BRA Bihar University: बीएड की दूसरी सूची में भी पुराने विद्यार्थियों को ही आवंटित कर दी सीट
BRA Bihar University बीएड कॉलेजों में दूसरी सूची में भी कम हो सकता नामांकन। पहले चरण में काफी विद्यार्थियों ने नहीं लिया था नामांकन। अधिक दूरी और अन्य कारणों से अधिकतर विद्यार्थियों ने नामांकन ही नहीं लिया और आवेदन में स्किप फॉर नेक्सट राउंड के विकल्प को चुना।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। BRA Bihar University के कई बीएड कॉलेजों में पहली सूची के आधार पर नामांकन नहीं लेने वाले विद्यार्थियों को फिर से वही कॉलेज आवंटित कर दिया गया है। इससे दूसरे राउंड की काउंसिलिंग के बाद भी कॉलेजों में अधिकतर सीटें खाली रहने की आशंका है। कई कॉलेज संचालकों ने बताया कि पहले राउंड में जिन विद्यार्थियों को उनका कॉलेज आवंटित किया गया था उसमें अधिकतर दूसरे जिले के थे। अधिक दूरी और अन्य कारणों से अधिकतर विद्यार्थियों ने नामांकन ही नहीं लिया और आवेदन में स्किप फॉर नेक्सट राउंड के विकल्प को चुना। अब दूसरे चरण में शेष सीटों में 80 फीसद ऐसे ही विद्यार्थियों को आवंटित कर दी गई हैैं। बीएड के राज्य नोडल पदाधिकारी प्रो.अजीत कुमार सिंह का कहना है कि कंप्यूटर प्रोग्राम में यही विकल्प सेट किया गया था। ऐसे में उन्हें नीचे का कॉलेज मिलने पर कटऑफ में गड़बड़ी हो सकती थी। तीसरे राउंड की काउंसिलिंग से पहले उन छात्र-छात्राओंको अपने विकल्प को रीसेट करने का विकल्प दिया जाएगा। इसमें विद्यार्थियों को खास निर्देश होगा कि वे जहां नामांकन लेना चाहते हों उसी कॉलेज का विकल्प दें।
तीसरे राउंड में नामांकन नहीं लेने पर ऑन स्पॉट का नहीं मिलेगा विकल्प
डॉ.अजीत ने बताया कि कॉलेजों में इसबार सीटों को भरने के लिए पूरा प्रयास किया जाएगा। यदि तीसरे राउंड के लिए रीसेट करने के बाद दिए गए विकल्प में विद्यार्थी नामांकन नहीं लेते हैं तो उनका दावा समाप्त कर दिया जाएगा। उन्होंने इसका प्रस्ताव राजभवन भेजा है। कहा कि इसे स्वीकृति मिलने के बाद तीसरे चरण की काउंसिलिंग की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। बताया कि राजभवन के निर्देश के अनुसार ही दूसरी मेधा सूची जारी की गई और उसी आधार पर प्रमाणपत्रों की जांच भी विवि के मुख्यालयों में कराई जाएगी। बता दें कि दूसरे चरण की काउंसिलिंग बुधवार से होगी। एलएन मिश्रा कॉलेज भगवानपुर में विद्यार्थी कॉलेजवार आकर काउंसिलिंग में भाग ले सकेंगे। मालूम हो कि पहले चरण की काउंसिलिंग के बाद कॉलेजों में 50 फीसद से अधिक सीटें खाली रह गई हैं।