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Muzaffarpur Swadhar Grih Case में ब्रजेश को रिमांड पर लेने के लिए कोर्ट में अर्जी

Muzaffarpur Swadhar Grih Case ब्रजेश पर और कसेगा शिकंजा तीन अन्य धाराएं जोडऩे की अर्जी -बालिका गृह कांड में तिहाड़ जेल में सजा भुगत रहा ब्रजेश ठाकुर।

By Ajit KumarEdited By: Published: Wed, 19 Aug 2020 09:56 PM (IST)Updated: Wed, 19 Aug 2020 09:56 PM (IST)
Muzaffarpur Swadhar Grih Case में ब्रजेश को रिमांड पर लेने के लिए कोर्ट में अर्जी
Muzaffarpur Swadhar Grih Case में ब्रजेश को रिमांड पर लेने के लिए कोर्ट में अर्जी

मुजफ्फरपुर, जेएनएन। स्वाधार गृह मामले में ब्रजेश ठाकुर को न्यायिक रिमांड पर लेने के लिए कांड आइओ महिला थानाध्यक्ष नीरू कुमारी ने विशेष कोर्ट एससी/एसटी में अर्जी दाखिल की है। इसके अलावा मामले में आइपीसी की तीन अन्य धाराएं जोडऩे की अर्जी दाखिल की गई है। दोनों अर्जी पर अगले सप्ताह में सुनवाई होने की संभावना है। बालिका गृह कांड में सजायाफ्ता ब्रजेश ठाकुर फिलहाल दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद हैं। स्वाधार गृह मे उसे अप्राथमिकी आरोपित बनाया गया है।

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ये कहा गया अर्जी में 

कोर्ट में दाखिल अर्जी में नीरू कुमारी ने कहा है कि बालिका गृह से संबंधित मामले में सजायाफ्ता ब्रजेश ठाकुर तिहाड़ जेल में बंद है। स्वाधार गृह मामले में वह अप्राथमिकी आरोपित है। आगे की जांच के लिए उसे इस मामले में रिमांड किए जाने की आवश्यकता है।

ब्रजेश पर तीन अन्य धाराएं जोडऩे की अर्जी 

कांड की आइओ महिला थानाध्यक्ष ने विशेष कोर्ट में एक और अर्जी दी है। मामले की जांच के लिए आइपीसी की तीन अन्य धाराएं जोडऩे की अनुमति देने की प्रार्थना की गई है। इसमें आइपीसी की धारा- 406 (विश्वास का आपराधिक हनन), धारा 409 (सरकारी कर्मचारी द्वारा अमानत में खयानत) व धारा-420 (धोखाधड़ी) शामिल है। मामले की समीक्षा के बाद 26 दिसंबर 2018 को तिरहुत प्रक्षेत्र के आइजी ने इन धाराओं में जांच की आवश्यकता जताई थी। इसके लिए आइओ को कोर्ट से अनुमति लेने के लिए आवश्यक प्रतिवेदन देने का आदेश दिया था।

पहले इन धाराओं में हो रही जांच : स्वाधार गृह मामले की जांच पहले से कई धाराओं में चल रही हैै। इसमें आइपीसी की धारा-188, धारा- 363 (अपहरण करना), 366 ए (नाबालिग लड़की का अपहरण) व धारा-120 बी (आपराधिक षडयंत्र करना) हैं।

ये है मामला 

कल्याणी चौक के पास स्थित स्वाधार गृह से 11 महिलाएं व चार बच्चियां गायब हो गई थीं। बालिका गृह मामला सामने आने पर जब इसकी जांच कराई गई तो यहां ताला लटका मिला। बाल संरक्षण इकाई के तत्कालीन सहायक निदेशक दिवेश कुमार शर्मा ने महिला थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। पुलिस जांच में संलिप्तता सामने आने पर ब्रजेश ठाकुर व अन्य को अप्राथमिक आरोपित बनाया था।

विशेष लोक अभियोजक (एससी/ एसटी मामला) जयमंगल प्रसाद ने कहा कि स्वाधार गृह मामले में आइओ की ओर से विशेष कोर्ट में दो अर्जियां दाखिल की गई हैं। आइओ कुछ दिनों की छुट्टी पर जा रही हैं। उसकी मौजूदगी में ही वे इस अर्जी पर बहस करेंगे।  


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