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बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में स्नातक पार्ट टू की परीक्षा 28 से, जानें व्यवस्था के बारे में Muzaffarpur News

BRA Bihar University स्नातक पार्ट टू में एक लाख छात्र-छात्राएंआज आएगा शिड्यूल। 52 केंद्रों पर होगी प्रायोगिक परीक्षा। न बढिय़ा लैब न डेमोस्ट्रेटर न उपकरण बिना पढ़ाई परीक्षा।

By Ajit KumarEdited By: Published: Sun, 17 Nov 2019 10:55 AM (IST)Updated: Sun, 17 Nov 2019 10:55 AM (IST)
बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में स्नातक पार्ट टू की परीक्षा 28 से, जानें व्यवस्था के बारे में Muzaffarpur News
बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में स्नातक पार्ट टू की परीक्षा 28 से, जानें व्यवस्था के बारे में Muzaffarpur News

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में स्नातक पार्ट टू-2019 की परीक्षा 28 नवंबर से होने वाली है। इससे पहले 18 नवंबर से 52 केंद्रों पर प्रायोगिक परीक्षाएं शुरू होने जा रही है। परीक्षा नियंत्रक डॉ. मनोज कुमार ने शनिवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 25 नवंबर तक प्रायोगिक परीक्षा चलेगी। इसके बाद 28 से सैद्धांतिक परीक्षाएं शुरू होंगी।

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रविवार को परीक्षा कार्यक्रम घोषित करने की उन्होंने बात कही। इस परीक्षा में तकरीबन एक लाख छात्र-छात्राएं सम्मिलित होने वाले हैं। इस परीक्षा को लेकर विद्यार्थियों में ऊहापोह बरकरार था। प्रायोगिक व सैद्धांतिक परीक्षाओं को लेकर सिर्फ कयास ही लगाए जा रहे थे क्योंकि अभी तक कार्यक्रमों की विधिवत घोषणा नहीं हो सकी थी। मगर, शनिवार शाम इसकी घोषणा कर परीक्षा नियंत्रक ने अटकलों पर विराम लगा दिया। हालांकि, परीक्षा कार्यक्रम फिर भी घोषित नहीं हो सका। उन्होंने बताया कि परीक्षा शिड्यूल बनकर तैयार है उसपर कुलपति डॉ. आरके मंडल की सहमति रविवार को मिल जाएगी। शाम में उसकी घोषणा भी हो जाएगी।

बिना प्रैक्टिकल पास कर रहे परीक्षा

एलएस कॉलेज के रसायन विभागाध्यक्ष प्रो. शशि कुमारी सिंह खुलकर स्वीकार करती हैं कि साइंस के छात्र बिना प्रैक्टिकल या दूसरे शब्दों में कहें तो आधे-अधूरे प्रैक्टिकल के ही परीक्षा पास कर रहे हैं। कई कॉलेज में प्रैक्टिकल के सामान ही नहीं हैं तो कुछ में अगर प्रैक्टिकल के उपकरण हैं तो फिर स्टाफ ही नहीं है। प्रयोगशाला के लिए डेमोस्ट्रेटर हुआ करते थे मगर ये पोस्ट खत्म होने के बिना प्रैक्टिकल विद्यार्थी परीक्षा पास कर रहे हैं। बिना डेमोस्ट्रेटर व लैब टेक्नीशियन के लैब कैसे चलेगा। इसपर भी ध्यान देने की जरूरत है।

बिना प्रैक्टिकल कॅरियर कैसे बनेगा

श्याम नंदन सहाय कॉलेज के शिक्षक डॉ. अजय कुमार श्रीवास्तव, डॉ. एबी शरण, डॉ. अरविंद कुमार, एलएस कॉलेज के डॉ. सुरेंद्र राय, डॉ. पंकज कुमार, जूलॉजी के सेवानिवृत्त डॉ. त्रिभुवन प्रसाद सिंह, रामश्रेष्ठ सिंह कॉलेज चोचहां डॉ. अशोक कुमार, डॉ.विमल कुमार व्यवस्था को कोसते हैं। उनका कहना है कि विज्ञान के छात्रों के लिए प्रैक्टिकल कुछ उसी तरह जरूरी होता है जिस तरह जीने के लिए सांस। कल्पना कीजिए अगर रसायन, भौतिकी या फिर जूलॉजी के छात्र अगर बिना प्रैक्टिकल के ही डिग्री ले लें तो उनका कॅरियर कैसे बनेगा और संवरेगा। बिहार में उच्च शिक्षा की लगातार सेहत बिगड़ती जा रही है और साइंस के हजारों छात्र बिना किसी प्रायोगिक यानी प्रैक्टिकल के बीएससी और एमएससी की डिग्री ले रहे हैं। 


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