भितिहरवा गांधी आश्रम में 16 करोड़ रुपये की लागत से बनेगा थीम पार्क, डिजिटल रूप में दिखेगी बापू की जीवनी
Bhitiharwa Gandhi Ashram भितिहरवा गांधी आश्रम में 16 करोड़ से थीम पार्क का हो रहा निर्माण। पांच एकड़ में हो रहा काम स्थापित होगी गांधीजी की आदमकद प्रतिमा। चंपारण सत्याग्रह शताब्दी वर्ष में 20 नवंबर 2017 को मुख्यमंत्री ने इसकी नींव रखी थी।
पश्चिम चंपारण [प्रभात मिश्र]। भितिहरवा आने वाले लोग अगले साल गांधीजी की पूरी जीवनी डिजिटल रूप में देख सकेंगे। इसके लिये भितिहरवा गांधी आश्रम में 16 करोड़ रुपये खर्च कर थीम पार्क का निर्माण हो रहा। चंपारण सत्याग्रह शताब्दी वर्ष में 20 नवंबर 2017 को मुख्यमंत्री ने इसकी नींव रखी थी।
लगभग पांच एकड़ में बन रहे थीम पार्क में बहुउद्देश्यीय भवन, लाइटिंग व सौंदर्यीकरण पर आठ करोड़ रुपये खर्च होंगे। आठ करोड़ थीम भवन, डिजिटल व्यवस्था व पाॄकग पर खर्च किए जाएंगे। यहां सबसे खास बात होगी, बेसमेंट में गांधीजी की जीवनी की डिजिटल प्रस्तुति। इसमें बापू के जन्म से लेकर दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद के खिलाफ आंदोलन, चंपारण सत्याग्रह, सविनय अवज्ञा आंदोलन, भारत छोड़ो आंदोलन सहित अन्य का विवरण लोग देख सकेंगे। यहां गांधीजी की आदमकद प्रतिमा भी लगेगी। बहुउद्देश्यीय भवन में 200 लोगों के बैठने की व्यवस्था होगी। इसमें वातानुकूलित हॉल, पर्यटकों के ठहरने के लिए गेस्ट हाउस आदि का निर्माण हो रहा है। यहां बेरोजगारों के लिए समय-समय प्रशिक्षण का आयोजन किया जाएगा, ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें।
बढ़ेंगे पर्यटक, मिलेगा रोजगार
चंपारण आंदोलन के दौरान गांधीजी दो बार भितिहरवा आए थे। पहली बार 27 अप्रैल 1917 को नरकटियागंज स्टेशन से उतरकर शिकारपुर स्टेट होते हुए भितिहरवा आए थे। दूसरी बार वे 20 नवंबर 1917 को भितिहरवा पहुंचे और बुनियादी पाठशाला खोली थी। दिवंगत स्वतंत्रता सेनानी मुकुटधारी चौहान के पौत्र चंदन चौहान कहते हैं कि थीम पार्क बनने से क्षेत्र के विकास के साथ-साथ पर्यटकों की संख्या बढ़ेगी। लोगों को रोजगार मिलेगा।
पर्यटन विभाग के कनीय अभियंता देवेंद्र मिश्रा का कहना है कि थीम पार्क के बाउंड्री का काम पूरा हो गया है। अन्य काम भी प्रगति पर है। अगले वर्ष तक निर्माण पूरा कर लिया जाएगा।