CBI Raid: लालू प्रसाद यादव के ठिकानों पर सीबीआइ की छापेमारी मोदी सरकार की साजिश, मुजफ्फरपुर के राजद नेताओं में आक्रोश
CBI Raids Lalu Prasad Yadav Residence सीबीआइ राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव से जुड़े करीब 17 ठिकानों पर छापेमारी कर रही है। मुजफ्फरपुर के राजद नेताओं ने इसे पूरी तरह से राजनीतिक बदले की भावना से की जा रही कार्रवाई करार दिया है।
मुजफ्फरपुर, आनलाइन डेस्क। राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के रेल मंत्री रहते रेलवे भर्ती घोटाला के एक नए मामले में शुक्रवार की सुबह सीबीआइ की टीम 17 ठिकानों पर छापेमारी कर रही है। पटना के राबड़ी देवी आवास पर भी सीबीआइ की एक टीम पहुंची है। राजद सुप्रीमो के आवास पर सीबीआइ की छापेमारी की सूचना से कार्यकर्ताओं में आक्रोश है। सुबह जैसे ही यह सूचना पहुंची मुजफ्फरपुर के कई राजद नेता व कार्यकर्ता पटना के लिए रवाना हो गए हैं। वहीं कई नेताओं ने इसे केंद्र सरकार की साजिश करार दिया है। मुजफ्फरपुर जिला राजद अध्यक्ष रमेश गुप्ता ने कहा कि पार्टी की लोकप्रियता से घबराकर बीजेपी सरकार अपनी एजेंसियों की मदद से छापेमारी कर नेताओं को हतोत्साहित करना चाहती है। जनता सबकुछ जानती है। बीजेपी सरकार लाख कर ले हमलोग घबराने वाले नहीं हैं।
राजद के विधान पार्षद सौरभ कुमार का कहना है कि केंद्र सरकार सत्ता का दुरुपयोग कर रही है। जनता में बढ़ रहे राजद की लोकप्रियता से विरोधियों की परेशानी बढ़ गई है। इस वजह से सरकार घबराहट में है और सीबीआइ को हथियार बनाकर इस्तेमाल कर रही है।
न केवल मुजफ्फरपुर वरन पूरे उत्तर बिहार के राजद नेताओं ने इस कार्रवाई को पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित बताया है। उन्होंने इस कार्रवाई पर रोक की मांग की है। समस्तीपुर के राजद नेता सुभाष राय इसे जातीय जनगणना से जोड़कर देख रहे हैं। उनका कहना है कि जिस तरह से जातीय जनगणना के मुद्दे को लेकर सीएम नीतीश व नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव एक मंच पर आ रहे हैं इससे भाजपा को खतरा महसूस हो रहा है। उसे लग रहा है कि उसकी जमीन अब खिसकने ही वाली है। इसलिए सीबीआइ जैसी केंद्रीय एजेंसी का उपयोग इस तरह से किया जा रहा है।
समाजवादी नेता व राजद के सक्रिय कार्यकर्ता राजा राम राय ने भी इस कार्रवाई को तत्काल बंद करने की मांग की है। उन्होंने ऐसा नहीं होने की स्थिति में चरणबद्ध ढंग से आंदोलन करेन की बात कही है। वे भी इसे सरकारी तंत्र का राजनीतिक उपयोग मान रहे हैं। उनका कहना है कि यह गलत परंपरा है।