Bihar News: डाक विभाग में एक और घपला... प्रशासनिक पदाधिकारी के खाते से फर्जीवाड़ा कर लाखों की निकासी
डाक विभाग में एक और घपला सामने आया है। मुजफ्फरपुर में तत्कालीन डीएसओ हरि नारायण पासवान और उनकी पत्नी के खाते से सात लाख से अधिक रुपये की निकासी हुई है ...और पढ़ें

प्रेम शंकर मिश्रा, मुजफ्फरपुर। एक ओर डाकघर की सुविधाओं में विस्तार करने के लिए केंद्र सरकार भारतीय डाक अधिनियम में बदलाव कर रही है। दूसरी ओर जिले के प्रधान डाकघर में फर्जीवाड़ा एवं घपले का खेल रुकने का नाम ही नहीं ले रहा है।
आम व्यक्ति तो दूर वरीय प्रशासनिक पदाधिकारी के लाखों रुपये की फर्जी तरीके से निकासी प्रधान डाकघर में खोले गए खाते से कर ली गई है। आपदा प्रबंधन विभाग में विशेष सचिव हरि नारायण पासवान ने वरीय डाकपाल को उनके साथ हुए फर्जीवाड़ा की शिकायत दर्ज कराई है।
इसमें कहा गया है कि प्रधान डाकघर में उनके और पत्नी के नाम से रेकरिंग डिपाजिट की परिपक्वता राशि करीब सात लाख रुपये फर्जी तरीके से निकाल लिए गए। उन्होंने अभिकर्ता शिशु रंजन कुमार की प्रधान डाकघर के कर्मचारी एवं पदाधिकारी से मिलीभगत से राशि का घपला करने की आशंका जताई है।
फर्जी तरीके से तीन बार में निकासी
विदित हो कि मुजफ्फरपुर में जिला आपूर्ति पदाधिकारी के पद पर रहते हुए हरि नारायण पासवान ने वर्ष 2016 में अभिकर्ता शिशु रंजन कुमार के माध्यम से खुद और पत्नी सुनीता कुमारी के नामपर रेकरिंग डिपोजिट की।
वर्ष 2021 में दोनों के नाम से अलग-अलग तीन लाख 67 हजार 733 रुपये परिपक्वता (मैच्यूरिटी) राशि के रूप में जमा हुआ। हरि नारायण पासवान ने कहा कि तब वह भोजपुर में डीडीसी के पद पर कार्यरत थे।
इस दौरान उनकी पत्नी सुनीता कुमारी के नाम से डाकघर में सेविंग बैंक अकाउंट खोलकर राशि परिपक्वता राशि जमा करा दी गई। इसके बाद फर्जी तरीके से तीन बार में सात लाख 27 हजार रुपये की निकासी कर ली गई।
10 एवं 11 जनवरी को तीन-तीन लाख और 12 जनवरी 2022 को 1.27 लाख रुपये फर्जी तरीके से निकाल लिए गए। इसकी जानकारी उन्हें नहीं थी।
राशि की निकासी के लिए जब वह मंगलवार को प्रधान डाकघर आए तो बताया गया कि खाते में राशि भी नहीं है। हरि नारायण पासवान ने बताया कि प्रधान डाकघर में उस समय इसी तरह की शिकायत कई लोगों ने की। माना जा रहा कि प्रधान डाकघर में इस तरह से और बड़ा घपला किया गया है।
लोगों की मेहनत के रुपये में लगातार सेंधमारी
मुजफ्फरपुर प्रधान डाकघर में पिछले तीन दशकों से फर्जीवाड़ा कर सरकारी पैसे और उपभोक्ताओं के खाते में सेंधमारी का खेल चरम पर है। चेक घोटाला, टिकट घोटाला, स्टाफ घोटाला, दो साल पहले दो लाख के आरडी अकाउंट खोल 20 लाख रुपये बनाने के खेल के कारण यह डाकघर चर्चा में है।
वहीं, फर्जी खाता खोल सरकारी खजाने में सेंधमारी कर करीब दस लाख रुपये की निकासी का मामला भी कई जिले से जुड़ा। इस मामले की जांच का आदेश डाक अधीक्षक व प्रभारी वरीय डाकपाल संतोष झा ने दिया है।
इसको लेकर प्रधान डाकघर में हड़कंप मचा हुआ है। डाक विभाग में उपभोक्ताओं के पैसे का घोटाला की शिकायत मुख्यमंत्री के जनता दरबार तक पहुंची है।
‘मामला सामने आया है। इसकी जांच का आदेश दिया गया है। इसमें जो भी दोषी होंगे उनपर कार्रवाई की जाएगी।’-संतोष कुमार झा, डाक अधीक्षक
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