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22 लाख बच्चों को दी जाएगी कृमि की दवा, जागरूकता को चलेगा अभियान

स्कूल व आंगनबाड़ी सेंटर पर बच्चों को मिलेगी खुराक, हर जगह दवा और प्रचार सामग्र्री पहुंच गई है, एल्बेंडाजोल की गोली खिलाने का निर्णय लिया गया।

By Ajit KumarEdited By: Published: Thu, 14 Feb 2019 03:51 PM (IST)Updated: Thu, 14 Feb 2019 03:51 PM (IST)
22 लाख बच्चों को दी जाएगी कृमि की दवा, जागरूकता को चलेगा अभियान
22 लाख बच्चों को दी जाएगी कृमि की दवा, जागरूकता को चलेगा अभियान

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। जिले में 22 लाख बच्चों को कृमि की दवा दी जाएगी। दवा खिलाने के लक्ष्य का निर्धारण स्वास्थ्य विभाग ने कर दिया है। बच्चों से लेकर युवा तक को कृमि से मुक्ति किया जाएगा। इसके लिए 18 फरवरी से स्कूल व आंगनबाड़ी सेंटर पर विशेष अभियान चलाया जाएगा और लोगों को जागरूक किया जाएगा। सिविल सर्जन की अध्यक्षता में जिला स्वास्थ्य समिति में समीक्षा बैठक हुई। 

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   इसमें स्कूल व सभी केंद्रों पर एक से 19 वर्ष तक के स्कूल जाने व नहीं जाने वाले दोनों प्रकार के बच्चे से युवाओं तक को एल्बेंडाजोल की गोली खिलाने का निर्णय लिया गया। समीक्षा बैठक में जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. आरपी सिंह, डीपीएम बीपी वर्मा, जिला वित्त प्रबंधक अफरोज हैदर सहित पीएचसी प्रभारी शामिल रहे।

सभी जगह पहुंच गई दवा

सिविल सर्जन डॉ. शिवचंद्र भगत ने बताया कि हर जगह दवा और प्रचार सामग्र्री पहुंच गई है। 18 फरवरी को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस पर जिले के सभी सरकारी व प्राइवेट स्कूल, आंगनबाड़ी केंद्र पर दवा खिलाने की व्यवस्था की गई है। जिले में 22 लाख 80 हजार बच्चों से युवाओं को दवा खिलाने का लक्ष्य रखा गया है।

  इसमें प्रखंड स्तर पर प्राइवेट एवं सरकारी स्कूल में 11.73 लाख, आंगनबाड़ी केंद्र पर 4.59 लाख पंजीकृत एवं 1.9 लाख गैर पंजीकृत के साथ आइटीआइ एवं पॉलीटेक्निक में कुल 4.5 लाख को दवा खिलाने का लक्ष्य है।

इस तरह दवा का करें सेवन

एक से दो साल तक के बच्चे को

एल्बेंडाजोल की आधी टेबलेट चूर कर खिलाई जाएगी। दो से तीन साल तक के बच्चे को एक पूरी गोली चूर कर खिलानी है। वहीं, तीन से 19 साल तक को यह गोली चबाकर खानी है।

पेट में कीड़ा होने से शारीरिक विकास हो जाता अवरुद्ध

सदर अस्पताल के विशेष चिकित्सक नवीन कुमार ने बताया कि बच्चों के नंगे पैर खेलने व घूमने, हाथ धोए बिना खाना खाने, खुले में शौच करने, शौच के बाद हाथ नहीं धोने और दूषित खाना खाने से कृमि संक्रमण की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। बच्चों व युवा के पेट मे कीड़ा होने से उनका शारीरिक एवं मानसिक विकास अवरुद्ध हो जाता है।  


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