Move to Jagran APP

फसल अवशेष प्रबंधन व उत्पादकता में सहायक होगी बायोचार तकनीक

बेतिया। डा. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय पूसा के प्रसार शिक्षा के निदेशक डॉ एम एस कुंडू ने कहा कि पराली को जलाकर मिट्टी में मिला देना पर्यावरण के लिए घातक सिद्ध हो रहा है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 28 Oct 2021 05:54 PM (IST)Updated: Thu, 28 Oct 2021 05:54 PM (IST)
फसल अवशेष प्रबंधन व उत्पादकता में सहायक होगी बायोचार तकनीक
फसल अवशेष प्रबंधन व उत्पादकता में सहायक होगी बायोचार तकनीक

बेतिया। डा. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, पूसा के प्रसार शिक्षा के निदेशक डॉ एम एस कुंडू ने कहा कि पराली को जलाकर मिट्टी में मिला देना पर्यावरण के लिए घातक सिद्ध हो रहा है। इससे बनने वाला कार्बन वायु प्रदूषण का कारण बनता है। बायोचार तकनीक पर्यावरण एवं किसानों के लिए काफी लाभदायक सिद्ध हो सकती है। निदेशक डा. कुंडू गुरुवार को कृषि विज्ञान केन्द्र, मोधोपुर में ''बायोचार उत्पादन तकनीक द्वारा फसल अवशेष प्रबंधन'' विषय पर ई-किसान चौपाल में यह बात कही। उन्होंने कहा कि कृषि विज्ञान केन्द्र माधोपुर में शीघ्र ही बायोचार उत्पादन इकाई की स्थापना की जाएगी। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए मुख्य वक्ता के रूप में बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर (भागलपुर) के वरीय वैज्ञानिक डॉ अंशुमान कोहली ने विस्तार पूर्वक जानकारी दी। कहा कि बायोचार को पायरोलाइसीस द्वारा अधिक तापमान पर कम आक्सीजन की उपस्थिति में तैयार किया जाता है। इस विधि से पराली बायोचार या कोयले जैसी ही बन जाती है, जिसमें केवल कार्बन ही बनता है। बायोचार के द्वारा वातावरणीय प्रदूषण को कम करने के साथ-साथ इसको मिट्टी में कंडीशनर के तौर पर भी प्रयोग किया जा सकता है, जिससे फसलों के उत्पादन में भी वृद्धि होगी। कृषि विज्ञान केंद्र माधोपुर के वरीय वैज्ञानिक डॉ एसके गंगवार ने बताया कि बायोचार मिट्टी में सैकड़ों साल तक रहकर प्रदूषकों को खत्म कर उपज में सतत रूप से वृद्धि कर सकता है। साथ ही साथ बायोचार मिट्टी की भौतिक संरचना एवं जल धारण क्षमता को बढ़ा सकता है। कार्यक्रम के अंत में कृषि विज्ञान केंद्र नरकटियागंज के वरीय वैज्ञानिक डॉ आरपी सिंह ने सभी के प्रति धन्यवाद एवं आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से डॉ कुमारी सुनीता, डा. धीरू कुमार तिवारी, डा. प्रवीण मिश्रा, अवधेश कुमार, उत्पल कांत, नितेश कुमार, बृजेश कुमार इत्यादि सहित किसानों की उपस्थिति रही।

loksabha election banner

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.