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भाजपा नेत्री व गोवा की पूर्व राज्यपाल मृदुला सिन्हा का निधन, मुजफ्फरपुर में शोक की लहर

बिहार के मुजफ्फरपुर की रहने वालींं भाजपा नेता और गोवा की पूर्व राज्यपाल रहीं मृदुुला सिन्हा का बुधवार को निधन हो गया। उन्होंने नई दिल्ली में अंतिम सांसें लीं। इधर वे कुछ दिनों से बीमार चल रही थीं ।

By Ajit KumarEdited By: Published: Wed, 18 Nov 2020 04:51 PM (IST)Updated: Wed, 18 Nov 2020 06:09 PM (IST)
भाजपा नेत्री व गोवा की पूर्व राज्यपाल मृदुला सिन्हा का निधन, मुजफ्फरपुर में शोक की लहर
गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट कर मृदुला सिन्हा के निधन पर शोक जताया है।

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। भाजपा नेता और गोवा की पूर्व राज्यपाल रहीं मृदुुला सिन्हा का बुधवार को निधन हो गया। वे बिहार के मुजफ्फरपुर की रहने वाली थीं। उन्होंने नई दिल्ली में अंतिम सांसें लीं। इधर वे कुछ दिनों से बीमार चल रही थीं। गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट कर मृदुला सिन्हा के निधन पर शोक जताया है। सीएम नीतीश कुमार, पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी, स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, बिहार भाजपा अध्यक्ष डॉक्टर संजय जयसवाल, उपमुख्यमंत्री रेणु देवी ने मृदुला सिन्हा के निधन पर शोक जताया है। 

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पूर्व राज्यपाल डा.मृदुला सिन्हा अपने पीछे दो पुत्र व एक पुत्री सहित भरा-पूरा परिवार छोड़ गई हैंं। उनके निधन पर शोक व्यवक्त करते हुए सांसद अजय निषाद ने कहा कि वह इनदिनों दिल्ली में रहती थींं लेकिन उनका दिल मुजफ्फरपुर में बसता था। जहां भी मुलाकात हो जाए इस इलाके के विकास पर चर्चा जरूर करती थींं। उन्होंने वादा किया था कि दिसंंबर में यहां रहना है। लेकिन अब तो उनकी अंतिम इच्छा पूरा नहीं हो सकी। सांसद ने उनके निधन को व्यक्तिगत क्षति बताया।  कहा कि वह केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के साथ उनसे से मिलकर शिक्षा व स्वच्छता की योजना पर चर्चा किए थे। 

कांंटी की बेटी व औराई की बहू 

पूर्व राज्यपाल डा.सिन्हा की सहयोगी प्रो.डाॅॅ.तारण राय ने बताया कि उनका जन्म कांटी छपरा गांव में में हुआ था। उनकी शादी औराई प्रखंड के मटियानी में पूर्व केन्द्रीय मंत्री डाॅॅ.रामकृपाल सिन्हा के साथ हुई। उनके दो बेटाेें  में नवीन सिन्हा दिल्ली मेें तथा प्रवीण सिन्हा अमेरीका  में व्यवसाय करते हैंं। नयाटोला में  स्थित सरस्वती शिशु मंदिर की संस्थापक प्राचार्य रहींं डॉ सिन्हा उसके बाद दिल्ली की राजनीति में सक्रिय हो गईंं। राजमाता विजयराजे सिंंधिया के साथ राजनीति मेें उतरींं। 1980 में महिला मोर्चा की राष्ट्रीय संयोजिका बनींं। उसके बाद तीन बार महिला मोर्चा की अध्यक्ष, भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रहींं। प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के समय केन्द्रीय समाज कल्याण बोर्ड की अघ्यक्ष रहींं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की नवरत्न में एक थींं। शहर की स्वच्छता में उनका सहयोग रहता था। साहित्य से भी उनका गहरा लगावा था। उन्होंने लेखन के क्षेत्र में भी काम किया।

 उनकी कुछ मुख्य रचनाएं

 नई देवयानी (उपन्यास)

 ज्यों मेंहदी को रंग (उपन्यास)

 घरवास (उपन्यास)

 यायावरी आँखों से (लेखों का संग्रह)

 देखन में छोटे लगें (कहानी संग्रह)

 सीता पुनि बोलीं (उपन्यास)

 बिहार की लोककथायें -एक (कहानी संग्रह)

 बिहार की लोककथायें -दो (कहानी संग्रह)

 ढाई बीघा जमीन (कहानी संग्रह)

 मात्र देह नहीं है औरत (स्त्री-विमर्श)

 विकास का विश्‍वास (लेखों का संग्रह)

 साक्षात्‍कार(कहानी संग्रह)


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