Double murder in Muzaffarpur : दंपती की हत्या के बाद दूसरी घटना को अंजाम देने की फिराक में था नितेश
Double murder in Muzaffarpur वाट्सएप पर एसपी नाम के साथी से हत्याकांड की चैटिंग का मिला साक्ष्य। दिल्ली में जूता बनाने वाली कंपनी में काम करता था राकेश छुट्टियों में आया था घर।
मुजफ्फरपुर, जेएनएन। ब्रह्मपुरा ज्ञानलोक मोहल्ले में सेवानिवृत एआइजीआर अजय कुमार शर्मा और उनकी पत्नी रेणु देवी की हत्या करने के बाद हत्यारोपित नितेश दूसरी घटना को अंजाम देने की फिराक में था। यह काम पूरा होते ही वह भी नेपाल भागने वाला था। उक्त बातों का पता पुलिस को नितेश के मोबाइल से मिली वाट््सएप चैटिंग से लगा है। इसमें उसने अपने एक एसपी नाम के साथी से चैटिंग की है, जिसमें उसने दंपती की हत्या की बात स्वीकार की है।
सपी नाम के युवक की तलाश
इसी चैटिंग में उसके साथी एसपी ने पूछा तो नितेश ने बताया कि एक काम है, अगर कल होता है तो कल ही निकल जाएंगे। अन्यथा दो दिन बाद जाएंगे। मुरारी नाम के साथी के बारे में नितेश के पूछने पर एसपी ने कहा कि नहीं वह अभी अंदर ही है। इसका पता लगते ही पुलिस एसपी नाम के युवक की तलाश में जुट गई है। ब्रह्मपुरा पुलिस ने हत्यारोपितों के पास से बरामद खून से सने कपड़े की एफएसएल जांच के लिए कोर्ट से अनुमति मांगी है। इसके अलावा पूर्व में दंपती के कमरे से मिले फिंगर पिं्रट और पैर के छाप का मिलान हत्यारोपितों से कराया जाएगा। इसकी रिपोर्ट आनी बाकी है।
27 दिसंबर को आया था घर
जेल भेजे गए राकेश के स्वजनों ने बताया कि वह दिल्ली में एक जूता बनाने वाली कंपनी में काम करता है। 27 दिसंबर को छुट्टी लेकर घर आया था। नितेश से उसकी पहचान नहीं है। सोहैल के साथ उसकी दोस्ती थी। घटना के दिन वह साढ़े पांच बजे शाम में क्रिकेट मैच देखकर घर आया था। इसके बाद वह गांव में एक चाय-नाश्ते की दुकान पर था। इसका फुटेज भी स्वजनों के पास है। उन्होंने राकेश को निर्दोष बताया और कहा कि उसे साजिश के तहत फंसाया गया है। उसी दिन उसने एटीएम से सात हजार रुपये भी निकाले थे। इसका जिक्र पुलिस ने जब्ती सूची में भी नहीं किया है।
आर्थिक तंगी से जूझने की कही बात
सोहैल ने अपने स्वीकारोक्ति बयान में कहा कि वह मुर्गा बेचने का काम करता है। उसकी आर्थिक हालत ठीक नहीं है। छह जनवरी को उसका साथी शुभम उससे मिला था और कहा कि नितेश भाई का एक काम है करोगे। बहुत पैसा मिलेगा। तुम्हारी सब परेशानी दूर हो जाएगी। काम के बारे में पूछने पर कहा कि ब्रह्मपुरा में एक पूर्व आइजी की हत्या करनी है। यह सुनकर सोहैल ने मना कर दिया। लेकिन, बार-बार दबाव बनाने और पैसे का लालच देने पर हामी भर दी।
सिर्फ सेवानिवृत्त अधिकारी की हत्या करने की ली थी सुपारी
हत्यारोपितों ने पुलिस को बताया कि सिर्फ सेवानिवृत्त अधिकारी की हत्या करने की सुपारी ली थी। साजिशकर्ता ने अफरान को बताया था कि उस समय घर में अकेले अजय शर्मा होंगे। वे लोग सही समय पर पहुंचे और उनकी हत्या कर दी। इसके बाद सिरहाने के नीचे से आलमारी की चाबी निकाली। इसे खोजकर जेवर और कैश लेकर अफरान में अपने बैग में रख लिया। जैसे ही वहां से निकलने वाले थे तभी रेणु देवी बाहर से आ गईं। हत्यारों को देखकर उन्होंने शोर मचाया तभी सभी ने उन्हें दबोच लिया और मारपीट करने लगे। इसी बीच अफरान ने हथौड़े से मारकर उनकी भी हत्या कर दी।
दो दिनों बाद पैसा देने की कही थी बात
हत्या के बाद अफरान समेत अन्य नितेश के घर पहुंचे। वहां से अफरान अपनी बाइक लेकर निकल गया। कहा कि दो दिनों बाद आकर पैसे दे दूंगा। दो दिनों बाद नितेश ने कई बार अफरान को कॉल किए। एक महिला ने बताया कि अफरान घर पर नहीं है। इसी बीच पुलिस ने नितेश को गिरफ्तार किया और इसके बाद अन्य दो की गिरफ्तारी हुई।
वाट्सएप पर यह हुई चैटिंग
नितेश : हाय, हम नितेश
एसपी : क्या हाल है, कितना पैसा मिला?
नितेश : कहां पे?
एसपी : पूर्व आइजी, ब्रह्मपुरा, समझे?
नितेश : हम नेपाल थे।
एसपी : कहां खो गए?
नितेश : दो दिन पहले आएं हैं घर पे।
एसपी : कौन किया है?
नितेश : अपना ही आदमी था।
एसपी : अफरान भी था?
नितेश : नहीं वो काठमांडू में है।
एसपी : ओ। पैसा मिला कि नहीं ?
नितेश : मिला।
एसपी : ओ।
नितेश : कल निकल जाएंगे यहां से।
एसपी : ओके।
नितेश : एक काम है, अगर कल होता है तो कल निकलेंगे नहीं तो दो दिन बाद। मुरारी निकल गया है कि है?
एसपी : नहीं, अभी अंदर है।