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BRA Bihar University : दो साल से डिग्री व प्रोविजनल के लिए काट रहे चक्कर, अधिकारी मिलते नहीं, कर्मचारी सुनते नहीं

BRA Bihar University प्रति प्रमाणपत्र मांगे जाते हैं पैसे स्थानीय युवक डिग्री सेक्सन में जमाए हैं कब्जा। सैकड़ों की संख्या में छात्र जिन्होंने 2 वर्ष पहले डिग्री के लिए आवेदन किया था वे अब भी विश्वविद्यालय का चक्कर काटने को विवश हैं।

By Ajit kumarEdited By: Published: Sun, 24 Jan 2021 10:14 AM (IST)Updated: Sun, 24 Jan 2021 10:14 AM (IST)
BRA Bihar University : दो साल से डिग्री व प्रोविजनल के लिए काट रहे चक्कर, अधिकारी मिलते नहीं, कर्मचारी सुनते नहीं
कॉलेज की ओर से विश्वविद्यालय को आवेदन अग्रसरित किया जाएगा।

मुजफ्फरपुर, जागरण संवाददाता। बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के परीक्षा विभाग दलालों का अड्डा बन गया है। यहां बिना पैसा दिए छात्र-छात्राओं को डिग्री नहीं मिलती। प्रोविजनल निकलवाना हो या रिजल्ट में सुधार करवाना हो सबका रेट तय है। पैसा नहीं देने पर छात्र छात्राओं के साथ बदतमीजी भी की जाती है। सैकड़ों की संख्या में छात्र जिन्होंने 2 वर्ष पहले डिग्री के लिए आवेदन किया था वे अब भी विश्वविद्यालय का चक्कर काटने को विवश हैं। गौतम कुमार ने बताया कि उन्होंने 2019 में ही डिग्री के लिए चालान कटवाया था, लेकिन अब तक डिग्री नहीं मिली। अधिकारियों से इसकी शिकायत के लिए पहुंचे तो उनसे नहीं मिलने दिया गया। जबकि काउंटर पर बैठे कर्मचारी सुनते ही नहीं। छात्र रोहित का कहना है कि डेढ़ वर्ष तक चक्कर लगाने के बाद एक स्थानीय युवक ने 1000 लेकर उनका डिग्री निकलवाया। स्नातक द्वितीय वर्ष की छात्रा सृष्टि ने बताया कि उसके अंकपत्र में नाम गलत कर दिया गया। इसके सुधार के लिए जब वह परीक्षा विभाग में पहुंची तो स्थानीय युवक ने पैसे की मांग की। कई दिनों तक चक्कर काटने के बाद जब सुधार नहीं हो सका तो उसने 500 देकर अपना नाम सुधार करवाया।

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नाम या रिजल्ट सुधार के लिए नहीं दें पैसे, सीधे करें शिकायत

परीक्षा नियंत्रक डॉ मनोज कुमार का कहना है कि छात्र-छात्राएं नाम या रिजल्ट में गड़बड़ी होने पर किसी को पैसा नहीं दें। वे अपने कॉलेज में जाकर आवश्यक दस्तावेजों को संलग्न कर आवेदन दें। कॉलेज की ओर से विश्वविद्यालय को आवेदन अग्रसरित किया जाएगा। इसके बाद विवि की ओर से 1 सप्ताह के भीतर में सुधार कर दिया जाएगा। यदि छात्र छात्राएं चाहे तो कॉलेज के प्राचार्य से आवेदन को फॉरवर्ड करवा कर विश्वविद्यालय में बनाए गए सिंगल विंडो काउंटर पर जमा करवा सकते हैं। इसका निदान कर दिया जाएगा। स्थानीय लोगों की ओर से पैसे मांगे जाने की शिकायत मिली है। इन पर शिकंजा कसा जाएगा।


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