Bihar University: ला में लागू होगा सेमेस्टर सिस्टम, ऑर्डिनेंस और रेगुलेशन को मंजूरी
Bihar University law semester system:बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में लॉ कोर्स अब सेमेस्टर सिस्टम से चलेगा, जिसके लिए एकेडमिक काउंसिल ने मंजूरी दे दी है। ...और पढ़ें

Bihar University ordinance regulation:पीजी केमिस्ट्री विभाग में बीटेक इन फूड टेक्नोलाजी कोर्स को होगा संचालन।
जागरण संवाददाता, मुजफ्फरपुर।Bihar University latest updates: बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में संचालित होने वाले ला कोर्स में सेमेस्टर सिस्टम लागू होगा। एलएलबी और प्री ला कोर्स में लागू होने वाले सेमेस्टर सिस्टम के लिए तैयार किए गए आर्डिनेंस - रेगुलेशन को एकेडमिक काउंसिल से मंजूरी मिल गई है।
इसी सत्र से इसे लागू किए जाने की उम्मीद है। कुलपति प्रो. डीसी राय की अध्यक्षता में शनिवार को सीनेट हाल में एकेडमिक काउंसिल की बैठक हुई। इसमें पिछले दो बैठकों के प्रोसिडिंग को मंजूरी मिली।
इसके साथ ही बीटेक इन फूड टेक्नोलाजी कोर्स के आर्डिनेंस - रेगुलेशन में हुए आंशिक संशोधन को भी सदस्यों ने मंजूरी प्रदान की। एकेडमिक काउंसिल के सदस्यों ने बैठक से पूर्व पारित किए जाने वाले प्रस्तावों की विस्तृत कापी उपलब्ध नहीं कराए जाने पर सवाल खड़े किए हैं।
वहीं पिछली बैठक की प्रोसिडिंग उपलब्ध नहीं कराए जाने पर भी सदस्यों ने आपत्ति जताई।
पीजी विभाग में स्नातक स्तरीय कोर्स संचालन करने को लेकर विस्तृकत चर्चा हुई।
इस पर कुलपति ने कहा कि फिलहाल विभाग का भवन लिया जा रहा है। बाद में एक अलग विभाग की स्थापना की जाएगी। बैठक में सभी संकायाध्यक्ष, पीजी विभागाध्यक्ष समेत प्राचार्य उपस्थित हुए। धन्यवाद ज्ञापन प्राचार्य डा. ममता रानी ने किया।
40 सीटों में 25 बिहार के विद्यार्थियों के लिए
पीजी केमिस्ट्री विभाग में संचालित होने वाले बीटेक इन फूड टेक्नोलाजी कोर्स में 40 सीटों में से 25 बिहार के विद्यार्थियों के लिए आरक्षित होंगी। 15 सीटों पर एनआरआई कोटे पर नामांकन होगा। पाठ्यक्रम इंडियन काउंसिल आफ एग्रीकल्चर रिसर्च की गाइडलाइन से बना है।
बिहार के विद्यार्थियों को प्रति सेमेस्टर 12 हजार शुल्क देय होगा। एनआरआई और स्पांसर कोटे में 30 हजार का निर्धारण किया गया है। साइंस संकाय से 60 प्रतिशत अंकों के साथ बारहवीं उत्तीर्ण विद्यार्थी आवेदन कर सकेंगे। विश्वविद्यालय स्तर पर प्रवेश परीक्षा होगी। कुल आठ सेमेस्टर का कोर्स होगा।
शिक्षकों के लिए इंस्टीट्युशनल ईमेल आइडी
विश्वविद्यालय का इंस्टीट्युशनल ईमेल आइडी शिक्षकों को भी दिया जाएगा। विदेशी जर्नल में शोध के प्रकाशन में व्यक्तिगत ईमेल के स्थान पर इंस्टीट्युशनल ईमेल की मांग की जाती है। इस कारण कई शिक्षकों को परेशानी का सामना करना पड़ता है।
बैठक में आरडीएस कालेज के शिक्षक डा. सौरभ राज ने कहा कि विश्वविद्यालय में रिसर्च को प्रमोट किया जा रहा है। ऐसे में सभी शिक्षकों को यह उपलब्ध कराया जाए। कुलपति ने कहा कि 15 दिनों के भीतर इसे नियमित शिक्षकों को ईमेल आइडी दिया जाएगा।
डा. सौरभ ने रिसर्च में प्लेगरिज्म चेक करने के लिए सभी शिक्षकों के लिए यूजर आइडी और पासवर्ड दिए जाने की मांग की। उन्होंने कहा कि शिक्षकों को रिसर्च में प्लेगरिज्म जांचने के लिए दूसरे विश्वविद्यालय में अपने संपर्क का सहारा लेना पड़ता है।
पीजी मनोविज्ञान विभाग में गाइडेंस एंड काउंसिलिंग कोर्स
विश्वविद्यालय पीजी मनोविज्ञान विभाग में गाइडेंस एंड कराउंसिल कोर्स शुरू होगा। सर्टिफिकेट कोर्स की अवधि एक वर्ष की होगी। इसका संचालन सेमेस्टर सिस्टम में किया जाएगा। कोर्स फीस 20 हजार रुपये होंगे। इसके लिए 50 सीटों का प्राविधान किया गया है। पीजी विभागाध्यक्ष प्रो. रजनीश गुप्ता ने कहा कि एक रिसर्च के अनुसार भारत में 47 लाख काउंसेलर की जरूरत है। यह कोर्स ही नहीं बल्कि नौकरी सृजन का अभियान है।
एमडीसी की अनिवार्यता पर होगा संशोधन
विज्ञान संकाय से स्नातक में नामांकित छात्र-छात्राओं को अब तक एमडीसी के विषयों के रूप में आर्ट्स विषयों की पढ़ाई करनी पड़ती है। एमजेसी अगर भौतिकी है तो छात्र एमडीसी के रूप में केमिस्ट्री या गणित की पढाई नहीं कर सकते हैं।
उन्हें इतिहास या राजनीति विज्ञान जैसे आर्ट्स के विषय या कामर्स का विषय पढ़ना होता है। उन्हें साइंस के विषयों को एमडीसी के रूप में पढ़ने का विकल्प नहीं है। इस बाध्यता को समाप्त करने की मांग एकेडमिक काउंसिल के सदस्यों ने की है। निर्णय हुआ कि पाठ्यक्रम में संशोधन होगा। बाहर से विषय विशेषज्ञ को आमंत्रित कर सिलेबस कमिटी इस पर निर्णय लेगी।
ये निर्णय हुए
- स्टैच्युटरी कमिटी के गठन पर सहमति
- पीजी गणित विभाग में संचालित एमसीए कोर्स तीन के बदले दो वर्ष का होगा।
- अप्रेंटिसशिप इंबेडेड डिग्री प्रोग्राम का आर्डिनेंस - रेगुलशन को मिली मंजूरी
- स्नातक में एइसी कोर्स के पाठ्यक्रम का हुआ अनुमोदन
- तीन वर्षीय एमबीए कोर्स अब दो वर्षीय

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