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Bihar Chunav Results 2020: शिवहर में जो काम मां-बाप नहीं कर सके उसे बेटे ने कर दिखाया, ऐसे तोड़ा मिथक

Bihar Chunav Results 2020 पूर्व सांसद आनंद मोहन व लवली आनंद के पुत्र चेतन ने राजद के टिकट पर दर्ज की जीत। शिवहर विधानसभा सीट से कभी नहीं जीत पाए पति-पत्नी। चेतन ने सर्फुद्दीन को 36 हजार 686 वोटों के अंतर से हरा कर शिवहर सीट से रिकॉर्ड बनाया है।

By Ajit KumarEdited By: Published: Fri, 13 Nov 2020 07:30 AM (IST)Updated: Fri, 13 Nov 2020 07:30 AM (IST)
Bihar Chunav Results 2020: शिवहर में जो काम मां-बाप नहीं कर सके उसे बेटे ने कर दिखाया, ऐसे तोड़ा मिथक
उन्हेंं 73 हजार 143 मत प्राप्त हुए, जबकि प्रतिद्वंद्वी को 36 हजार 457 वोट मिले।

शिवहर, [नीरज]। Bihar Chunav Results 2020: सूबे की एकमात्र विधानसभा सीट वाले सबसे छोटे जिले शिवहर में वर्षों बाद इतिहास बदला है। दो कार्यकाल से विधायक रहे जदयू के मो. सर्फुद्दीन को राजद के चेतन आनंद ने बड़े अंतर से शिकस्त दी। चेतन की जीत कई मायनों में अहम रही। इस सीट से उनके माता-पिता कभी जीत नहीं पाए थे। बेटे की जीत से उनकी हार की भरपाई हुई है। चेतन ने सर्फुद्दीन को 36 हजार 686 वोटों के अंतर से हरा कर शिवहर सीट से रिकॉर्ड बनाया है। उन्हेंं 73 हजार 143 मत प्राप्त हुए, जबकि प्रतिद्वंद्वी को 36 हजार 457 वोट मिले।

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एमवाई समीकरण राजद के पक्ष में ही रहा

राजनीति के जानकार सर्फुद्दीन की हार में कई वजह ढूंढ़ते हैं। अव्वल तो उन्हेंं तीसरी बार प्रत्याशी बनाए जाने पर उनके ही लोगों में नाराजगी झलक रही थी। भाजपा द्वारा भी इस सीट पर दावेदारी की जा रही थी। लेकिन, सीतामढ़ी और शिवहर में सर्फुद्दीन जदयू कोटे से एकमात्र अल्पसंख्यक उम्मीदवार थे। लिहाजा, पार्टी ने प्रत्याशी बदलने की जहमत नहीं उठाई। इधर, राजद ने युवा चेतन को प्रत्याशी बनाकर नए वोटरों को साधने की कोशिश की। सर्फुद्दीन के अल्पसंख्यक चेहरा होने के बावजूद एमवाई समीकरण राजद के पक्ष में ही रहा।

शिवहर में सीएम नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव ने एक-एक सभा की थी। भीड़ के मामले में तेजस्वी पर सीएम की भीड़ भले ही भारी दिखी, लेकिन यह भीड़ वोट में नहीं बदल सकी। दूसरी ओर, लोजपा और निर्दलीय राधाकांत गुप्ता ने एनडीए के वोट बैंक में सेंधमारी कर जदयू प्रत्याशी की जीत की राह रोक दी।

पंडित रघुनाथ झा ने आनंद मोहन को दी थी शिकस्त

वर्ष 1995 में जनता दल के टिकट पर पंडित रघुनाथ झा मैदान में थे। उनके सामने बिहार पीपुल्स पार्टी के संस्थापक आनंद मोहन थे। उस चुनाव में पंडित जी ने आनंद मोहन को करीब 27 हजार वोटों के अंतर से परास्त किया था। वहीं, 2015 के चुनाव में एनडीए समर्थित हम प्रत्याशी और चेतन की मां लवली आनंद महज 461 मतों से जदयू के मो. सर्फुद्दीन से हार गई थीं। यह सीट चुनाव के केंद्र में रही। पंडितजी ने शिवहर जैसे छोटे से अनुमंडल को जिला बनाने में बड़ी भूमिका अदा की थी। हालांकि, इस बार के समीकरण में उनका योगदान गौण हो गया। उनके पुत्र अजीत कुमार झा और पौत्र नवनीत कुमार झा को दरकिनार कर राजद ने चेतन आनंद को प्रत्याशी बनाया था।  


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