मुकेश सहनी के बागी तेवर के बाद बड़ा सवाल, मुजफ्फरपुर की बोचहां सीट पर क्या होगा?
BJP-VIP Controversy कोई बड़ा चुनाव भले ही बिहार में न हो रहा हो लेकिन राजनीति का रोचक स्वरूप यहां देखने को मिल रहा है। आनेवाले समय में बिहार विधान परिषद चुनाव व बोचहां विधानसभा उपचुनाव को लेकर यहां की राजनीति रोचक होनेवाली है।
मुजफ्फरपुर, आनलाइन डेस्क। बिहार की राजनीति के लिए गुजरा शनिवार एक बदलाव लाने वाला दिन साबित हुआ। बिहार विधान परिषद चुनाव 2022 को लेकर जहां तस्वीरें साफ होती दिखीं, वहीं दूसरी ओर कुछ राजनीतिक संबंधों में दरारें साफ नजर आने लगीं। रोचक ढंग से यह स्थिति दोनों ओर है। यानी सत्ता पक्ष में भी और विपक्ष में भी। यहां पर हमलोग राजद और कांग्रेस की राह अलग होने की चर्चा नहीं करेंगे। शनिवार को भाजपा नेता भूपेंद्र यादव व सीएम नीतीश कुमार की मुलाकात के बाद एनडीए में बिहार विधान परिषद की 24 सीटों के बंटवारे की गुत्थी सुलझ गई। इस बंटवारे से जीतन राम मांझी की पार्टी हम और मंत्री मुकेश सहनी की पार्टी वीआइपी को अलग रखा गया। इसके बाद रविवार को मुकेश सहनी ने बगावती तेवर दिखाते हुए न केवल पीएम समेत तमाम बड़े भाजपा नेताओं पर हमले किए वरन एमएलसी की सभी 24 सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा कर डाली। इसके साथ ही उन्होंने बोचहां विधानसभा उपचुनाव हर हाल में लड़ने की घोषणा भी कर दी। मुजफ्फरपुर की राजनीति में रुचि रखने वालों के मन में एक सवाल उठ रहा है कि बोचहां विधानसभा चुनाव का स्वरूप क्या होगा? राजद और कांग्रेस की राह अलग होने के बाद तो सस्पेंस और बढ़ गया है।
कड़ा मुकाबला होने की उम्मीद
बिहार यूनिवर्सिटी, मुजफ्फरपुर में राजनीति विज्ञान के छात्र विनय पासवान का इस बारे में कहना है कि बोचहां सुरक्षित सीट पर इस बार कड़ा मुकाबला होने की उम्मीद है। जिस तरह की राजनीतिक स्थितियां बनती हुई दिख रही हैं उसे देखकर कहा जा सकता है कि राजनीति को जानने-समझने वालों के लिए आने वाला समय कौतूहल भरा होगा। इस दौरान उन्हें कई नई चीजें देखने को मिल सकती हैं। जो शायद आगे चलकर बिहार की राजनीति में मील का पत्थर साबित हो। उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि यदि मुकेश सहनी की पार्टी चुनाव मैदान में आती है और भाजपा ने भी अपने प्रत्याशी दे दिए तो इससे साफ हो जाएगा कि वर्ष 2024 का लोकसभा चुनाव और 2025 का विधानसभा चुनाव वर्तमान स्थिति की तुलना में पूरी तरह से अलग होगा।
रोचक मुकाबले देखने को मिलेंगे
पेशे से व्यवसायी किंतु राजनीति पर नजदीकी नजर रखने वाले शशिरंजन के विचार भी कुछ इसी तरह के हैं। वे कहते हैं कि महागठबंधन में भी फूट हो गया है। स्वाभाविक रूप से कांग्रेस पार्टी भी अपना उम्मीदवार यहां से उतार सकती है। ओवैसी की पार्टी ने भी यहां से अपने प्रत्याशी उतारने के संकेत दिए हैं। ऐसे में चुनाव का परिणाम जो भी राजनीति में रुचि रखने वालों की मौज होने वाली है।