मधुबनी के दामोदरपुर में टूटा बछराजा नदी का डायवर्सन, यातायात ठप
बेनीपट्टी-बिस्फी मार्ग पर दामोदरपुर के पास नदी में अचानक पानी से ध्वस्त हुआ डायवर्सन। बेनीपट्टी व बिस्फी प्रखंडों के करीब एक दर्जन गांवों का अनुमंडल मुख्यालय से संपर्क टूट चुका है। एक दर्जन गांवों का यातायात प्रभावित हो गया है।
मधुबनी, जासं। जिले के बेनीपट्टी से बनकट्टा होते हुए बिस्फी प्रखंड मुख्यालय जाने वाली मुख्य सड़क पर यातायात ठप हो गया है। लगातार हो रही बारिश से दामोदरपुर गांव में बछराजा नदी में आए उफान के कारण बुधवार को नदी पर बना डायवर्सन टूटकर ध्वस्त हो गया। डायवर्सन पर नदी का पानी तेजी से बह रहा है। इससे इस पथ पर आवागमन पूरी तरह ठप हो गया है। इस डायवर्सन के टूटने से करीब एक दर्जन गांवों का यातायात प्रभावित हो गया है। बछराजा नदी में अचानक पानी आने से तेज धारा को डायवर्सन झेल नहीं पाया और ध्वस्त हो गया। डायवर्सन के टूटते ही वहां तीव्र वेग में नदी का पानी बहने लगा है। बछराजा नदी पर बने डायवर्सन के टूट जाने से स्थानीय लोगों के समक्ष यातायात का गंभीर संकट उत्पन्न हो गया है।
डायवर्सन टूट जाने व पानी बहने से बेनीपट्टी प्रखंड के दामोदरपुर, बलिया, अंधरी, गंगुली, आहपुर, मानसिपट्टी, नवटोलिया, खसियाघाट सहित एक दर्जन गांवों का बेनीपट्टी अनुमंडल मुख्यालय से संपर्क भंग हो गया है। वहीं, बिस्फी प्रखंड के तीसी, नरसाम, लोहरा सिबौल, परसौनी, रथौस, दमला, भैरवा, कठैला सहित कई गांवों का भी बेनीपट्टी अनुमंडल मुख्यालय से संपर्क टूट गया है। बता दें कि दामोदरपुर गांव में बछराजा नदी पर पुल निर्माण कम्पनी के द्वारा डायवर्सन का निर्माण कराया गया था। यहा पुल निर्माणाधीन है। बुधवार को बछराजा नदी में अचानक पानी आ जाने से डायवर्सन टूट गया। इस डायवर्सन के टूटने से बेनीपट्टी व बिस्फी प्रखंड की करीब दो लाख की आबादी के प्रभावित होने का अनुमान है।
दूसरी तरफ, हरलाखी प्रखंड क्षेत्र में बीते सोमवार की रात से लगातार तेज हवा के साथ लगातार बारिश ने लोगों का जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। बारिश के कारण एक तरफ जहां प्रखंड की कई सड़कें झील में तब्दील हो चुकी है तो वहीं तेज हवा से धान की फसल को काफी नुकसान पहुंचा है। लगातार बारिश व तेज हवा के कारण मंगलवार को आम जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। लोग आवश्यक कार्य को लेकर भी घर से नहीं निकल सके। वहीं, तेज हवा ने किसानों के खेत में तैयार धान की फसल को जमीन पर सुला दिया और फसल पूरी तरह से पानी में डूब गई। इससे स्थानीय किसानों को भारी क्षति का सामना करना पड़ रहा है। स्थानीय किसान खेत से अपने क्षतिग्रस्त फसल को देखने के बाद मायूस होकर लौट रहे है।
किसानों ने बताया कि 90 फीसदी धान की फसल तैयार हो चूकी थी। जिसकी कटाई भी शुरू हो चुकी थी। 15 दिनों के अंदर सभी किसान तैयार फसल की कटाई पूर्ण कर लेते, लेकिन तेज हवा व बारिश ने किसानों के मंसूबे पर पानी फेर दिया। फसल पानी में डूबकर पूरी तरह से बर्बाद हो गई। बीएओ नौशाद अहमद ने बताया कि प्रखंड क्षेत्र में कुल 7200 हेक्टेयर में धान फसल की बुआई हुई थी। कुछ जगहों से फसल क्षति की सूचना मिली है। विभागीय निर्देश के बाद क्षति का आंकलन किया जाएगा।