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Bihar Politics: पीएफआइ से जुड़े अफसरों व नेताओं को बचाने के लिए नीतीश ने तोड़ा गठबंधन, बीजेपी नेता ने कही बड़ी बात

East Champaran news रक्सौल और बेतिया में जनादेश से विश्वासघात के विरोध में आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए डा. संजय जायसवाल। कहा-जदयू को तोडऩे की साजिश की बात गलत नीतीश के दिए कागज पर भोला यादव की हुई गिरफ्तारी।

By Dharmendra Kumar SinghEdited By: Published: Fri, 12 Aug 2022 10:19 PM (IST)Updated: Fri, 12 Aug 2022 10:19 PM (IST)
Bihar Politics: पीएफआइ से जुड़े अफसरों व नेताओं को बचाने के लिए नीतीश ने तोड़ा गठबंधन, बीजेपी नेता ने कही बड़ी बात
पूर्वी चंपारण के रक्‍सौल में कार्यक्रम में शाम‍िल संजय जायसवाल। फोटो-जागरण

रक्सौल/बेतिया, जासं। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष व पश्चिम चंपारण के सांसद डा. संजय जायसवाल ने शुक्रवार को कहा कि एनडीए गठबंधन से अलग होने की योजना नीतीश कुमार ने 11 जुलाई तब बनाई, जब बिहार में पीएफआइ के नेटवर्क का पर्दाफाश हुआ और जांच एनआइए को मिली। पीएफआइ का कनेक्शन बिहार के कुछ बड़े अफसरों व नेताओं के साथ राजद के समर्थकों तक सामने आने लगा था। उसी दिन बिहार को जलाने की साजिश रची गई थी। उन्हें लगा कि बिहार में स्लिपर सेल का पूरा नेटवर्क ध्वस्त हो सकता है।

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फिर आतंकवादियों के मददगारों ने समझाया और नीतीश ने गठबंधन तोड़ा गया। उन्होंने शुक्रवार को जनादेश से विश्वासघात के विरोध में बेतिया समाहरणालय और रक्सौल अनुमंडलीय कार्यालय पर आयोजित धरने के दौरान कही। डा. संजय जायसवाल ने जदयू के तोडऩे की साजिश का जवाब देते हुए कहा कि भाजपा-जदयू के विधायकों में अगर पांच का संख्या बल भी कम पड़ जाता तो सरकार बनाना संभव नहीं था। ऐसे में जदयू को तोडऩे की साजिश की बात गलत है। जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन को सिर्फ इस बात की पीड़ा है कि वे केंद्र सरकार में मंत्री नहीं बन सके। उनके सपने को नीतीश कुमार ने तोड़ा है। उन्होंने आरसीपी सिंह को मंत्री बना दिया।

उन्होंने कहा कि जदयू एक ऐसी पार्टी है जिसके राष्ट्रीय अध्यक्ष की राजनीति समाप्त हो जाती है। उन्होंने आरोप लगाया कि नीतीश कुमार ने राजद को घोंटने की साजिश की है। उन्होंने जो कागज दिया है, उसी पर भोला यादव की गिरफ्तारी हुई है।

डा. जायसवाल ने कहा कि नीतीश कुमार का चरित्र स्वार्थी एवं दलबदलू का रहा है। बिहार में शराबबंदी के बाद भी लगातार लोग जहरीली शराब से मर रहे हैं। भाजपा इस पर सवाल पूछ रही थी, जिस पर नीतीश कुमार को काफी एतराज था। इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रति व्यक्तिगत ईष्र्या एवं विद्वेष की भावना से ग्रसित होकर नीतीश कुमार ने एनडीए गठबंधन को छोड़ा है। उनका यह कदम पूरे बिहार की जनता के साथ विश्वासघात है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने बड़ा दिल दिखाते हुए कम सीट होने के बावजूद उन्हें मुख्यमंत्री बनाया था। आने वाले समय में भाजपा अपने बलबूते बिहार में सरकार बनाएगी। साथ ही 2024 के लोकसभा चुनाव में बिहार की 40 सीटों पर पार्टी विजय का परचम लहराएगी।


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