बिहार के बाहुबली नेता व पूर्व विधायक राजन तिवारी भारत-नेपाल बार्डर के पास से गिरफ्तार
Bihar Crime उत्तर प्रदेश के गोरखपुर कैंट की पुलिस ने हरैया ओपी प्रभारी विवेक जायसवाल के साथ मिलकर उन्हें रक्सौल के लक्ष्मीपुर टावर के पास से गिरफ्तार किया। उनके खिलाफ दिसम्बर 2005 में उत्तर प्रदेश के कोर्ट से गैर जमानती वारंट जारी हुआ था।
पूर्वी चंपारण, जागरण संवाददाता। भारत-नेपाल के सीमावर्ती पूर्वी चंपारण जिले के रक्सौल हरैया ओपी पुलिस ने मुख्य पथ स्थित टावर चौक से गोविंदगंज विधानसभा के पूर्व विधायक व बाहुबली नेता राजन तिवारी को गिरफ्तार किया है। वे अपने सहयोगियों के साथ नेपाल की राजधानी काठमांडू स्थित बाबा पशुपतिनाथ के दर्शन के लिए जा रहे थे। इस दौरान प्राप्त सूचना के आधार पर हरैया ओपी प्रभारी विवेक कुमार जायसवाल ने टावर चौक से एक लग्जरी गाड़ी में सवार बाहुबली विधायक को चार लोगों के साथ गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद उत्तरप्रदेश के गोरखपुर कैंट से पहुंचे पुलिसकर्मियों को सौंप दिया गया। इसकी पुष्टि पूर्वी चंपारण के पुलिस अधीक्षक डा. कुमार आशीष ने भी की है।
- - यूपी पुलिस पर कारबाइन से हमले का आरोपित पूर्व विधायक राजन तिवारी रक्सौल से गिरफ्तार
- - सहयोगियों के साथ नेपाल की राजधानी काठमांडू स्थित बाबा पशुपतिनाथ जाने के क्रम में गिरफ्तार
- - यूपी में इनकी सक्रियता को देख डीजीपी मुख्यालय ने कसा शिकंजा
- - बीते 17 वर्षों से वारंट जारी होने के बाद भी कोर्ट में नहीं हो रहे थे पेश
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कारबाइन से फायरिंग करने का आरोप
बताया जाता है कि बाहुबली विधायक तिवारी पर गोरखपुर कैंट थाना में वर्ष 1998 में गैंगेस्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था। जिसमें पुलिसकर्मियों पर अत्याधुनिक हथियार कारबाइन से फायरिंग करने का आरोप है। जिसमें 14 पुलिसकर्मी जख्मी हो गए थे। इस मामले में यूपी की अदालत ने वारंट जारी किया था। तब से यूपी पुलिस बाहुबली विधायक की गिरफ्तारी की प्रयास में जुटी थी। हरैया ओपी प्रभारी विवेक कुमार जायसवाल ने बताया कि गोरखपुर कैंट थाना के इंस्पेक्टर शशिभूषण राय एक टीम के साथ इनकी गिरफ्तारी को लेकर पहुंचे थे। जिसके आधार पर रक्सौल हरैया ओपी पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए गैंगेस्टर कांड के आरोपित तिवारी को गिरफ्तार किया। उन्होंने कहा कि उनके साथ चालक सहित कुल चार लोग थे। जिन्हें पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया है।
यूपी में सक्रियता को देख पुलिस ने कसा शिकंजा
बताया जाता है कि यूपी पुलिस ने राजन तिवारी पर 20 हजार रुपये का इनाम भी घोषित कर रखा था। गिरफ्तार करने के बाद रक्सौल पुलिस ने यूपी पुलिस को उन्हें सौंप दिया है। मिली जानकारी के अनुसार गोरखपुर पुलिस ने पूर्व विधायक राजन तिवारी की उत्तरप्रदेश में सक्रियता को देख शिकंजा कसा है। जिसके तहत उप्र डीजीपी मुख्यालय ने प्रदेश के 61 माफियाओं की सूची में उनका नाम शामिल कर लिया है। जोन कार्यालय से राजन तिवारी पर दर्ज मुकदमे की जांच शुरू हुई तो पता चला कि गैर जमानती वारंट जारी होने के बाद भी 17 साल से वे कोर्ट में पेश नहीं हो रहे हैं। इसके बाद एसएसपी डॉ. गौरव ग्रोवर ने राजन को गिरफ्तारी कर कोर्ट में पेश करने के लिए सीओ कैंट श्याम विंद के नेतृत्व में टीम बनाई। इधर राजन तिवारी की गिरफ्तारी को पुलिस बड़ी सफलता मान रही है। जिसमें प्रभारी निरीक्षक कैंट, एसओजी व सर्विलांस की टीम शामिल थे।
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