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अंधविश्वास : छह दिन पूर्व मृत किशोरी को कब्र से निकालकर जिंदा करने की कोशिश करती रही भगत, पुलिस के पहुंचने की भनक लगते ही...

12 वर्षीय किशोरी को जिंदा करने की कोशिश नाकाम। मूकदर्शक बने रहे सैकड़ों लोग। पुलिस के आने की भनक लगते ही लाश छोड़कर भागी भगत।

By Ajit KumarEdited By: Published: Sat, 08 Aug 2020 08:05 PM (IST)Updated: Sat, 08 Aug 2020 08:05 PM (IST)
अंधविश्वास : छह दिन पूर्व मृत किशोरी को कब्र से निकालकर जिंदा करने की कोशिश करती रही भगत, पुलिस के पहुंचने की भनक लगते ही...
अंधविश्वास : छह दिन पूर्व मृत किशोरी को कब्र से निकालकर जिंदा करने की कोशिश करती रही भगत, पुलिस के पहुंचने की भनक लगते ही...

समस्तीपुर, जेएनएन। जिले के हरिशंकरपुर बघौनी पंचायत के सिरसिया में शनिवार को अंधविश्वास की अजीबोगरीब घटना हुई। छह दिन पहले मृत किशोरी के शव को भगत कब्र से उखाड़ कर घंटों मंत्रोच्चारण कर जीवित करने की कोशिश करती रही। वहां जुटी हजारों की भीड़ मूकदर्शक बनी देखती रही। पुलिस के आने की भनक सुनते ही भगत लाश छोड़कर भाग निकली। जब लोगों ने उसे पकड़ने की कोशिश की तो वो कुछ लाने का बहाना बनाकर खिसक गई। बाद में गांव के लोगों ने लाश को पुनः उसी कब्र में दफना दिया।

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हरिशंकरपुर बघौनी पंचायत के सिरसिया दलित काॅलोनी वार्ड-11 निवासी बासुदेव मांझी की करीब 12 वर्षीय पुत्री चंदा कुमारी की मौत 3 अगस्त को घर के बगल में खेलते समय अचानक हो गई थी। चर्चा थी कि सांप के डंसने से मौत हुई लेकिन, शरीर पर कोई निशान नहीं पाया गया। स्थानीय लोगों के सांपकटी झराने की सलाह को नजरअंदाज करते हुए शव को बगल के श्मशान में दफना दिया गया।

छह दिनों बाद कुछ लोगों की सलाह पर अबाबकरपुर की चर्चित भगतीनी को बुलाकर झड़ाने की सलाह मानकर भगतीनी के कहे अनुसार परिजनों की उपस्थिति में लाश उखाड़कर हजारों की भीड के समक्ष घंटों विधि-विधान के साथ मंत्रोच्चारण करती रही। लेकिन, बच्ची जिंदा न हो सकी। इसी बीच किसी ने पुलिस के आने की खबर फैला दी। इसके बाद तो भगतीनी लाश छोड़कर फरार होने लगी। कुछ लोगों ने उसे पकड़ने की कोशिश की तो कुछ पवित्र सामान लाने का बहाना बनाकर वह खिसक गई। जब बहुत देर तक वह नहीं लौटी तो स्थानीय मुखिया पति भोला बिहारी आदि के कहने पर पुनः लाश को उसी कब्र में दफनाया दिया गया।

इस अजीबोगरीब धटना पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भाकपा माले के सुरेन्द्र प्रसाद सिंह, ब्रहमदेव प्रसाद सिंह आदि ने कहा कि विज्ञान के युग में भी एक तथाकथित भगत के चलते हजारों लोग अंधविश्वास के शिकार होकर तमाशा देखते रहे। यह क्रियाकलाप घंटों चलता रहा। जानकारी होने के बावजूद बंगरा पुलिस घटनास्थल पर नहीं आई। 


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