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बढ़ती उम्र के साथ समस्तीपुर जिले में लोगों को घेर रहीं हड्डी व जोड़ों की बीमारियां

हड्डी रोग से बचाव को लेकर युवाओं को होना होगा जागरूक। 50 साल से अधिक की उम्र के लोगों की ऑस्टियोपोरोसिस बीमारी हड्डियों को कमजोर कर रही है। इस बीमारी से बिना कारण भी टूट जाती है। नशा सेवन से भी हडि्डयां प्रभावित होती है।

By Ajit KumarEdited By: Published: Fri, 22 Oct 2021 01:31 PM (IST)Updated: Fri, 22 Oct 2021 01:31 PM (IST)
बढ़ती उम्र के साथ समस्तीपुर जिले में लोगों को घेर रहीं हड्डी व जोड़ों की बीमारियां
रोना संक्रमित होने पर उन पर ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या और बढ़ जाती है। फाइल फोटो

समस्तीपुर, जासं। बढ़ती उम्र के साथ हड्डियों व जोड़ों में कई तरह की समस्या होने लगती है। 50 साल से अधिक की उम्र के लोगों की ऑस्टियोपोरोसिस बीमारी हड्डियों को कमजोर कर रही है। बिना कारण भी टूट जाती है। नशे की लत भी हड्डियों को नुकसान पहुंचा रही है। ऐसे में अगर ध्यान दिया जाए तो बुढ़ापे में हड्डियां परेशान नहीं करेंगी। प्रति वर्ष 20 अक्टूबर को विश्व ऑस्टियोपोरोसिस दिवस पर लोगों को रोकथाम, निदान और इलाज के प्रति जागरूक किया जाता है। ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या को कोरोना संक्रमण और बढ़ा सकता है। खासकर बुजुर्ग लोगों के कोरोना संक्रमित होने पर उन पर ऑस्टियोपोरोसिस की समस्या और बढ़ जाती है।

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सदर अस्पताल में रोजाना हड्डी रोग के 100 से अधिक मरीजों का उपचार किया जाता है। विशेषज्ञ कहते हैं कि हड्डियों के कमजोर होने (ऑस्टियोपोरोसिस) के खतरे से बचा नहीं जा सकता, लेकिन इसे कम किया जा सकता है। हड्डियों के ढांचे में एक प्रोटीन का, जो जैविक होता है और दूसरा खनिज पदार्थ का, जो अजैविक होता है। जैविक हिस्सा एक जटिल जाल की तरह होता है और उसके ऊपर खनिज पदार्थ जमा होते हैं। इससे हड्डी की संरचना का निर्माण होता है। बढ़ती उम्र के साथ प्रोटीन का जैविक हिस्सा खराब जीवनशैली की वजह से धीरे-धीरे कमजोर होता जाता है।

इस तरह किया जा सकता बचाव :

हड्डी रोग विशेषज्ञ डा. डीके शर्मा कहते हैं कि बचाव को लेकर खाने में कैल्शियम और प्रोटीनयुक्त पदार्थों का सेवन करना चाहिए, वहीं प्रतिदिन कम से कम 20 मिनट तक धूप में जरूर बैठें। रोज कम से कम 45 मिनट व्यायाम करना चाहिएए। सेहत को दुरुस्त रखने के लिए धूम्रपान व शराब से दूरी बनाना चाहिए। हड्डियों के कमजोर होने (ऑस्टियोपोरोसिस) के खतरे से बचा नहीं जा सकता, लेकिन इसे कम किया जा सकता है। हड्डियों के ढांचे में एक प्रोटीन का, जो जैविक होता है और दूसरा खनिज पदार्थ का, जो अजैविक होता है। जैविक हिस्सा एक जटिल जाल की तरह होता है और उसके ऊपर खनिज पदार्थ जमा होते हैं। इससे हड्डी की संरचना का निर्माण होता है। बढ़ती उम्र के साथ प्रोटीन का जैविक हिस्सा खराब जीवनशैली की वजह से धीरे-धीरे कमजोर होता जाता है।

यह है बीमारी के लक्षण :

व्यक्ति के शरीर में ऑस्टियोपोरोसिस का असर होने पर थकावट, हाथ-पांव में दर्द, कमर दर्द, हल्की चोट लगने पर हड्डियों का टूटना और काम करने की इच्छा न करने जैसी शिकायतें होने लगती हैं। यह समस्या पुरुषों में 50 साल और महिलाओं में 40 साल के बाद देखने को मिलती है।

32 साल तक होता हड्डियों का विकास :

32 साल तक हड्डियों का विकास होता है, और 45 साल तक हड्डियां स्थिर होती हैं। इसके बाद हड्डियों पर उम्र का असर पड़ने लगता है। यही कारण है कि लोग कहते हैं कि बुढ़ापे में हड्डी नहीं जुड़ती है। इस लोगों को अधिक सतर्कता बरतनी चाहिए। 


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