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मुजफ्फरपुर का महापाप: अस्‍पताल से बैरक में शिफ्ट हुआ ब्रजेश, अब रिमांड पर लेगी CBI

मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड के आरोपित ब्रजेश ठाकुर को जेल अस्‍पताल से बैरक भेज दिया गया है। इस बीच सीबीआइ जांच भी आगे बढ़ी है।

By Amit AlokEdited By: Published: Sun, 12 Aug 2018 07:09 PM (IST)Updated: Sun, 12 Aug 2018 10:30 PM (IST)
मुजफ्फरपुर का महापाप: अस्‍पताल से बैरक में शिफ्ट हुआ ब्रजेश, अब रिमांड पर लेगी CBI
मुजफ्फरपुर का महापाप: अस्‍पताल से बैरक में शिफ्ट हुआ ब्रजेश, अब रिमांड पर लेगी CBI
पटना [जेएनएन]। मुजफ्फरपुर बालिका गृह यौन उत्पीडऩ कांड के किंगपिन ब्रजेश ठाकुर के जेल में 'अच्‍छे दिन' पूरे हो गए हैं। उसको मुजफ्फरपुर केंद्रीय कारा के जेल अस्पताल से वार्ड में शिफ्ट किया गया है। उसकी मेडिकल रिपोर्ट में ऐसी किसी बीमारी की चर्चा नहीं है, जिसके कारण उसे जेल के अस्पताल में रखना पड़े। उधर, सीबीआइ ब्रजेश ठाकुर के वार्ड में लौटते ही उसे रिमांड में लेने की तैयारी में है।
इस बीच ब्रजेश ठाकुर के पास 50 से अधिक हाई प्रोफाइल लोगों के नाम व नंबर लिखीं तीन पर्चियां मिली हैं। इनमें एक पर्ची पर अलग-अलग बैंक खातों में जमा ढ़ाई करोड़ रुपये की निकासी का विवरण भी लिखा है। ये पर्चियां शनिवार को मुजफ्फरपुर जेल में जिला प्रशासन की छापेमार के दौरान मिलीं थीं।
अस्‍पताल में टहलता मिला था ब्रजेश
सूत्रों के अनुसार ब्रजेश ठाकुर की मेडिकल रिपोर्ट का अध्ययन सीबीआइ की विशेषज्ञ टीम ने कर लिया गया है। ब्रजेश ठाकुर की मेडिकल रिपोर्ट में उसकी कमर में दर्द, हाइ ब्लड प्रेशर और डायबिटीज की बीमारी बताई गई है। लेकिन विगत शनिवार को जब मुजफ्फरपुर के डीएम व एसपी ने शहीद खुदीराम बोस केंद्रीय कारा की औचक तलाशी लेने पहुंचे तब ब्रजेश ठाकुर मुलाकाती कक्ष में टहलता हुआ पाया गया था।
अभी तक केवल पांच दिन रहा जेल बैरक में
बता दें कि विगत 2 जून को अपनी गिरफ्तारी के बाद से ब्रजेश ठाकुर महज पांच दिनों तक ही अपने वार्ड में रहा है। उसके बाद उसे श्रीकृष्‍ण सिंह मेडिकल कॉलेज एवं अस्‍पताल (एसकेएमसीएच) स्थानांतरित कर दिया गया था। एसकेएमसीएच में करीब 20 दिनों तक रहने के बाद जब उसे वापस जेल भेजे जाने के बाद वह 27 जून से जेल के अस्पताल में रह रहा था।
अब रिमांड पर लेगी सीबीआइ
सीबीआइ ने उसे पुलिस रिमांड पर लेने से पहले मेडिकल बोर्ड से उसकी मेडिकल रिपोर्ट तैयार कराई। अब इस रिपोर्ट के आधार पर सीबीआइ एक-दो दिनों में अपनी विशेष अदालत से उसे पुलिस रिमांड पर लेने का आग्रह कर सकती है।

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