शहर के लोगों को तेजी से बीमार कर रहा वायु प्रदूषण, जानें किस बीमारी पीडि़त हो रहे लोग
SKMCH के ओपीडी में हर रोज पहुंचते ऐसे दस फीसद मरीज। सांस के साथ एलर्जी के बच्चे एवं बुजुर्ग हो रहे सर्वाधिक शिकार।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। शहर से ग्रामीण क्षेत्र तक इन दिनों वायु प्रदूषण से विभिन्न बीमारियों की चपेट में लोग आ रहे हैं। चिकित्सकों की मानें तो एसकेएमसीएच की ओपीडी में आने वाले मरीजों में दस फीसद मरीज वायु प्रदूषण के कारण ग्रसित होकर कई बीमारी के शिकार हो पहुंच रहे हैं। इसमें बच्चे व बुजुर्ग सांस के साथ एलर्जी के सर्वाधिक शिकार हो रहे हैं।
सांस व एलर्जी की बीमारी
मालूम हो कि विगत एक सप्ताह में सांस व एलर्जी के साथ वायु प्रदूषण से ग्रसित लगभग चार सौ से अधिक मरीज इलाज को पहुंचे। इसमें गंभीर रूप से बीमार 39 मरीज को भर्ती किया गया। इनमें दो की मौत हो गई। फिलहाल इन मरीजों से सीसीयू, आइसीयू व पीआइसीयू हाउसफुल हैं। इससे आने वाले मरीजों को इमरजेंसी व सामान्य वार्ड में रखकर इलाज किया जा रहा है।
मौसम की बीमारी का प्रकोप
शिशु विभाग के डॉ. प्रदीप शरण, डॉ. यूसी विद्यार्थी एवं औषधि विभाग के डॉ.आरएन सिंह व डॉ. सतीश कुमार सिंह ने बताया कि बदलते मौसम से इस बीमारी का प्रकोप बढ़ गया है। बच्चे व बुजुर्ग सर्वाधिक पीडि़त हो रहे हैं। इसका प्रमुख कारण प्रदूषण, धुआं और दुर्गंध भी हैं। इससे बचाव को घर से बाहर निकलने के साथ मास्क लगाना जरूरी है।
चिकित्सकों को अलर्ट किया गया
एसकेएमसीएच के अधीक्षक डॉ. एसके शाही ने कहा कि मौसम में बदलाव के साथ बढ़ रहे मरीजों को देखते हुए औषधि एवं शिशु रोग विभाग के चिकित्सकों को अलर्ट किया गया है। अस्पताल पहुंचने वाले मरीजों के लिए इलाज की समुचित व्यवस्था उपलब्ध है।
डिजीटल एक्सरे का गिरा ग्राफ
एसकेएमसीएच में डिजीटल एक्सरे को लगा डीआर मशीन विगत छह माह से खराब पड़ा है। इसके कारण सीआर मशीन पर दबाव बढ़ा रहता है। वही सामान्य एक्सरे को चिकित्सक बेकार कहते हैं। इससे कोई विशेष जानकारी नही मिल पाता है। इसके कारण डिजीटल एक्सरे का ग्राफ काफी कम हो गया है।
पहले जहां यह एक्सरे प्रत्येक माह 4500 से 5500 तक हुआ करता था। इन दिनों यह मात्र 3000 से 4000 के बीच ही रहता है। इसके साथ ही जरूरतमंद डिजीटल एक्सरे के मरीजों को घंटों इंतजार करना पड़ता है। इस बीच नित्य दिन दर्जनों मरीज को निजी में जाना पड़ता है।मालूम हो कि वर्ष 2019 के सितम्बर माह से क्रमश: वर्ष 2020 के फरवरी माह तक 3205, 3225, 3407, 3343, 3055 एवं 2857 मरीजों का डिजीटल एक्सरे किया गया। जबकि इससे पूर्व प्रत्येक माह 4500 से 5500 तक मरीजों का ऐक्सर किया जाता था।
ठीक कराने की प्रक्रिया जारी
एसकेएमसीएच अधीक्षक डॉ. एसके शाही ने कहा कि डीआर मशीन को ठीक कराने की प्रक्रिया जारी है। यह जल्द ही ठीक हो जाएगा। हालांकि मरीजों को डिजीटल एक्सरे की सुविधा सीआर मशीन से जारी है। यह सुविधा सुबह आठ बजे से शाम आठ बजे तक मिल रहा है। इससे मरीजों को कोई विशेष परेशानी नही होता है। रात्रि में सामान्य एक्सरे किया जाता है।