में करोड़ों के सोना लूट की घटना के बाद  दहशत में सीतामढ़ी के व्यवसायी
दरभंगा में लूट की घटना के बाद दहशत में सीतामढ़ी के व्यवसायी

सीतामढ़ी, कृष्ण यादव। दरभंगा में करोड़ों के सोना लूट की घटना से पड़ोसी जिला सीतामढ़ी भी सहम उठा है। भारत-नेपाल सीमा क्षेत्र होने से सुरक्षा को लेकर जान सांसत में ही रहती है। आम आदमी हो या व्यवसायी वर्ग हर कोई सहमा रहता है। सुरक्षा के लिहाज से पुलिस‍िंंग  चुस्त-दुरुस्त नहीं होने को लेकर दरभंगा की घटना ने व्यवसायियों की बेचैनी बढ़ा दी है। सीतामढ़ी पुलिस के भरोसे व्यवसायी वर्ग सुरक्षा को लेकर इत्मीनान भी नहीं रहता। दरभंगा की तरह यहां सोना लूट की कोई बड़ी वारदात तो नहीं हुई है मगर, पिछले साल दो साल में जिस तरह से आपराधिक वारदातें बढ़ी हैं और उनमें पुलिस की सुस्त कार्यप्रणाली सामने आई है, ङ्क्षचता इस बात से ज्यादा है।

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 सीतामढ़ी से जिला मुख्यालय डुमरा तक कहीं भी चले जाइए चौकसी शायद ही आपको नजर आएगी। व्यवसायिक इलाका हो या मॉल और बैंक सभी जगह बेपरवाही साफ दिखाई पड़ती है। पुलिस बल की कमी तो समझ में आती है, कम से कम सीसी कैमरे भी पर्याप्त होने चाहिए। ताकि, सार्वजनिक स्थल, बाजार, प्रमुख स्थल और संवेदनशील स्थानों की निगरानी की जा सके। ये जानते हुए कि सीसीटीवी सार्वजनिक स्थानों पर लगाकर अपराध पर अंकुश और अपराधियों की धर-पकड़ में सहूलियत हो सकती है फिर भी इस ओर बेफिक्री का आलम दिखता है। 

सोना लूटने वाला गैंग बिहार के अधिकतर

दरभंगा के पहले पिछले साल मुजफ्फरपुर में मुथूट फायनेंस के ऑफिस से 10 करोड़ के सोना की लूट हुई थी। सदर थाना क्षेत्र के भगवानपुर स्थित मुथूट फाइनेंस कंपनी के कार्यालय से लुटेरों ने 32 किलोग्राम सोना व दो लाख से अधिक कैश लूट लिए थे। इतना ही नहीं पिछले कुछ वर्षों में सोना लूट की जितनी भी घटनाएं सामने आई हैं उनमें अधिकतर बिहार के ही लुटेरे सामने आए हैं। बेशक, दरभ्ंगा की लूट में यहीं के लुटेरे होंगे। इसमें भी कोई दो राय नहीं कि लूट की इतनी बड़ी वारदात में स्थानीय हाथ नहीं हो। लूट की ज्वेलरी खरीदने में कुछ ज्वेलर्स के हाथ भी हो सकते हैं। जैसा की कुछ घटनाओं में यह बात सामने आई है।

 जुलाई 2017 में जयपुर के मानसरोवर राजपथ स्थित मुथूट फाइनांस में बिहार के गैंग ने ही लूट की घटना को अंजाम दिया था। 21 जुलाई को लुटेरों ने फाइनांस कंपनी के स्ट्रांग रूम में 31 किलो सोना और 2.88 लाख रुपए लूट लिए थे। पता चला कि घटना को अंजाम देने वाले चारों लुटेरे बिहार के पटना और वैशाली के रहने वाले थे। उसमें अपराधियों की निशानदेही पर पुलिस ने लूट की ज्वेलरी खरीदने वाले दो ज्वेलर्स को हाजीपुर से गिरफ्तार किया था। पुलिस के अनुसार, अपराधी लूट की वारदात को अंजाम देने के बाद हाजीपुर में सोने को सस्ते में बेच देते थे। लूटा हुआ सोना अपराधी नेपाल ले जाकर खपाते हैं।

 मार्च 2019 में बिहार एसटीएफ की मुठभेड़ में मारे गए गोल्ड लूट गैंग के सरगना मनीष ङ्क्षसह सोना लूटने की कला अपने गुरु बिहार के कुख्यात सोना लूटेरे सुबोध ङ्क्षसह से सीखी थी। उसने कई राज्यों में 500 करोड़ रुपए से ज्यादा का सोना लूटा था। जनवरी 2018 को कोटा के नयापुरा स्थित मणप्पुरम गोल्ड लोन से आठ करोड़ रुपए का 27 किलो सोना लूटने की वारदात में मनीष ङ्क्षसह के साथ मुजफ्फरपुर जिले के मनियारी थाना निवासी अब्दुल इमाम उर्फ राजकुमार भी शामिल था। वैशाली जिले में महनार थाने की हसनपुर दक्षिणी पंचायत के बहलोलपुर दियारा गांव में पटना एसटीएफ और वैशाली पुलिस के जॉइंट एनकाउंटर में गिरोह के मुखिया मनीष ङ्क्षसह (निवासी थाना राघोपुर, वैशाली) के साथ-साथ उसका खास गुर्गा भी मारा गया। 

सीतामढ़ी से डुमरा तक चौकसी नदारद, इत्मीनान बैठा प्रशासन

कई जगहों पर ट्रैफिक पुलिस के भरोसे ही सुरक्षा का दारोमदार है। कुछ सार्वजनिक स्थल जैसे किरण चौक, गांधी चौक, पासवान चौक, भवदेपुर चौक और जानकी स्थान चौक पर पुलिस की व्यवस्था है। मगर इन स्थानों पर अधिकतर ट्रैफिक के लिए होमगार्ड जवान को लगे हैं। शहर के किरण चौक, गांधी चौक, मेहसौल चौक, कारगिल चौक, बासुश्री चौक, जानकी स्थान चौक, गौशाला चौक, सोनापट्टी चौक, सरावगी चौक, मिर्चापट्टी चौक व पासवान चौक पर सुरक्षा व ट्रैफिक व्यवस्था में 42 पुलिस जवान पुलिस लाइन से तैनात किए गए हैं। इनकी ड्यूटी सुबह नौ बजे से रात नौ बजे तक की है। उधर, गुदरी बजार, नगर उद्यान, बाईपास रोड, बस स्टैंड जैसे जगहों की सुरक्षा भगवान भरोसे रहती है। इन इलाकों में लगातार घटनाएं होती रहती हैं।

एसपी ऑफिस के समीप सीसीटीवी से कंट्रोलिग

शहर के मेन रोड में मुख्यालय डुमरा से लेकर कारगिल चौक, मेहसौल चौक, किरण चौक, गांधी चौक, जानकी स्थान, गौशाला चौक के अलावा ब्रांच रोड में अस्पताल रोड, भवदेपुर चौक, सिनेमा रोड, पासवान चौक, बाईपास बस स्टैंड तक जिला प्रशासन के द्वारा सीसी कैमरे लगे हुए हैं। जिसका कंट्रोल रूम समाहरणालय स्थित एसपी ऑफिस के समीप बना है। पुलिस प्रशासन का दावा है कि ये सभी कैमरे चालू हालत में हैं।


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