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बिहार: सरकारी बालिका गृह में होता था एेसा गंदा खेल, खुलासे के बाद मचा हड़कंप

मुजफ्फरपुर में एक एनजीओ द्वारा संचालित सरकारी बालिका गृह मे बच्चियों से हो रहे यौनशोषण, हिंसा का खुलासा होते ही हड़कंप मच गया है। महिला आयोग की अध्यक्ष ने मामले को गंभीर बताया है।

By Kajal KumariEdited By: Published: Sat, 02 Jun 2018 09:46 AM (IST)Updated: Sat, 02 Jun 2018 10:02 PM (IST)
बिहार: सरकारी बालिका गृह में होता था एेसा गंदा खेल, खुलासे के बाद मचा हड़कंप
बिहार: सरकारी बालिका गृह में होता था एेसा गंदा खेल, खुलासे के बाद मचा हड़कंप

मुजफ्फरपुर [जेएनएन]। बालिका गृह में अपनों से बिछड़ी व भूली-भटकी नाबालिग बच्चियों को रखा जाता है। ताकि, वे सुरक्षित रह सकें। मगर, पिछले दिनों टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस, मुंबई की 'कोशिश' टीम ने साहू रोड स्थित उक्त बालिका गृह में बालिकाओं के साथ हो रहे अमानवीय व्यवहार को सामने ला दिया। इस खुलासे के बाद पुलिस प्रशासन के बीच हड़कंप मच गया है।

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लड़कियों की होती थी सप्लाई
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक इस बालिका गृह से लड़कियों को रसूखदारों के घर भेजा जाता था। पटना से लेकर सभी शहरों में लड़कियां भेजी जाती थीं। खुलासे के बाद पता चला है कि यह बालिका गृह एक एनजीओ चलाता था जिसके मालिक का संपर्क एक राजनीतिक दल से भी है।

महिला आयोग की अध्यक्ष ने कहा-मामला अति गंभीर
खुलासे में ये भी पता चला है कि लड़कियों का इस्तेमाल टेंडर लेने में भी होता था। इसमें कार्रवाई के बाद कई बड़े अधिकारी और पॉलिटिशियन भी बेनकाब हो सकते हैं। इस मामले को अति गंभीर बताते हुए महिला आयोग की अध्यक्ष दिलमणि मिश्रा ने कहा है कि मैं खुद इस मामले की जांच करूंगी।

मामले में एफआइआर दर्ज

साहू रोड स्थित सेवा संकल्प एवं विकास समिति द्वारा संचालित बालिका गृह में बालिकाओं से यौन शोषण व हिंसा का मामला सामने आया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए सहायक निदेशक, बाल संरक्षण इकाई ने महिला थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है। पुलिस ने बालिका गृह के संचालक व कर्मियों के खिलाफ जांच शुरू कर दी है। 

टीम ने रिपोर्ट में कहा कि बालिकाओं को यहां बेहद आपत्तिजनक स्थिति में रखा जाता है। यहां रहने वाली कई बालिकाओं ने बताया कि उनके साथ हिंसा होती है। यौन शोषण किया जाता था। टीम ने तत्काल मामले की जांच व बालिका गृह के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा की। इस रिपोर्ट से हड़कंप मच गया। निदेशक, समाज कल्याण विभाग ने तत्काल कार्रवाई का आदेश दिया। साथ ही सभी बालिकाओं को यहां से हटाकर दूसरी जगह रखने को कहा। 

पटना, मोकामा व मधुबनी भेजी गईं 44 बालिकाएं

खतरे को देखते हुए बालिका गृह से सभी 44 बालिकाओं को बुधवार को पटना, मोकामा एवं मधुबनी भेज दिया गया। इनमें 16 पटना, 14 मोकामा एवं 14 मधुबनी स्थानांतरित की गईं। 

देर शाम प्राथमिकी दर्ज

सहायक निदेशक, जिला बाल संरक्षण इकाई ने शुक्रवार की शाम महिला थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई। महिला थानेदार ज्योति कुमारी ने बताया कि मामले में पोक्सो एक्ट व दुष्कर्म की धाराओं में कांड अंकित कर कार्रवाई शुरू कर दी गई है। वहीं नगर डीएसपी मुकुल कुमार आनंद ने कहा कि संस्था पर गंभीर आरोप लगा है। प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। मामले की जांच कर आगे की कार्रवाई की जा रही है। देर शाम पुलिस टीम संस्था के ठिकानों पर पहुंचकर जांच की।

मामला छुपाने की कोशिश

टीम की रिपोर्ट के विपरीत बालिका गृह की अधीक्षक इंदु कुमारी ने कहा कि जगह की कमी के कारण इन्हें स्थानांतरित किया गया है। वहीं देर शाम तक बाल संरक्षण इकाई के सहायक निदेशक भी मामले को छिपाए रहे। उन्होंने प्राथमिकी दर्ज किए जाने की बात भी मीडिया को नहीं बताई। इतना ही नही बुधवार को यहां से दूसरे जिले में गुपचुप तरीके से ही बालिकाओं को शिफ्ट किया गया। इससे विभाग की कार्यशैली पर भी सवाल उठ रहा।

टीम की जांच नहीं होती तो जारी रहता बालिकाओं से यौन शोषण

बालिका गृह की सोशल ऑडिट के बाद यह मामला सामने आया। यहां यह भी सवाल उठ रहा कि अगर यह जांच नहीं होती तो बालिकाओं से यौन शोषण जारी रहता। 

कहा-एसएसपी ने

मामला गंभीर है। नगर डीएसपी के नेतृत्व में विशेष टीम का गठन किया गया है। जांच कर सभी आरोपितों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। 

हरप्रीत कौर, एसएसपी


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