जेम पोर्टल से ऑनलाइन खरीदारी में बीआरएबीयू ने टॉप ट्वेंटी में मारी बाजी
जेम पोर्टल से सर्वाधिक खरीदारी कर बीआरए बिहार विश्वविद्यालय ने देशभर में टॉप ट्वेंटी में बाजी मारी है।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन । जेम पोर्टल (वन स्टॉप गवर्नमेंट ई-मार्किट प्लेस) से सर्वाधिक खरीदारी कर देशभर में टॉप ट्वेंटी में बीआरए बिहार विश्वविद्यालय ने बाजी मारी है। बिहार से दूसरे मगध विश्वविद्यालय को भी इस श्रेणी में शामिल किया गया है। उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने शुक्रवार को पटना में आयोजित समारोह में बिहार विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार अजय कुमार राय समेत मगध विश्वविद्यालय के उप कुलपति को पुरस्कृत किया। जेम से एक करोड़ 57 लाख से अधिक की खरीदारी हो चुकी है। और दो करोड़ 35 लाख की खरीदारी की प्रक्रिया जारी है।
बिहार विश्वविद्यालय की इस उपलब्धि पर कुलपति डॉ. अमरेंद्र नारायण यादव व प्रतिकुलपति डॉ. आरके मंडल समेत सभी पदाधिकारियों ने प्रसन्नता जताई है। राष्ट्रीय मिशन की अवधि 6 सितंबर से 15 अक्टूबर, 2018 तक जेम पोर्टल से सर्वाधिक खरीदारी के लिए दोनों विश्वविद्यालय चयनित हुए हैं। जेम पोर्टल से खरीदारी के लिए डीओ डॉ. आशुतोष नोडल पदाधिकारी नियुक्त हुए हैं। सम्मान समारोह में भाग लेने के लिए जेम के नोडल पदाधिकारियों एवं संबंधित कर्मचारियों को आमंत्रित किया गया था। विश्वविद्यालय की ओर से रजिस्ट्रार ने यह पुरस्कार स्वीकार किया। जेम पोर्टल से खरीदारी के लिए विभागों, कार्यालयों व संस्थानों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से ये प्रतिस्पर्धा आयोजित हुई थी।
क्या है जेम और इसकी विशेषता
सामान्यतया प्रयोक्ता वस्तुओं और सेवाओं की खरीद की जा सकती है। भारत सरकार ने इस खरीद-बिक्री की ऑनलाइन प्रक्रिया शुरू की है। केंद्र और देश के कई राज्यों ने अपनी खरीद नीति में इसे शामिल कर लिया है। सरकारी अधिकारियों द्वारा खरीद के लिए जेम का उपयोग किया जा सकता है। यह खरीद-बिक्री का सिंगल विंडो सिस्टम है। यह प्लेटफार्म पारदर्शिता से खरीद-बिक्री की सुविधा देता है।
सरकारी विभागों में जेम पोर्टल से ही खरीदारी
सरकारी विभागों में अब गवर्नमेंट-ई मार्केट प्लेस (जेम) पोर्टल से ही खरीदारी होनी है। सरकार का मानना है कि इससे न केवल ई-बिङ्क्षलग से खरीदारी होगी, बल्कि पारदर्शी व्यवस्था लागू हो सकेगी। इस पोर्टल में आपूर्तिकर्ताओं, विक्रेताओं के साथ ही विविध प्रकार की वस्तुओं की विस्तृत श्रृंखला दी गई है। विभागों में इसी पोर्टल के माध्यम से खरीदारी की जाएगी, ताकि विभागों की क्रय व्यवस्था को पारदर्शी, गुणवत्तापूर्ण, मित्तव्ययी बनाया जा सके।
रेट का मिलान करके ही खरीदारी
50 हजार रुपये तक का क्रय पोर्टल पर उपलब्ध किसी भी आपूर्तिकर्ता से किया जा सकेगा, जो आवश्यक गुणवत्ता, विशिष्टियां एवं आपूर्ति अवधि को संतुष्ट करता हो। 50 हजार से तीन लाख रुपये तक के क्रय में विभाग को खरीदारी करते वक्त यह ध्यान देना होगा कि आपूर्ति करने वाला व्यक्ति व संस्था का मूल्य क्या है। पोर्टल पर कम से कम तीन संस्था व आपूर्तिकर्ताओं से रेट देखने होंगे। जिसका रेट सबसे कम होगा, उसी से खरीदारी की जाएगी। तीन लाख रुपये से अधिक की खरीद के लिए पोर्टल के माध्यम से ही ई-टेंडङ्क्षरग आवश्यक होगी।