सिलेंडर में गैस खत्म है तो जल्द करा लें रीफिल...अभी चूक गए तो भोजन पर भी आफत समझिए
एलपीजी बाटलिंग प्लांट शेरपुर ट्रक आनर एसोसिएशन ने परिचालन में जताई असमर्थता। इसका सीधा प्रभाव इस क्षेत्र में गैस की आपूर्ति पर पड़ने की संभावना है। अभी गैस एजेंसी की ओर से स्टाक से आपूर्ति की जा रही है लेकिन यदि चीजें नहीं सुधरी तो हो जाएगी किल्लत।
मुजफ्फरपुर, जागरण संवाददाता। पहले तो रसाेई गैस महंगा हाे गया और अब किल्लत होने की आशंका बढ़ गई है। इस स्थिति में यदि आपका रसोई गैस खत्म है तो किसी छुट्टी के दिन या फिर आज नहीं कल वाली चीजों को छोड़ उसे पहले रीफिल करवा लें। यदि अभी चूक गए तो हो सकता है कि बाद के दिनों में बाहर खाना पड़ जाएगा। घर से चूल्हा जलना बंद हो जाएगा।
हड़ताल पर जाने का फैसला
इंडियन आयल कारपोरेशन लिमिटेड (आइओसीएल) के बाटलिंग प्लांट में घरेलू गैस सिलेंडर की ढुलाई करने वाले ट्रांसपोर्टरों ने शुक्रवार से हड़ताल की घोषणा की है। इससे सीतामढ़ी, शिवहर, सारण, सोनपुर, चंपारण, मधुबनी, वैशाली, गोपालगंज और उससे सटे यूपी के इलाके में रसोई गैस की किल्लत हो सकती है। किराये में बढ़ोतरी को लेकर ट्रांसपोर्टर 20 दिनों तक अधिकारियों का इंतजार करते रहे। कोई आदेश नहीं आने पर एलपीजी बाटलिंग प्लांट शेरपुर ट्रक आनर एसोसिएशन ने हड़ताल पर जाने का फैसला लिया है।
निर्णय नहीं होने से क्षोभ
एसोसिएशन के अध्यक्ष अवधेश कुमार सिंह ने महाप्रबंधक, एलपीजी आपरेशन को पत्र भेजकर ट्रकों के परिचालन में असमर्थता जताई है। कहा है कि 26 अगस्त को दिघरा स्थित बाटलिंग प्लांट में उच्चाधिकारियों के साथ बैठक हुई थी। अधिकारियों ने भाड़ा बढ़ाने को लेकर एक पखवारे में फैसला लेने की बात कही थी, लेकिन आज तक निर्णय नहीं हुआ। ट्रांसपोर्टरों ने गुरुवार को एलपीजी आपरेशन महाप्रबंधक को पत्र भेजकर वहां से 200 ट्रकों को हटाने के निर्णय की जानकारी दी है।
40 प्रतिशत वृद्धि की मांग
उनका कहना है कि चार साल के दौरान समुचित भाड़ा नहीं बढ़ाया गया। महंगाई आसमान छू रही है। टायर के दाम के साथ टोल टैक्स दोगुने हो गए। अन्य पाट्र्स-पुर्जे काफी महंगे हो गए। इस व्यापार में 35 प्रतिशत का घाटा हो रहा है। उस हिसाब से भाड़े में 40 प्रतिशत वृद्धि होनी चाहिए। आइओसीएल बाटलिंग प्लांट दिघरा, मुजफ्फरपुर के प्लांट मैनेजर ज्ञानेंदु कुमार ने कहा कि कुछ ट्रांसपोर्टर आवेदन के साथ मिलने आए थे। उनकी बातों को सुना गया है। कुछ ट्रांसपोर्टरों ने ट्रक चलाने का आश्वासन दिया है। अगर सभी ट्रांसपोर्टर नहीं मानेंगे तो देखा जाएगा।