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कारगिल के शहीद सुनील के नाम पर इस सड़क का नाम रख तो दिया, लेकिन इसकी हिफाजत की चिंता किसी को नहीं, इसपर पैदल या वाहन से चलना दुरूह

करजा चौक एनएच 722 से निकलकर बलिया एनएच 28 को जोड़ने वाली सड़क का नामकरण कारगिल के शहीद सुनील कुमार सिंह के नाम पर रखा गया। मगर यह अत्यंत जर्जर हाल में है। इसके रखरखाव पर प्रशासन का ध्यान नहीं है।

By Ajit KumarEdited By: Published: Fri, 25 Sep 2020 05:21 PM (IST)Updated: Fri, 25 Sep 2020 05:21 PM (IST)
कारगिल के शहीद सुनील के नाम पर इस सड़क का नाम रख तो दिया, लेकिन इसकी हिफाजत की चिंता किसी को नहीं, इसपर पैदल या वाहन से चलना दुरूह
ग्रामीण क्षेत्रों की कई सड़कें जर्जर स्थिति में पहुंच गई हैं, जिनपर चलना दूभर है।

मुजफ्फरपुर, [ राजेश रंजन ]। बिहार विधानसभा चुनाव की रणभेरी बजने ही वाली है। सभी पाॢटयां अपनी अपनी तैयारियों में जुटी हैं। विकास होने के दावे और नहीं होने के आरोप के बीच जनता सरकार के कामकाज का आकलन अपने हिसाब से भी कर रही है। इन्हीं में ग्रामीण इलाकों की सड़कों की स्थिति भी है। । ग्रामीण क्षेत्रों की कई सड़कें जर्जर स्थिति में पहुंच गई हैं, जिनपर चलना दूभर है। हम बात करें अगर मुजफ्फरपुर जिले के मरवन प्रखंड की तो इस प्रखंड की लगभग सभी सड़कें विकास के दावे की कलई खोल रही हैं।

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सभी सड़कों की दशा खराब

मरवन प्रखंड में बरका गांव ढाला से झखड़ा होते हुए कर्जा चौक तक जाने वाली सड़क हो या फिर मड़वन चौक से भटौना होते हुए बोरवारा होते हुए छाजन जाने वाली सड़क, सभी की दशा खराब है। इन सड़कों पर पैदल व वाहन से चलना काफी मुश्किल हो गया है।

वाहन हिचकोले खाते ही निकलते

कर्जा चौक एनएच 722 से निकलकर बलिया एनएच 28 को जोडऩे वाली सड़क का नामकरण कारगिल के शहीद सुनील कुमार सिंह के नाम पर किया शहीद सुनील पथ रखा गया। इसकी हालत यह है कि थोड़ी-सी बारिश में ही सड़क नाले में तब्दील हो जाती है। जिससे लोगो का चलना दूभर हो जाता है। पैदल कि कौन कहे दो पहिया व चार पहिया वाहन भी इस से गुजरने में परहेज करते हैं। वहीं अगर बारिश नहीं भी हो रही हो तो भी इस सड़क पर जगह-जगह गड्ढों के कारण वाहन हिचकोले खाते ही निकलते हैं।

पथ दोनों तरफ से अतिक्रमण का शिकार

शहीद सुनील पथ दोनों तरफ से अतिक्रमण का शिकार है। वहीं रही सही कसर इसके गड्ढे पूरी कर देते हैं। खास तौर पर कर्जा से परतापुर तक तो इस सड़क की हालत अत्यंत दयनीय है। इसकी खराब स्थिति को देखते हुए कहींं-कहींं लोगों ने अपने स्तर से इस पर मिट्टी डलवा दी है तो कहीं ईंट के टुकड़े रखकर चलने लायक बनाने का प्रयास किया गया है, मगर इससे राहत नहीं हुई है।

आए दिन होती दुर्घटनाएं

वर्तमान में इस सड़क पर कोई भी ऐसी जगह नहीं है जहां पानी जमा न हो । पानी जमा होने की वजह से गड्ढे नहीं दिखने के कारण आए दिन दुर्घटनाएं होती रहती हैं।

मरम्मत के कुछ ही दिनों बाद फिर गड्ढे में तब्दील हो गई सड़क

ग्रामीण अमित कुमार ,अरुण कुमार विकास, संदीप कुमार, राकेश कुमार, मनोज सिंह,रामबाबू गुप्ता,मुकेश कुमार यादव सहित अन्य बताते हैं कि दो वर्ष पूर्व इसकी मरम्मत कराई गई थी, मगर यह सड़क कुछ ही दिनों में फिर गड्ढे में तब्दील हो गई। इस संबंध में बीडीओ अरशद रजा खान बताते हैं कि इस सड़क की मरम्मत आरईओ या कोई अन्य एजेंसी ही कर सकती है। वहींं स्थानीय लोगों को भी सड़क के अतिक्रमण से बचना चाहिए। 


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