दो साल बाद बिहार के प्रारंभिक स्कूल के विद्यार्थियों की परीक्षा आज से
7.98 लाख परीक्षार्थी विभिन्न तिथियों को परीक्षा में होंगे शामिल। इस बारे में बीईपी राज्य कार्यालय की ओर से कहा गया है कि 2020 में जो प्रश्नपत्र और सामग्री भेजी गयी थी उसी पर परीक्षा ली जाएगी। स्कूलों को सामग्री उपलब्ध कराने का निर्देश।
मुजफ्फरपुर, जासं। सरकारी स्कूलों में अध्ययनरत विद्यार्थियों की परीक्षा सात मार्च से शुरू हो रही है। सोमवार से 10 मार्च तक पांचवीं और आठवीं कक्षा के विद्यार्थी परीक्षा में शामिल होंगे। वहीं चौथी, छठी और सातवीं कक्षा के विद्यार्थी 25 से 29 मार्च तक परीक्षा देंगे। परीक्षा दो पालियों में संचालित करने का निर्देश दिया गया है। पहली पाली सुबह 10 से दोपहर 12 और दूसरी पाली दोपहर एक से तीन बजे तक चलेगी। इन विद्यार्थियों के उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन संकुल स्तर पर किया जाएगा। बता दें कि पिछले दो वर्षाें से कोरोना संक्रमण के कारण स्कूल बंद थे। इस कारण बिना परीक्षा के ही विद्यार्थियों को अगली कक्षाओं में बढ़ा दिया गया था।
बीईपी राज्य कार्यालय ने बताया कि 2020 में जो प्रश्नपत्र और सामग्री भेजी गयी थी, उसी पर परीक्षा ली जाएगी। जिले के कई प्रखंडों में छात्र-छात्राओं की संख्या के अनुसार प्रश्नपत्र और उत्तरपुस्तिकाएं उपलब्ध नहीं हैं। इसको लेकर संबंधित स्कूल के प्रधानाध्यापकों ने विभाग से प्रश्नपत्र उपलब्ध कराने को कहा है। कहा है कि संसाधन और रख-रखाव के अभाव में दो वर्षों में परीक्षा सामग्री नष्ट हो गई। बिहार शिक्षा परियोजना जिला कार्यालय की ओर से परीक्षा की मानीटरिंग के लिए छह अधिकारियों की टीम बनाई गई है। अपर जिला कार्यक्रम समन्वयक श्याम नंदन झा को कुढऩी, सहायक कार्यक्रम पदाधिकारी दिनेश राम को सकरा व मुरौल, सहायक साधनसेवी डा.कुमारी मेनका को मुशहरी, सहायक साधनसेवी बासुकीनाथ यादव को मोतीपुर, सहायक साधनसेवी मो.असीरउद्दीन को गायघाट और सहायक साधनसेवी सुजीत कुमार को कटरा व बोचहां प्रखंड की जिम्मेदारी दी गई है।
अपने स्कूल में नहीं करना है उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन
बीईपी की ओर से जारी निर्देश में यह भी कहा गया है कि कोई भी प्रधानाध्यापक अपने ही स्कूल में कापियों की जांच नहीं करेंगे। संकुल स्तर पर उत्तर पुस्तिकाओं की जांच की जाएगी। इसके बाद मार्च के अंतिम सप्ताह तक इसका परिणाम भी जारी किया जाएगा।