महिलाओं को स्वावलंबी बनाने के बाद अब इस नए अवतार में नजर आएंगीं बिहार की जीविका दीदियां
महिलाओं को स्वावलंबी बनाने की दिशा में उल्लेखनीय कार्य करने के बाद शराबबंदी को सफल बनाने के लिए जीविका दीदियों ने तत्परता दिखाई थी। इसके बाद महिलाओं से ही जुड़ी एक और समस्या को सुलझाने की जिम्मेदारी उन्हें सौंपी गई है।
मुजफ्फरपुर, जागरण संवाददाता। सीएम नीतीश कुमार के महत्वपूर्ण कार्यों में जीविका दीदी की अवधारणा भी एक है। महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर करने की दिशा में इनलोगों ने महत्वपूर्ण कार्य किया है। शराबबंदी के दौरान भी इनकी भूमिका की खूब सराहना की गई थी। इसके बाद घरेलू हिंसा से जुड़े मामलों को स्थानीय स्तर पर ही सुलझाने की जिम्मेवारी जीविका दीदियों को दी गई है। महिलाओं से जुड़े घरेलू हिंसा का निवारण करने काम करेंगी। अंतरराष्ट्रीय महिला हिंसा उन्मूलन दिवस पर राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन द्वारा राज्य में 15 सीएलएफ में साझा शक्ति केंद्र (जीआरसी) का उद्घाटन किया गया। इसका मुख्य उद्देश्य महिलाओं व लड़कियों के प्रति होने वाली हिंसा का स्थानीय स्तर पर ही समाधान करना है।
15 केंद्रों पर शुरू किया जाएगा काम
एनआरएलएम की पहल में जिला परियोजना समन्वय इकाई, मुजफ्फरपुर के बोचहां तथा मीनापुर प्रखंड के नौ साझा शक्ति केंद्र को शामिल किया गया है। जिला परियोजना प्रबंधक अनीशा ने बताया की जिले के 15 केंद्रों पर लैंगिक भेदभाव को दूर करने के लिए और स्त्रियों पर होने वाले घरेलू हिंसा को रोकने के लिए ये केंद्र काम करेगा। शिकायत के बाद काउंसिलिंग भी की जाएगी। इस संपूर्ण गतिविधि एवं रणनीति बनाने में सेंटर फोर कैटालाइजिंग चेंज जीविका को तकनीकी सहयोग प्रदान कर रही है।
लैंगिक भेदभाव और हिंसा को रोकने की शपथ
साझा शक्ति केंद्र की स्थापना के साथ ही दीदियों ने लैंगिक भेदभाव और हिंसा को रोकने की शपथ ली। रंगोली, पोस्टर एवं रैलियों के माध्यम से जागरूकता अभियान की शुरुआत की। महिलाओं के प्रति हो रही हिंसा को जड़ से समाप्त करने के लिए जीविका ‘नई चेतना’ अभियान की शुरुआत कर रही है। यह 23 दिसंबर तक चलेगा।अभियान के द्वारा सभी जीविका दीदी, हिंसा के प्रकार पहचानने और उनका प्रतिकार करने के बारे में बात करेंगी। अभियान की शुरुआत करते हुए दीदियों ने नारा लगाया, ‘अगर हिंसा को मिटाना है, तो मिलकर कदम बढ़ाना है।’ मौके पर जीविका की ओर से रितेश कुमार, शोभा कुमारी,राजीव रंजन, पन्नालाल संजीव रंजन और कल्पना कुमारी के साथ कई जीविका कर्मी मौजूद थे।