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केसीसी योजना से बैंकों ने पल्ला झाड़ा, विभाग चिंतित

किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) योजना से बैंकों ने पल्ला झाड़ लिया है। जिले के सभी 16 प्रखंडों में लगे केसीसी शिविर में 90 फीसद बैंकों की शाखाओं के प्रतिनिधि नहीं पहुंचे। नतीजा लोन के लिए गए किसानों को निराशा हाथ लगी।

By JagranEdited By: Published: Tue, 18 Sep 2018 03:00 PM (IST)Updated: Tue, 18 Sep 2018 03:00 PM (IST)
केसीसी योजना से बैंकों ने पल्ला झाड़ा, विभाग चिंतित
केसीसी योजना से बैंकों ने पल्ला झाड़ा, विभाग चिंतित

मुजफ्फरपुर । किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) योजना से बैंकों ने पल्ला झाड़ लिया है। जिले के सभी 16 प्रखंडों में लगे केसीसी शिविर में 90 फीसद बैंकों की शाखाओं के प्रतिनिधि नहीं पहुंचे। नतीजा लोन के लिए गए किसानों को निराशा हाथ लगी। कृषि विभाग किसानों को लोन न मिलने की सरकार को रिपोर्ट भेजेगी।

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बताया गया कि सरकार ने प्रत्येक माह में सभी प्रखंड में केसीसी लोन शिविर लगाने का निर्देश दिया था। इसके तहत सभी प्रखंड में केसीसी शिविर लगाया गया। जिला कृषि पदाधिकारी समेत अन्य विभागीय लोग शिविरों में गए, लेकिन वहां बैंकों की शाखाओं का प्रतिनिधित्व दस फीसद ही रहा। जिले में करीब 40 हजार किसानों को केसीसी लोन देने का लक्ष्य था। जिन बैंकों की शाखाओं के प्रतिनिधि उपस्थित भी हुए, उन्होंने कागजी खानापूरी में ही समय गुजार दिया। किसी के लोन को हरी झंडी नहीं दी। मालूम हो कि किसान क्रेडिट कार्ड योजना के तहत किसानों को सात फीसद ब्याज पर लोन मिलता है। नियमित लोन भरे जाने पर दो फीसद केंद्र व राज्य सरकार एक फीसद तक छूट देती है। केसीसी लोन को लेकर बैंकों के इस रवैए का कारण यह बताया जा रहा है कि राज्य सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को बंद कर दिया है। इसके बदले सरकार ने फसल सहायता योजना शुरू की है। इस योजना के बंद होने से उनको मिलने वाली सिक्योरिटी मनी मिलना भी बंद हो गया है। लिहाजा बैंकों ने पल्ला झाड़ लिया है।

जिला कृषि पदाधिकारी, डॉ. केके वर्मा ने बताया कि 'बैंकों की भूमिका बिल्कुल निराशाजनक है। 15 तारीख को हुए शिविर की रिपोर्ट सरकार को भेजी जाएगी, जिसमें सभी तथ्यों से अवगत कराया जाएगा।'


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