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बिहार चुनाव 2020: मिथिलांचल में चुनावी चर्चा के दौरान बनाई जा रही इनकी सरकार, चौक-चौराहों पर हो रहीं ये बातें

Bihar Election 2020 चौक-चौराहों पर कल तक मुद्दे और रोजी-रोजगार की होती थी बात अब बन-बिगड़ रही सरकार। एक्जिट पोल से लेकर मतगणना पर हो रही चर्चा समर्थक दे रहे अपने-अपने तर्क। कह रहे अब पांच साल बाद करिएगा मुद्दों और वादों-इरादों की बात।

By Ajit KumarEdited By: Published: Mon, 09 Nov 2020 06:56 AM (IST)Updated: Mon, 09 Nov 2020 09:30 AM (IST)
बिहार चुनाव 2020: मिथिलांचल में चुनावी चर्चा के दौरान बनाई जा रही इनकी सरकार, चौक-चौराहों पर हो रहीं ये बातें
मंगलवार को पता चलेगा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बातें कितनी असरकारी हुईं।

मुजफ्फरपुर, [अजय पांडेय]। ज्ञान की धरती मिथिलांचल में शनिवार को भर दिन सियासी संग्राम के बाद अब सरकार बनाने पर चर्चा हो रही। महीनेभर से ज्यादा दिन के चुनावी शोर-शराबे व थकान के साथ थोड़ा आराम और फिर मंगलवार को होनेवाली मतगणना पर चर्चा। चौक-चौराहों पर विभिन्न एक्जिट पोल पर भारी स्थानीय गुणा-भाग भी। एक दिन में चुनाव के विषय बदल गए। कल तक मुद्दे और रोजी-रोजगार की बात थी, आज बनती-बिगड़ती सरकार है। जीत-हार का तर्क देने के लिए सभी के अपने फार्मूले और थ्योरी। किसी के पास विकास का सिद्धांत तो कोई सोशल इंजीनियरिंग में मास्टर। बदले सियासी समीकरण में संदेश साफ है। सबके मत एक नहीं, पर उद्देश्य एक है। खुशहाल जवार, समृद्ध बिहार। बस एक दिन की बात है, फिर तस्वीर साफ है।

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अब अनुमान लगाने का वक्त खत्म

मधुबनी में एक्जिट पोल के आंकड़ों ने कई दिग्गजों व समर्थकों की बेचैनी बढ़ा दी है। प्रत्याशी कार्यकर्ताओं में मतदान का फीडबैक लेकर जीत की संभावना तलाश रहे। जिले के वोटर मतदान के बाद भी खामोश हैं। चर्चा भी दबी जुबां है। एक्जिट पोल के बाद महागठबंधन खेमा उत्साहित जरूर है, लेकिन हतोत्साहित एनडीए वाले भी नहीं। बिस्फी के सुबोध कुमार कहते हैं, मंगलवार का इंतजार करिए...। सब साफ हो जाएगा। हार-जीत के दावों में क्या है, अब तो सीधे सच्चाई से रूबरू होने का वक्त है। मधुबनी शहर के अखिलेंद्र झा कहते हैं, जिले की सभी 10 सीटों पर टक्कर कठिन है। अच्छी वोटिंग हुई है, लेकिन अब अनुमान लगाने का वक्त नहीं है। मुद्दों और वादों-इरादों की तो बात ही छोड़ दीजिए। अब पांच साल बाद इसकी चर्चा करिएगा...।  समस्तीपुर के जयकिशोर ठाकुर कहते हैं, इस बार मतदान का ट्रेंड पिछले चुनावों से एकदम अलग रहा। मतदाता हर चरण में खामोश रहे। पोल परसेंट भी बेहतर रहा। कृषि प्रमुख जिले में खेती-किसानी बड़ा मुद्दा रही। दरभंगा और समस्तीपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जनसभा में इसका उल्लेख हुआ था। मंगलवार को पता चलेगा कि उनकी बातें कितनी असरकारी हुईं।

एक्जिट पोल के बाद बढ़ी सरगर्मी

एक्जिट पोल ने प्रत्याशियों और मतदाताओं को जरा भी दम भरने नहीं दिया। शनिवार को दिन ढलते-ढलते आए एक्जिट पोट ने सियासी सरगर्मी बढ़ा दी। वोट के बाद अब चिंता हार-जीत की भी है। मिर्जापुर के संजय कुमार कहते हैं, इस बार चुनाव की प्रकृति एकदम विपरीत रही। प्रत्याशी तक उनके मन की बातें समझ नहीं पा रहे थे। अब देखिए, वोट के बाद भी सन्नाटा है। अब यह किस ओर का संकेत है...समझना मुश्किल है। 

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