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BSEB, Bihar Board 10th Result 2021: अंक नहीं काबिलियत काे बनाएं पैमाना, हार मान लेना बुजदिली

BSEB Bihar Board 10th Result 2021 मनोवैज्ञानिक की सलाह बच्चों का उत्साहवद्र्धन करें अभिभावक। कम अंक आने या फेल होने पर नहीं करें अन्य बच्चों से तुलना। बच्चों को कराएं अहसास उनके लिए वो पहले अनमोल हैं। निराशा के बदले आशा के साथ उत्साह से आगे की तैयारी करें।

By Ajit KumarEdited By: Published: Tue, 06 Apr 2021 09:18 AM (IST)Updated: Tue, 06 Apr 2021 09:18 AM (IST)
BSEB, Bihar Board 10th Result 2021: अंक नहीं काबिलियत काे बनाएं पैमाना, हार मान लेना बुजदिली
यह पल अभिभावकों को बच्चों के साथ खड़े रहने का है। फोटो: जागरण

मुजफ्फरपुर, जासं। BSEB, Bihar Board 10th Result 2021:बिहार बोर्ड की मैट्रिक की परीक्षा का परिणाम सोमवार को जारी हो गया। जिन बच्चों का परिणाम बेहतर रहा उनके चेहरे पर संतोष के भाव रहे। वहीं, जिनका परिणाम अपेक्षा के अनुरूप नहीं हो सका उन्हें निराशा हुई। अपने सहपाठियों के सामने वे खुद को कमजोर समझने लगे हैं। कुछ अभिभावक भी इसे खुद की प्रतिष्ठा से जोड़कर बच्चों को निकम्मा साबित करते हैं। यह बच्चे के साथ ही पूरे परिवार के लिए खतरनाक है। ऐसे में अभिभावकों की जिम्मेदारी है कि वे बच्चों को हतोत्साहित करने के बदले उनका उत्साहवद्र्धन करें। उन्हें ये बताएं कि आगे बेहतर का प्रयास करें। निराशा के बदले आशा के साथ उत्साह से आगे की तैयारी करें। 

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नीतीश्वर महाविद्यालय के मनोविज्ञान संकाय की विभागाध्यक्ष डॉ. कुमारी सरोज कहती हैं कि यह पल अभिभावकों को बच्चों के साथ खड़े रहने का है। उनका हौसला बढ़ाएं। बच्चों को यह अहसास कराएं कि उनके लिए वो ज्यादा अनमोल हैं। उत्साह से आगे की तैयारी करें। वे हर कदम पर उनके साथ हैं। उनकी तुलना अन्य बच्चों से नहीं करें। इससे उनपर मानसिक दबाव बनता है, जिसका परिणाम बेहतर नहीं होगा। वहीं बच्चों को भी यह समझना होगा कि परीक्षा में आने वाले माक्र्स उनकी काबिलियत का पैमाना नहीं हंै। हार मान लेना बुजदिली है। उन्होंने कहा कि किसी एक परीक्षा में कम अंक आना या फेल होने से बेहतर कल की उम्मीद खत्म नहीं होती। उन्होंने कहा कि कामयाबी के फल परीक्षा के अंकों के पेड़ पर नहीं लगते। यह जिंदगी की अंतिम परीक्षा नहीं। आगे कई परीक्षाएं हैं उसकी तैयारी करें एवं अपनी प्रतिभा को निखारें। उन्होंने कहा कि आइंस्टीन अपनी कक्षा में टॉपर नहीं थे। उस समय टॉपर कौन था ये आज कोई नहीं जानता, लेकिन आइंस्टीन आज भी सबको याद हैं।  

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