मूलभूत संसाधनों की कमी के बीच होगी मैट्रिक परीक्षा
कई परीक्षा केंद्रों पर पेयजल की किल्लत, कई भवन खिड़की विहीन। परीक्षा केंद्रों के शौचालय में गंदगी का अंबार, छात्राओं के लिए नहीं विशेष व्यवस्था।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। यूं तो प्रशासन की ओर मैट्रिक परीक्षा की तैयारी मुकम्मल कर ली गई है, लेकिन अब भी कई ऐसे परीक्षा केंद्र हैं जहां मूलभूत सुविधाएं तक नहीं हैं। कहीं पेयजल की सुविधाएं नहीं हैं तो कई भवन खिड़कीविहीन हैं। इन सुविधाविहीन स्कूलों में केंद्र बनाए जाने से परीक्षार्थियों को दो मोर्चे पर लडऩा होगा। एक तो उन्हें कठिन से कठिन सवालों के जवाब देने होंगे वहीं दूसरी ओर मूलभूत सुविधाओं की कमी से भी जूझना होगा।
राजकीय चैपमैन बालिका उच्च विद्यालय की खिडकियां टूटी हुई हैं। यहां के दो-दो हैंडपंड सूख चुके हैं। जूरन छपरा बालिका उच्च विद्यालय केंद्र के हैंडपंप खराब हैं। आदर्श एमएसकेबी परीक्षा केंद्र के चापाकल भी टूटे पड़े हैं। चहारदीवारी विहीन परीक्षा केंद्र हैं। ऐसे में परीक्षार्थियों को पानी के लिए तरसना पड़ेगा। कई परीक्षा केंद्रों के शौचालय में गंदगी फैला हुआ है। इसके अंदर जाना परीक्षार्थियों के लिए मुश्किल है।
जिला स्कूल केंद्र पर दो चापाकल हैं। शौचालय व बाथरूम तो भगवान भरोसे है। खुले आसमान के नीचे बाथरूम है। कमोबेश यहीं स्थिति शहरी क्षेत्र के कई केंद्रों की है। जहां पेयजल व बाथरूम का अभाव है। उधर, केंद्राधीक्षकों की मानें तो परीक्षार्थियों को मूलभूत सुविधाएं दी जाएंगी। परीक्षा हॉल के सामने पानी से भरा बाल्टी और गिलास रखा जाएगा। ताकि परीक्षार्थियों को किसी तरह की परेशानी न हो। दूसरी ओर रोशनी की व्यवस्था भी उपलब्ध कराई जाएगी।
परीक्षार्थियों को मिलने वाली सुविधाएं
- छात्राओं के केंद्र पर तलाशी के लिए कपड़े का घेरा
-पेयजल उपलब्ध कराना
-परीक्षा हॉल में रोशनी की पर्याप्त व्यवस्था
-बाथरूम की व्यवस्था
-बैठने के लिए डेस्क-बेंच