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BRA Bihar University: परीक्षा पर सुझाव के लिए बुलाई बैठक, प्राचार्यों ने गिनाई समस्याएं

BRA Bihar University परीक्षा पद्धति में सुधार के लिए विश्वविद्यालय के पदाधिकारियों पीजी विभागाध्यक्षों व कालेज प्राचार्य की हुई बैठक कर्मचारियों की कमी के कारण ससमय विवि को नहीं भेजी जाती रिपोर्ट। बीआरए बिहार विश्वविद्यालय लेट सत्र के ल‍िए बदनाम है।

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Published: Thu, 02 Dec 2021 07:37 AM (IST)Updated: Thu, 02 Dec 2021 07:37 AM (IST)
BRA Bihar University: परीक्षा पर सुझाव के लिए बुलाई बैठक, प्राचार्यों ने गिनाई समस्याएं
बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में समस्याओं का होगानिदान।

मुजफ्फरपुर, जासं। बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के परीक्षा विभाग की ओर से विवि के अधिकारियों, पीजी विभागाध्यक्षों और अंगीभूत कालेज के प्राचार्यों की बैठक हुई। अध्यक्षता कुलपति प्रो.हनुमान प्रसाद पांडेय ने की। कहा कि परीक्षा को लेकर जो समस्याएं बरकरार हैं उसका निदान सामूहिक स्तर पर प्राचार्यों और पीजी विभागाध्यक्षों के सहयोग से ही हो सकता है। कहा कि प्राचार्य सहयोग करें।

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परीक्षा के आयोजन में जहां समस्याएं आ रही हैं वे सीधे विश्वविद्यालय को सूचित करें। छात्र हित में कालेज और विश्वविद्यालय को मिलकर काम करना होगा, तभी समस्याओं का निदान होगा। सभी प्राचार्यों ने सत्र विलंब होने और इस वर्ष जीरो सत्र होने की शिकायत की। इसे शीघ्र ठीक करने को लेकर योजना बनाकर उसपर कार्य करने को कहा। प्राचार्य डा.विपिन राय ने कहा कि कालेज स्तर पर फार्म सत्यापन में शिक्षकों और कर्मचारियों के अभाव के कारण काफी समस्याएं आ रही हैं। हर कालेज में औसतन डेढ़ हजार से 2000 विद्यार्थी हैं। एक या दो कर्मचारी ही हैं ऐसे में फार्म सत्यापित कर विवि को रिपोर्ट करना मुश्किल हो रहा है।

साइंस के एक भी शिक्षक नहीं 

आरएसएस साइंस कालेज सीतामढ़ी के प्राचार्य प्रो.त्रिविक्रम नारायण ङ्क्षसह ने कहा कि कालेज में साइंस के एक भी शिक्षक नहीं हैं। यहां दो कर्मचारी सारा काम करते हैं। इस समस्या का निदान विश्वविद्यालय यदि करती है तो फार्म सत्यापन का काम आसान हो जाएगा। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय को शिक्षकों की कमी को लेकर बार-बार पत्र भेजा गया मगर कोई सुनवाई नहीं हुई। प्राचार्य सुनील कुमार ने कहा कि पोर्टल समय पर नहीं खुलने से छात्रों को काफी परेशानी होती है। विश्वविद्यालय को साफ्टवेयर दुरुस्त करना चाहिए। जब विश्वविद्यालय ही फार्म भराने का काम करती है तो कालेज से इस संबंध में सहयोग क्यों मांगा जाता है...।

75 फीसद उपस्थिति की घोषणा पर उठाए सवाल 

कई कालेज के प्राचार्यों ने कहा कि कालेज में विद्यार्थियों की कक्षाओं में 75 प्रतिशत उपस्थिति की घोषणा का अब कोई मतलब ही नहीं है। विद्यार्थी सिर्फ फार्म भरने आते हैं और कालेज में पठन-पाठन के लिए शिक्षक की कमी पर विश्वविद्यालय का कोई ध्यान नहीं है। एलएस कालेज प्राचार्य डा.ओपी राय ने कहा कि ग्रेजुएशन स्तर पर सब्जेक्टिव परीक्षा पद्धति को लागू करना चाहिए। यदि विषय की पढ़ाई गंभीरता से ना हो तो आब्जेक्टिव परीक्षा लेने का कोई मतलब ही नहीं रहा जाता। उन्होंने सभी प्राचार्यों से अपील किया कि समस्याएं तो बहुत हैं लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन को सहयोग करते हुए निदान निकाला जा सकता है। परीक्षा नियंत्रक डा.संजय कुमार ने कहा कि प्राचार्य हर स्तर पर सहयोग करें, तो परीक्षा एवं मूल्यांकन की सारी समस्याएं समाप्त हो जाएंगी। उन्होंने कहा कि कालेज जल्दी पेंङ्क्षडग की सूची एक बार उनके मेल पर भेज देंगे तो एक साथ सभी पेंङ्क्षडग का समाधान किया जाएगा।

प्रति कुलपति डा.रङ्क्षवद्र कुमार ने प्राचार्य से सहयोग करने की अपील की। उन्होंने भरोसा दिलाया कि अगले कुछ महीनों में परीक्षा की सारी समस्याओं का निदान निकाल लिया जाएगा। ऐसी व्यवस्था की जा रही है कि छात्रों को विश्वविद्यालय आना न पड़े। सारा सर्टिफिकेट, एडमिट कार्ड एवं अन्य जानकारी उन्हें आनलाइन मिल जाएगी। बैठक में कुलानुशासक डा.अजीत कुमार, कुलसचिव डा.आरके ठाकुर, सीसीडीसी डा.अमिता शर्मा, परीक्षा नियंत्रक डा.संजय कुमार, डा.वीरेंद्र कुमार ङ्क्षसह, डा.मनोज कुमार, डा.अभय कुमार ङ्क्षसह, डा.सतीश कुमार राय, डा.मनेंद्र कुमार, डा.पूनम कुमारी, डा.रवि भूषण, डा.सुबोध कुमार, डा.कर्मात्मा पांडेय, डा.खालिद समेत बेतिया, मोतिहारी, वैशाली और सीतामढ़ी कालेज के भी प्राचार्य मौजूद थे।


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