फैशन के बूते भोजपुरी को स्थापित कर रहीं अमीषा, नई पीढ़ी को भोजपुरी की ताकत का करा रहीं एहसास
मीठी बोली को वैश्विक पहचान दिलाने के लिए अमीषा ने नाम संग लगाया बिहारन, भोजपुरी स्लोगन युक्त टी-शर्ट कर रहीं तैयार।
पूर्वी चंपारण, [तारकेश्वर द्विवेदी]। अपनी मिट्टी और उसकी भाषा से बाबुल जैसा संबंध है। इरादे मजबूत हैं। इसे देश और दुनिया में स्थापित करने का निश्चय है। भोजपुरी भाषा को देश और दुनिया के लोगों की बोली में शामिल करने चली हैं बिहार की बेटी अमीषा। पूर्वी चंपारण के मेहसी थाना के जमादार शशि शेखर त्रिपाठी की इस बेटी ने फैशन को अपना हथियार बनाया है। वह फिलहाल पुणे स्थित एकेडमी में फैशन डिजाइनिंग की छात्रा हैं। शिक्षा के साथ-साथ नई पीढ़ी को भोजपुरी के ताकत का एहसास करा रही हैं। कई स्तरों पर बिहारी को अपमानित होता देख इस बेटी ने भोजपुरिया माटी का अहसास कराने के लिए अपना नाम बिहारन अमीषा त्रिपाठी रखा है। अपनी योग्यता का पूरा इस्तेमाल भोजपुरी को बढ़ावा दिलाने में कर रही हैं।
भोजपुरी स्लोगन का पेटेंट करा प्रिंट करा रही टी-शर्ट पर
भोजपुरी को आगे बढ़ाने के अभियान के तहत अमीषा ने पांच भोजपुरी स्लोगन का पेटेंट कराया है। स्लोगन का प्रयोग डिजाइनर टी-शर्ट पर किया है। इससे भोजपुरी को पहचान दिला रही है। अमीषा ने जो स्लोगन बनाया है उनमें बबुआ हम भोजपुरिया हईं, साफ बोका हव का, बिहार भोजपूरिया के नाम, पेड़े कटहल ओठे तेल व मुंह नियन मुंह ना घर डुमरांव आदि शामिल हैं। अमीषा बताती हैं कि इस अभियान का उद्देश्य भोजपुरी लोकोक्ति, स्लोगन व मुहावरा को समस्त भारतीयों के दिलो-दिमाग पर टी-शर्ट के माध्यम से अंकित करना है। ताकि सभी भोजपुरी की मिठास का अनुभव कर सकें।
फिल्म इंडस्ट्रीज व युवाओं में बढ़ रहा क्रेज
अमीषा द्वारा तैयार किए गए भोजपुरी स्लोगन लिखे टी-शर्ट का क्रेज भोजपुरी व हिंदी फिल्म इंडस्ट्री, भोजपुरी कलाकारों व युवाओं में लगातार बढ़ रहा है। राष्ट्रीय स्तर के फैशन-शो में अपना डिजाइन प्रस्तुत कर विभिन्न सम्मान प्राप्त कर चुकी अमीषा चाहती हैं कि भोजपुरी का विकास हो।
दादा-दादी से बक्सर की बेटी ने सीखा भोजपुरी
अमीषा मूल रूप से बक्सर जिला स्थित सिमरी प्रखंड के नगरपुरा निवासी पूर्व मुखिया शिवदास त्रिपाठी की पौत्री हैं। इनके पिता शशिशेखर त्रिपाठी पूर्वी चंपारण के मेहसी थाना में एएसआइ हैं। अमीषा का अधिकांश समय दादा-दादी के साथ व्यतीत हुआ। उन्हीं से उन्होंने भोजपुरी की मिठास को जाना और सीखा। फैशन की यह छात्रा बताती है- 'दादा शिवदास त्रिपाठी जनप्रतिनिधि रहते हुए सर्वाधिक भोजपुरी का इस्तेमाल करते थे। भाषा के प्रति लोगों को प्रेरित करते थे। इसे देख प्रारंभिक शिक्षा के समय से ही भोजपुरी को लेकर सम्मान बढऩे लगा। आज उसे बढ़ाना मेरा लक्ष्य है।
पूर्वी चंपारण जिले के पीपरा के विधायक श्यामबाबू प्रसाद यादव ने कहा कि बक्सर की यह बेटी हमारे लिए प्रेरणा स्त्रोत है। इस तरह के लोगों से समाज में नई ऊर्जा का संचार होगा। भोजपुरी को वैश्विक पहचान दिलाने के लिए काम कर रही अमीषा का काम सराहनीय है। इसके लिए आवश्यक जरूरतों को पूरा करने की दिशा में पहल करेंगे।