'मैं कुंवारी मां बनी हूं और परेशानी का मुझे अहसास है...', जानें पीडि़ता ने और क्या कहा
सामाजिक तानों का नहीं है डर बच्चे का रखूंगी ख्याल। औराई में नाबालिग से हुआ था सामूहिक दुष्कर्म। सदर अस्पताल में है भर्ती एक आरोपित को भेजा जा चुका जेल।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। मैं कुंवारी मां बनी हूं और होनेवाली परेशानी का मुझे अहसास है। मैं बच्चे का पालन-पोषण कर उसे काबिल इंसान बनाऊंगी। ताकि, वह समाज के दुश्मनों से लड़ सके और घिनौना काम करने वालों के खिलाफ बेसहारा की आवाज बन सके।
सुनने में सब फिल्मी लग रहा है। लगे भी क्यों नहीं? एक नाबालिग, जिसने ठीक से दुनिया नहीं देखी, उसने पहाड़ जैसा संकल्प ले लिया। जिसकी वजह से उसे पूरी जिंदगी संघर्ष करना पड़ेगा। बात हो रही है औराई में सामूहिक दुष्कर्म की शिकार हुई नाबालिग की।
छह माह पूर्व उसके साथ तीन लड़कों ने दुष्कर्म किया। जब वह गर्भवती हुई तो मामला सामने आया। पूर्व में पंचायत और थाना स्तर से मामले को दबा दिया गया था। उसने सदर अस्पताल में एक अविकसित बच्चे को जन्म दिया जो फिलहाल एनआइसीयू में जिंदगी और मौत से जूझ रहा है। पीडि़ता को पूरा विश्वास है कि उसका बच्चा यह लड़ाई जीत जाएगा और समाज के दुश्मनों का डटकर सामना करेगा। फिलहाल वह खुद सदर अस्पताल में भर्ती है। घटना के बाद पुलिस ने एक आरोपित को जेल भेज दिया था। वहीं अन्य दो आरोपित अब भी बाहर घूम रहे हैं।
सामाजिक तानों से डर नहीं
पीडि़ता ने कहा कि वह कुंवारी मां बनी है। लेकिन, उसे सामाजिक तानों का डर नहीं है। वह अपने बच्चे के पालन-पोषण में कोई कमी नहीं रखेगी। अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद अपनी पढ़ाई भी पूरी करेगी। फिर कोई काम-धंधा खोजेगी। इससे अपने बच्चे को लालन-पालन करेगी। किसी की बातों का उसे कोई फर्क नहीं है।
शर्त पर करेगी शादी
उसने कहा कि वह आरोपित से शादी नहीं करेगी। अगर उसकी मां चाहेगी तो वह दूसरे किसी से शादी कर लेगी। लेकिन, इसके लिए उसकी एक शर्त है। उसका होने वाला पति अगर उसके बच्चे को अपनाने के लिए तैयार होगा तब वह शादी के लिए हामी भरेगी। अन्यथा वह अपने इरादों पर अडिग है। उसे किसी का डर नहीं है।
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