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Women's Day 2021: कोरोना काल में अपनी समर्पित सेवा से मुजफ्फरपुर की एएनएम ने कायम की मिसाल

International Womens Day 2021 मुजफ्फरपुर के कांटी पीएचसी की एएनएम कुमारी शोभा ने जान जोखिम में डालकर मरीजों की जांच इलाज व जागरूकता में किया सहयोग। इनकी सक्रियता की वजह से पानापुर हवेली पंचायत में कोरोना का अधिक प्रसार नहीं हुआ।

By Murari KumarEdited By: Published: Mon, 08 Mar 2021 02:43 PM (IST)Updated: Mon, 08 Mar 2021 05:28 PM (IST)
Women's Day 2021: कोरोना काल में अपनी समर्पित सेवा से मुजफ्फरपुर की एएनएम ने कायम की मिसाल
मुजफ्फरपुर। कांटी पीएचसी की एएनएम कुमारी शोभा

मुजफ्फरपुर [अमरेंद्र तिवारी]। कांटी पीएचसी की एएनएम कुमारी शोभा ने कोरोना काल में अपनी समर्पित सेवा से मिसाल कायम की है। उन्होंने अपनी जान जोखिम में डालकर मरीजों की जांच, इलाज व जागरूकता में सहयोग किया। वहीं अपनी जान की परवाह किए बिना दुबई से आए एक कोरोना संदिग्ध की कोरोना जांच कराई। विभाग की ओर से उनको पानापुर हवेली पंचायत की जवाबदेही सौंपी गई थी। वहां इनकी सक्रियता की वजह से  कोरोना का अधिक प्रसार नहीं हुआ, जो चपेट में आए उनको घर पर जाकर दवा पहुुंचाने का काम वे खुद करतीं रहीं। 

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एएनएम कुमारी शोभा ने एक घटना का जिक्र करते हुए बताया कि कांटी पीएचसी के कोरोना कंट्रोल रूम में वे काम कर रहीं थीं। वहां सूचना मिली  कि एक कोरोना मरीज दुबई से गांव आया है और प्रशासन को सूचना दिए बगैर छुपा बैठा है। पीएचसी प्रभारी को तत्काल इसकी जानकारी दी गई। उन्होंने कहा कि वहां जाकर जांच करनी होगी। लेकिन लैब टेक्नीशियन की समस्या थी कि बिना पीपीई किट के कैसे जाएं। अन्य कर्मी भी हिचकने लगे। ऐसे में शोभा ने जवाबदेही ली तथा एंबुलेंस चालक संग उस गांव को निकल गईं। उस समय केवल मास्क सहारा था। गांव पहुंचने पर लोग दुबई से आए व्यक्ति की सूचना छिपाने लगे।  उसके बाद स्थानीय मुखिया को फोन किया।

 ग्रामीण नहीं चाहते थे कि कोरोना की जांच हो और लोगों ने उनके साथ पूरी टीम को घेर लिया। अचानक लगा कि अब जान बचनी मुश्किल है। फिर उरी गांव के एक परिचित की मदद से भीड़ को किसी तरह शांत किया। उसके बाद दुबई से आए  उस शख्स को खोजकर निकाला और उसे खुद एंबुलेंस से लेकर एसकेएमसीएच गई। हालांकि जांच रिपोर्ट में वह निगेटिव पाया गया। उसके बाद वह उस गांव के आसपास वह लगातार लोगों को जागरूक करती रहीं थीं। इस क्रम में चार सौ लोगों की कोरोना जांच कराई। जिसमें लक्षण मिले उसको होम क्वारंटाइन या क्वारंटाइन सेंटर पर ले जाकर रखने तथा दवा व भोजन का पूरा ख्याल रखती थीं। सुबह से देर रात तक गांव में रहकर सेवा दी। तत्कालीन सिविल सर्जन डॉ. एसपी ङ्क्षसह ने बताया कि शोभा की कर्तव्यनिष्ठता देखकर उन्हें कोरोना वैक्सीन सेंटर की जवाबदेही दी गई है। 


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