पश्चिम चंपारण के चनपटिया में तैयार सूट और बुरके की विदेश में मांग, यह खास बात सबको लुभा रही
मलेशिया से प्रतिमाह चार हजार साड़ी व लहंगे की मांग। स्टार्टअप जोन के उद्यमियों की विदेशी व्यापारियों से हो रही बात। कहा जा रहा है कि दुबई से जैकेट की मांग हो रही है। देश के बाहर के व्यापारियों की यहां के उत्पाद में रुचि पैदा हो रही है।
बेतिया ( प. चंपारण), जासं। अपने उत्पादों की गुणवत्ता के लिए देशभर में पहचान बना चुके चनपटिया स्टार्टअप जोन में निर्मित साड़ी, लहंगा, शर्ट, टी-शर्ट, जैकेट, ट्रैक सूट आदि की मांग अब विदेश में भी होने लगी है। हाल में मलेशिया, इंडोनेशिया, कतर, दुबई आदि देशों से व्यापारी यहां के उत्पादों की बिक्री करने की योजना बनाने लगे हैं। इसके तहत केवल दुबई में प्रतिमाह 50 हजार सूट और बुरके की मांग की गई है। चनपटिया स्टार्टअप जोन के उद्यमी नंद किशोर ने बताया कि दुबई के एक व्यापारी असगर अली से बात हुई है। वे अगले माह यहां पहुंचेंगे तो अनुबंध होगा। उद्यमी ओमप्रकाश की मानें तो मलेशिया के व्यापारी से बात हुई है। जो प्रतिमाह चार हजार पीस लहंगा, साड़ी की मांग कर रहे हैं। दुबई में बड़ी संख्या मे जैकेट की मांग की जा रही है। उद्यमियों से हुई बातचीत के मुताबिक दूसरे देशों के व्यापारी शीघ्र ही यहां पहुंचने वाले हैं।
एक्सपोर्ट सेल का होगा गठन
यहां के उद्यमियों द्वारा विदेश में अपने उत्पादों को भेजने में कोई परेशानी नहीं हो, इसके लिए डीएम कुंदन कुमार ने यहां एक्सपोर्ट सेल बनाने की बात कही है। सेल के बनाने की जिम्मेवारी वरीय उप समाहर्ता रवि प्रकाश को दी है। इसमें सक्षम अधिकारियों की टीम को शामिल किया जाना है। सेल अगले दो दिनों में गठित कर दिया जाएगा। साथ ही उद्यमियों द्वारा उत्पादित कपड़े, सूट आदि को विदेश भेजने की प्रक्रिया पर भी काम शुरू होगा। डीएम ने बताया कि विदेश से बड़े पैमाने रेडीमेड गारमेंट्स, सूट, साड़ी आदि की मांग है। इसे देखते हुए उद्यमियों के लिए रा मैटेरियल की व्यवस्था कराने में भी मदद की जाएगी। सामग्री को बाहर भेजने के लिए सरल प्रक्रिया अपनाने पर सरकार से पहल की जाएगी।
मांग व आपूर्ति की चेन को बनाए रखने पर जोर
विदेश से बड़े पैमाने पर कपड़ों की मांग को देखते हुए उसकी आपूर्ति बनाए रखने की दिशा में जिला प्रशासन की ओर से पहल की जाएगी। इसके लिए चनपटिया स्टार्टअप जोन में सामूहिक तौर पर निर्माण पर बल दिया जाएगा। ताकि निर्माण की गति बढ़ाई जा सके। साथ ही सभी उद्यमियों को लाभ भी मिले।