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नौकरी छोड़ अजीत जल संरक्षण के लिए चला रहे अभियान, लोग इन्हें कहते जल योद्धा

मेहनत से बागमती में छलक रहा पानी। उनकी मेहनत से हायाघाट के रुस्तमपुर में मृत बागमती हुई साफ।

By Ajit KumarEdited By: Published: Sat, 05 Jan 2019 10:36 AM (IST)Updated: Sat, 05 Jan 2019 10:36 AM (IST)
नौकरी छोड़ अजीत जल संरक्षण के लिए चला रहे अभियान, लोग इन्हें कहते जल योद्धा
नौकरी छोड़ अजीत जल संरक्षण के लिए चला रहे अभियान, लोग इन्हें कहते जल योद्धा

दरभंगा, [मुकेश कुमार श्रीवास्तव]। जल ही जीवन है। इसे बचाना हर किसी का कर्तव्य। यह जानने के बाद भी कुछ ही लोग आगे आते हैं। इन्हीं में से एक हैं दरभंगा शहर के आरएस टैंक मोहल्ला निवासी अजीत कुमार। डेढ़ दशक से नदी और तालाब बचाने में लगे हैं। उनकी मेहनत से हायाघाट में बागमती नदी की मृत धारा जीवित हुई। 20 से अधिक सूखे तालाबों में पानी है। क्षेत्र के लोग इन्हें 'जल योद्धा' कहते हैं। मुजफ्फरपुर जिले के चंगैल निवासी अजीत कुमार स्नातकोत्तर और बीएड के बाद शिक्षक बने।

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    उनकी शादी दरभंगा के खराजपुर में हुई तो यहां की धरती से गहरा लगाव हो गया। यहां हायाघाट से होकर बहने वाली बागमती नदी की मृत धारा देख काफी दुखी हुए। कभी सालोंभर पानी से लबालब रहने वाली नदी गंदगी के चलते नाले का रूप ले चुकी थी। इतने द्रवित हुए कि सरकारी नौकरी छोड़ जल संरक्षण में जुट गए। 2007 में उन्होंने नदी को जीवित करने का संकल्प लिया। इसकी सफाई में जुट गए।

   पत्नी ने भी सहयोग किया। फिर तो लोग भी साथ आने लगे। ग्रामीणों और हायाघाट प्रखंड के लोगों के सहयोग से देखते ही देखते कुछ ही दिनों में नदी साफ हो गई। रूस्तमपुर गांव से एक किलोमीटर की दूरी में सूखी पड़ी नदी में साफ पानी बहने लगा। लोगों के सहयोग से नदी के दोनों किनारे एक हजार पौधे भी लगाए गए। इनमें से 500 पौधे बचे, जो पेड़ हो चुके हैं। 

ग्रामीणों की बैठक से अभियान की शुरुआत

इसके बाद अजीत के अभियान में तेजी आई। तालाब बचाओ अभियान समिति के बैनर तले सूख चुके तालाबों की उड़ाही में लग गए। लोगों के सहयोग से एक-एक कर 20 तालाबों की सफाई कर डाली। हायाघाट का सुरिया तालाब होरपट्टी, लालबाबू पोखर बिसाईपट्टी, मझौलिया पोखर परमार, देवीपुर पोखर और परमानंद पोखर आदि इसके गवाह हैं।

   किसी गांव में अभियान शुरू करने से पहले ग्रामीणों के साथ बैठक करते हैं। जल और उसके संचय का महत्व बताते हैं। तालाबों की उड़ाही में लोग आगे आएं, इसके लिए खुद श्रमदान करते हैं। उन्होंने मनरेगा से कई तालाबों को जीवंत किया है।

राजेंद्र सिंह भी हुए प्रभावित

अजीत के काम की चर्चा 'वाटरमैन ऑफ इंडिया' राजेंद्र सिंह तक पहुंची तो वे अक्टूबर 2015 में दरभंगा आए। यहां तीन दिन रहे। उनका कार्य देख प्रोत्साहित किया। सर्वोदय बाल मित्र मंडल के संरक्षक हृदय नारायण चौधरी और किशोर न्याय बोर्ड के सदस्य अजीत कुमार मिश्र सहित अन्य अजीत से प्रभावित हो जल संरक्षण अभियान में लगे हैं। इन लोगों का कहना है कि जल संचय और पर्यावरण की सुरक्षा जरूरी है। अजीत कहते हैं, तालाब आम लोगों की संपत्ति है। इसे बचाना हमारा कर्तव्य है। ऐसा नहीं हुआ तो आने वाली पीढ़ी को जल संकट से गुजरना पड़ेगा। 


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