अरुण जेटली ने समझी थी लोगों की पीड़ा, टैक्स के बोझ से बचाया Muzaffarpur news
1980 के दशक में भगवानपुर रोहुआ कोल्हुआ पंचायत को निगम में शामिल करने की बनी थी योजना। नगर विधायक रहे रघुनाथ पांडेय समस्या लेकर पहुंचे थे दिल्ली वहीं हुई मुलाकात।
मुजफ्फरपुर, [अमरेन्द्र तिवारी]। पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली के ससुर और पूर्व सांसद गिरधारी लाल डोगरा का मुजफ्फरपुर से 'चुमावन ' (शादी या शुभ अवसर पर आने-जाने व उपहार देने की रस्म) वाला संबंध था। अरुण जेटली भी उम्र भर वही संबंध व परंपरा निभाते रहे। पिछले विधानसभा चुनाव में आए तो यहां पर रात्रि प्रवास किया और सभी पुराने लोगों से मिले। उनके पारिवारिक रिश्ते की कड़ी मुजफ्फरपुर के नगर विधायक रहे रघुनाथ पांडेय से जुड़ी थी। गिरधारी लाल डोगरा से रघुनाथ पांडेय का पारिवारिक संबंध रहा। गिरधारी लाल की बेटी संगीता डोगरा की शादी जब अरुण जेटली से हुई तो उसमें वे शामिल हुए। इधर, गिरधारी लाल भी उनके पुत्र और मुजफ्फरपुर सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक के चेयरमैन अमरनाथ पांडेय की शादी में शामिल हुए थे। अमरनाथ पांडेय भी अरुण जेटली की बेटी की शादी में शामिल हुए। पुराने दिनों को याद करते हुए अमरनाथ पांडेय कहते हैं कि दोनों परिवारों के बीच रिश्ता पुराना था। पिता के जमाने से चला आ रहा दोनों परिवारों का रिश्ता आज तक बरकरार है। पिछले विधानसभा चुनाव में जब उनको आना था तो सूचना भेजी थी। जब वे बुद्धिजीवियों के सम्मेलन में आए तो व्यक्तिगत रूप से मुलाकात भी की। पत्नी विनीता विजय से मुलाकात कर परिवार का हाल-चाल लिया। दिल्ली में उनके आवास पर भी नियमित रूप आना-जाना रहा। जब भी मिले, नगर विधायक व नगर विकास एवं आवास मंत्री सुरेश शर्मा के साथ यहां की राजनीति पर चर्चा करते रहते। उनके निधन से देश ने एक सुलझा हुआ राजनेता खो दिया।
पंचायतों को टैक्स से बचाया
बात 1980 के दशक की है। अरुण जेटली राजनीति के साथ वकालत में काफी सक्रिय थे। उन दिनों मुजफ्फरपुर के विधायक थे रघुनाथ पांडेय। मुजफ्फरपुर नगर निगम के विस्तार करने का प्रस्ताव आया। उसमें भगवानपुर, रोहुआ, कोल्हुआ आदि पंचायत को निगम में शामिल करने की कवायद तेज हुई। सभी पंचायतों के मुखिया व आमलोगों ने शिकायत की कि इस निर्णय से बिना सुविधा के ग्रामीणों को दोहरे टैक्स की मार झेलनी होगी। जनता की शिकायत लेकर रघुनाथ पांडेय दिल्ली गिरधारी लाल डोगरा के यहां पहुंचे। वहीं अरुण जेटली से मुलाकात हुई। उन्होंने विशेषज्ञ व न्यायिक प्रक्रिया के जरिये इस कार्य को पूरा किया। पंचायत का नगर निगम में विलय नहीं हो पाया। अमरनाथ पांडेय कहते हैं कि उस वक्त पंचायत को निगम में शामिल कर लिया जाता तो बिना सुविधा के लोगों को टैक्स देना पड़ता।
मुजफ्फरपुर की लीची थी याद
अरुण जेटली पिछले विधानसभा चुनाव में इमलीचट्टी में एक होटल में ठहरे थे। बुद्धिजीवियों की बैठक के संयोजक डॉ. अशोक शर्मा बताते हैं कि कार्यकर्ताओं को जीत का मंत्र बताया। एक-एक व्यक्ति से तैयारी और मतदाताओं के मिजाज पर फीडबैक लिया। खाने पर जब चर्चा हुई तो उन्होंने कहा कि यहां की लीची तो मशहूर है। लेकिन, उसका एक खास मौसम है। होटल व्यवस्थापक कुमार अभिषेक व मनोज कुमार बताते हैं कि उनको खाने में 'पोहाÓ पसंद था। सादा खाना खाते थे। व्यवहार भी सरल था।