Bihar B.Ed Common Entrance Test 2021: प्रस्तावित सीईटी-बीएड संयुक्त प्रवेश परीक्षा स्थगित
Bihar B.Ed Common Entrance Examination (CET B.Ed) 2021 सीईटी-बीएड राज्य नोडल पदाधिकारी प्रो. अशोक कुमार मेहता ने कहा कि अपरिहार्य कारणों से यह निर्णय लिया गया है। अगले सप्ताह तक परीक्षा आयोजन की तिथि और संबंधित कार्यक्रमों की जानकारी आवेदकों को दी जाएगी।
दरभंगा/मुजफ्फरपुर, जासं। बिहार सीईटी-बीएड संयुक्त प्रवेश परीक्षा 2021 के आयोजन को सीईटी-बीएड राज्य नोडल केंद्र ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय ने अपरिहार्य कारणों से तत्काल स्थगित कर दिया है। 11 जुलाई को बिहार के 11 शहरों के लगभग तीन सौ केंद्रों पर परीक्षा तय थी। प्रवेश परीक्षा में एक लाख 36 हजार सात सौ 72 अभ्यर्थी शामिल होनेवाले थे। बताया गया कि सूबे के विभिन्न जिलों में अब भी कोरोना से बचाव को लेकर अनलाक की प्रक्रिया जारी है। कोरोना संक्रमण भी पूरी तरह काबू में नहीं आया है। इस कारण परीक्षा स्थगित कर दी गई है। सीईटी-बीएड राज्य नोडल पदाधिकारी प्रो. अशोक कुमार मेहता ने कहा कि अपरिहार्य कारणों से यह निर्णय लिया गया है। अगले सप्ताह तक परीक्षा आयोजन की तिथि और संबंधित कार्यक्रमों की जानकारी आवेदकों को दी जाएगी। प्रवेश परीक्षा के लिए आरा, भागलपुर, छपरा, दरभंगा, गया, मधेपुरा, मुंगेर, मुजफ्फरपुर, पटना, पूर्णिया और हाजीपुर में केंद्र बनाए गए हैैं। बता दें कि जिले में 16,455 अभ्यर्थियों ने बीएड में दाखिले के लिए आवेदन किया था। बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के अंतर्गत 59 कॉलेजों में बीएड के लिए 6300 सीटें निर्धारित हैं। जिले में परीक्षा को लेकर 35 केंद्र बनाए जाएंगे।
सदफ आलम ने 65 वीं बीपीएससी परीक्षा में भी लहराया परचम
मुशहरी (मुजफ्फरपुर) : प्रखंड के पताही निवासी कपड़ा दुकानदार मो मंसूर आलम की पुत्री सदफ आलम ने 65 वीं बीपीएससी की मुख्य परीक्षा में भी परचम लहराया है। इससे पूर्व वह 64 वीं बीपीएससी परीक्षा पास कर राजस्व अधिकारी पद पर चयनित हो चुकी है। उनकी मां जमीला खातून एथलिट रही हैं और सामाजिक कार्य में बढ़ चढ़कर रुचि लेती रहीं। बुधवार की शाम 65 वीं मुख्य परीक्षा में सफल होने पर स्थानीय मुखिया संजय कुमार ने उनके आवास पर सदफ आलम को गुलदस्ता भेंटकर बधाई दी।
जनकवि नागार्जुन को दी गई श्रद्धांजलि
कांटी (मुजपफरपुर), संस: नूतन साहित्यकार परिषद की ओर से बुधवार को जनकवि नागार्जुन को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि दी गई। परिषद के अध्यक्ष चंदभूषण सिंह चंद्र ने कहा कि नागार्जुन सदैव जनता के सवालों को लेकर सत्ता के समक्ष आवाज उठाते रहे। उनकी लेखनी लोकतंत्र में मजबूत विपक्ष की भूमिका में दिखती है, जो सदैव प्रासंगिक रहेगा। सेवानिवृत्त शिक्षक स्वराजलाल ठाकुर ने कहा कि ऐसे साहित्यकारों की उपेक्षा समाज, देश व लोकतंत्र के लिए घातक है। मौके पर स्वराज लाल ठाकुर, हर्षवर्धन ठाकुर, नंदकिशोर ठाकुर, रोहित रंजन, कुमार राकेश, अनिल कुमार अनल आदि मौजूद रहे।