शाकाहारी मार्का पर मांसाहारी फूड कैप्सूल की हो रही थी बिक्री, ऐसे खुली पोल
शाकाहारी मार्का यानि ग्रीन डॉट दिखाकर मांसाहारी फूड कैप्सूल बेचने का पर्दाफाश हुआ है। जांच के बाद इन कैप्स्यूल्स की बिक्री पर तत्काल रोक लगा दिया गया है।
मुजफ्फरपुर [जेएनएन]। जिले में शाकाहारी मार्का ग्रीन डॉट दिखाकर मांसाहारी फूड कैप्सूल बेचने का पर्दाफाश किया गया है। जांच व निरीक्षण के बाद एलओक्यू-10 नामक कैप्सूल की बिक्री पर तत्काल रोक लगा दी गई है। ड्रग इंस्पेक्टर विकास शिरोमणि ने कैप्सूल बेचने वाले थोक विक्रेता व उसकी निर्माता कंपनी को 15 दिनों के अंदर अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया है।
इसके साथ ही चार सौ ऐसे फूड प्रोडक्ट को भी चिह्नित किया गया है जो फूड कैप्सूल के रैपर पर शाकाहारी मार्का दिखाकर बाजार में मांसाहारी फूड प्रोडक्ट बेच रहे। जांच अभियान चलाकर फूड कैप्सूल बेचने वाले दुकानदारों की पहचान कर उसका नमूना संग्रह कर बिक्री पर रोक व बेचने वाली कंपनी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाएगा।
इस तरह पकड़ में आया मामला
ड्रग इंस्पेक्टर को शिकायत मिली कि बाजार में फूड प्रोडक्ट बनानेवाली कंपनी शाकाहारी व मांसाहारी के लिए सरकार की ओर से तय मार्का का दुरुपयोग कर रही। अभियान चलाया गया तो जूरन छपरा की एक दुकान में एलओक्यू-10 फूड कैप्सूल बड़ी मात्रा में मिला। उसके रैपर पर शाकाहारी मार्का था।
ड्रग इंस्पेक्टर ने जांच की तो पाया कि पोषक तत्व के लिए दो तरह के कैप्सूल बन रहे हैं। इसमें एक है जिलेटिन, जो मांसाहारी है। दूसरा एचपीएमसी, जो शाकाहारी व्यक्तियों के लिए है।
मानक का नहीं हो रहा पालन
ड्रग इंसपेक्टर का कहना है कि बाजार में फूड प्रोडक्ट की अच्छी मांग है। बहुत सी दवा कंपनियां प्रोडक्ट बनाने में जुट गई हैं। प्रतियोगिता के चक्कर में मानक का पालन नहीं हो रहा। एलओक्यू-10 पर रोक लगा दी गई है। इससे पहले फलोकोविट कैप्सूल को भी प्रतिबंधित किया जा चुका है।
उन्होंने हिदायत दी कि कोई भी निर्माता कंपनी फूड प्रोडक्ट में ड्रग का डोज इस्तेमाल नहीं करें। जांच में पकड़े जाने पर औषधि के रूप में उसे चिह्नित किया जाएगा। सख्त कार्रवाई भी की जाएगी। उन्होंने आम लोगों से अपील भी कि वे कोई भी फूड प्रोडक्ट खरीदें तो शाकाहारी मार्का (ग्रीन डॉट) व मांसाहारी मार्का (ब्राउन डॉट) जरूर देंखे।