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बिहार यूनिवर्सिटी में पेंडिंग परीक्षाएं कराने को लेकर तैयार हो रहा एकेडमिक कैंलेडर

इस महीने के अंत तक विश्वविद्यालय की ओर से अगले एक वर्ष तक होने वाली परीक्षाओं नामांकन और परिणाम समेत अन्य महत्वपूर्ण कार्यों की तिथि प्रस्तावित की जाएगी। प्रयास किया जाएगा कि उन्हीं तिथियों को विवि फालो करे ताकि सत्र को पटरी पर लाया जा सके।

By Ajit KumarEdited By: Published: Sun, 16 Jan 2022 10:24 AM (IST)Updated: Sun, 16 Jan 2022 10:24 AM (IST)
बिहार यूनिवर्सिटी में पेंडिंग परीक्षाएं कराने को लेकर तैयार हो रहा एकेडमिक कैंलेडर
कुलपति से आदेश लेकर शीघ्र ही कमेटी का गठन किया जाएगा।

मुजफ्फरपुर, जासं। बीआरए बिहार विश्वविद्यालय की ओर से लगाता विलंब सत्र, परीक्षाओं में लेटलतीफी और नामांकन की लंबी प्रक्रिया को ससमय पूरा करने को लेकर एकेडमिक कैलेंडर तैयार हो रहा है। इसके लिए विश्वविद्यालय के सभी संकायाध्यक्ष, परीक्षा विभाग से जुड़े व अन्य पदाधिकारियों की निगरानी में एक कमेटी का शीघ्र गठन किया जाएगा। यह कमेटी पूर्व की परीक्षाओं में हुई गड़बड़ी, उनमें सुधार के साथ ही आगे की कार्ययोजना तैयार करेगी। इस महीने के अंत तक विश्वविद्यालय की ओर से अगले एक वर्ष तक होने वाली परीक्षाओं, नामांकन और परिणाम समेत अन्य महत्वपूर्ण कार्यों की तिथि प्रस्तावित की जाएगी। प्रयास किया जाएगा कि उन्हीं तिथियों को विवि फालो करे ताकि सत्र को पटरी पर लाया जा सके। विश्वविद्यालय के अध्यक्ष छात्र कल्याण डा.अजीत कुमार बताते हैं कि आगे विवि की राह आसान नहीं है। लगातार कालेजों की संख्या बढ़ रही है। ऐसे में विद्यार्थी भी बढ़ेंगे और पूर्व निर्धारित प्लान के अनुसार आगे नहीं बढ़ा गया तो मुश्किल होगी। ऐसे में एकेडमिक कैलेंडर तैयार करना जरूरी है। इस दिशा में काम हो रहा है। कुलपति से आदेश लेकर शीघ्र ही कमेटी का गठन किया जाएगा। साथ ही ब्लूङ्क्षप्रट भी तैयार कर लिया जाएगा। 

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कालेजों को भी करनी होगी मदद

डीएसडब्ल्यू प्रो.अजीत कुमार ने कहा कि ऐसा देखा गया है कि हाल के दिनों में परीक्षा से लेकर अन्य कार्याें को कालेजों की ओर से गंभीरता से नहीं लिया जाता। सत्र को पटरी पर लाने में कालेजों को भी मदद करनी होगी। नामांकन से लेकर परीक्षा तक की पूरी प्रक्रिया को आनलाइन किया गया है। अभी परेशानी हो रही है पर आनलाइन व्यवस्था से आने वाले समय में काफी लाभ मिलेगा। ऐसे में कालेजों को चाहिए कि विवि को समय से सही सूचनाएं उपलब्ध कराएं। साथ ही विद्यार्थियों की समस्याओं को एक-एक कर विवि में भेजने की जगह उसे समेकित कर विवि को भेजें।  


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