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96.97 लाख राजस्व हानि पहुंचाने वाले बैंक प्रबंधक को तीन साल का कारावास

न्यायिक दंडाधिकारी (प्रथम श्रेणी) प्रीति कुमारी की कोर्ट ने सुनाई सजा। पारू के सरमसपुर के यूबीजीबी शाखा के प्रबंधक वीरेंद्र कुमार को सुनाई गई सजा।

By Ajit KumarEdited By: Published: Wed, 30 Jan 2019 08:48 PM (IST)Updated: Wed, 30 Jan 2019 09:46 PM (IST)
96.97 लाख राजस्व हानि पहुंचाने वाले बैंक प्रबंधक को तीन साल का कारावास
96.97 लाख राजस्व हानि पहुंचाने वाले बैंक प्रबंधक को तीन साल का कारावास

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। ऋण देने में 96.97 लाख रुपये के राजस्व की हानि करने वाले उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक (यूबीजीबी) के पारू थाना क्षेत्र के सरमस्तपुर शाखा के तत्कालीन शाखा प्रबंधक वीरेंद्र कुमार को तीन साल कारावास की सजा सुनाई गई है।

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 उसे दस हजार रुपये जुर्माना भी देना होगा। मामले के विचरण के बाद न्यायिक दंडाधिकारी (प्रथम श्रेणी) प्रीति कुमारी ने उसे यह सजा सुनाई। मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से सहायक अभियोजन पदाधिकारी चंदन ठाकुर ने कोर्ट के समक्ष साक्ष्य पेश किए।

यह है मामला

यूबीजीबी के तत्कालीन क्षेत्रीय प्रबंधक भूपेंद्र कुमार ने पारू थाना में आठ जुलाई 2009 को प्राथमिकी दर्ज कराई थी। इसमें उन्होंने कहा था कि फरवरी 2009 में बैंक का ऑडिट कराया गया था। ऑडिट रिपोर्ट में सरमस्तपुर के यूबीजीबी के शाखा प्रबंधक वीरेंद्र कुमार के विरुद्ध पर्याप्त साक्ष्य पाया गया था। इसमें वर्ष 2005 से 2008 तक के उसके कार्यकाल में घोर वित्तीय अनियमितता पाई गई थी।

 ऋण देने में 96 लाख 97 हजार की राजस्व की क्षति का स्पष्ट प्रमाण शामिल है। 11 अगस्त 2008 से वे अवकाश पर थे। 22 अगस्त 2008 को उपस्थिति दिखाकर वे अवकाश पर चले गए। बार -बार चेतावनी देने के बाद वे बैंक की शाखा या क्षेत्रीय कार्यालय में उपस्थित नहीं हुए। आठ मई 2009 को शाखा प्रबंधक से कारण पृच्छा की गई, लेकिन इसका जवाब नहीं मिला।

 अनुसंधान के बाद 28 फरवरी 2017 को पुलिस ने उसके खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल किया। इससे पहले 2010 में वीरेंद्र कुमार की ओर से जिला जज के कोर्ट में अग्रिम जमानत की अर्जी दाखिल की गई। जिला जज के कोर्ट ने सुनवाई के बाद इसे अर्जी को खारिज कर दिया। इसके खिलाफ हाइकोर्ट में दाखिल अर्जी भी खारिज कर दी गई। 20 जुलाई 2013 को उसके खिलाफ कोर्ट से वारंट जारी किया गया। नौ फरवरी को उसने कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया।


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