कोर्ट परिसर में गवाह को अनिल ओझा ने धमकाया, नहीं हो सकी गवाही Muzaffarpur News
छात्र नेता शमीम हत्याकांड में आजीवन कारावास की सजा भुगत रहा अनिल। जमीन कब्जे के प्रयास और फायरिंग मामले में कोर्ट में पेशी से पहले गवाह को दी धमकी।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। छात्र नेता शमीम हत्याकांड में आजीवन कारावास की सजा भुगत रहे जेल में बंद कुख्यात अनिल ओझा ने एक दूसरे मामले में गवाह को धमकी दी है। उसकी धमकी के कारण गवाही नहीं हो सकी। इस संबंध में गवाह शुकदेव ओझा ने कोर्ट में एक अर्जी दाखिल की है।
यह है मामला
वर्ष 2016 में खबड़ा गांव की बसंती देवी ने सदर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। इसमें अनिल ओझा व उसके दो सहयोगी ओमप्रकाश ठाकुर एवं राकेश रंजन पर जमीन कब्जा का प्रयास करने का आरोप लगाया था। इस दौरान घर पर चढ़कर फायरिंग व पांच लाख रुपये रंगदारी मांगने का आरोप भी लगाया गया था। अनुसंधान के बाद पुलिस ने सभी आरोपितों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था। फिलहाल इस मामले का विचारण न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी प्रमोद कुमार महथा के कोर्ट में चल रहा है।
इस मामले में बसंती देवी के पति शुकदेव ओझा की गवाही थी। उन्होंने आरोप लगाया कि गवाही देने के लिए कोर्ट में वे हाजिरी दाखिल कर बाहर बरामदे पर अपनी बारी का इंतजार कर रहा था। इसी बीच जेल से पुलिस अभिरक्षा में अनिल ओझा को कोर्ट में उपास्थापित कराने को लेकर लाया गया। कोर्ट के बाहर बरामदे पर उन्हें देखते ही उसने धमकी दी कि अगर इस केस में गवाही दी तो वह उन्हें उड़ा देगा। इससे वे भयभीत हो गए।
अभियोजन पदाधिकारी ने गवाही को लेकर एसएसपी को लिखा था पत्र
केस में अभियोजन पक्ष की ओर अनुमंडल अभियोजन पदाधिकारी पंकज कुमार ने एसएसपी को पत्र लिख कर गवाहों को कोर्ट में पेश करने की आवश्यक बताया था। इसमें उन्होंने कहा था कि गवाहों को पेश करने के लिए कोर्ट की ओर से सम्मन निर्गत किया जा चुका है। अगली तारीख को अगर गवाह कोर्ट में पेश नहीं हुए तो अभियोजन साक्ष्य बंद कर देने की संभावना है। इसका लाभ आरोपितों को मिल सकता है।